देहरादून: महिला सुरक्षा और बलात्कार पीड़िताओं की सहायता के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए निर्भया फंड के तहत प्रदेश के 5 जनपदों को रुपए मिल चुके हैं. जिसमें (हरिद्वार, उधम सिंह नगर, अल्मोड़ा, नैनीताल और बागेश्वर) जनपद को भी निर्भया फंड के तहत साल 2019 में 6 लाख 70 हजार रुपए प्राप्त हो चुका है. इसके बावजूद प्रदेश में महिलाओं से जुड़े अपराधों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है.
उत्तराखंड में महिला अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. साल 2019 में जहां कुल 1833 महिला अपराध से जुड़े मामले दर्ज किए गए थे. वहीं इस साल सितंबर 2020 तक प्रदेश भर से 1740 महिला अपराध से जुड़े मामले दर्ज किए जा चुके हैं. इन मामलों में बलात्कार से जुड़े 335 मामले भी शामिल हैं.
साल 2019 में हरिद्वार, उधम सिंह नगर, नैनीताल, बागेश्वर और अल्मोड़ा जनपदों को 6 लाख 70 हजार रुपए का निर्भया फंड प्राप्त हुआ है. जिसके तहत विभिन्न वर्कशॉप और सेमिनार के माध्यम से 10वीं और 12वीं में पढ़ने वाली छात्राओं को आत्मरक्षा के टिप्स सिखाए गए.
जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) अखिलेश मिश्र ने बताया कि सभी पांचों जनपदों की ओर से निर्भया फंड के तहत प्राप्त हुई धनराशि का 100% सदुपयोग की जा चुका है. वहीं, केंद्र सरकार को इन सभी जनपदों का उपभोग प्रमाण पत्र भी भेजा जा चुका है.
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सरकार कर रही ये प्रयास
वहीं, अब सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि प्रदेश के अन्य जनपदों में भी महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं. जिससे शेष जनपदों में भी निर्भया फंड के तहत धनराशि प्राप्त हो सके. ऐसे में सभी जनपदों से निर्भया फंड के तहत निकट भविष्य में किए जाने वाले कार्य का प्रस्ताव मांगा गया है.
अन्य जिलों से मिला ₹243 करोड़ का प्रस्ताव
शासन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक सभी जनपदों से ₹243 करोड़ का प्रस्ताव प्राप्त भी हो चका है. ऐसे में इन सभी प्रस्तावों को बेहतर तरह से जांचने के बाद जल्द ही इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.
साल 2018 से लेकर सितंबर 2020 तक के महिला अपराधों के आंकड़े
बता दें, साल 2012 में जब देश की राजधानी दिल्ली से निर्भया कांड की खबरें आई थी तब पूरा देश बलात्कार के बढ़ते मामलों के खिलाफ एकजुट हो गया था, जिसके बाद केंद्र सरकार ने महिला सुरक्षा और बलात्कार पीड़िताओं की सहायता के लिए निर्भया फंड की स्थापना की थी. प्रदेश के साथ ही देश के अन्य राज्यों को भी पिछले कई सालों से निर्भया फंड के तहत धनराशि दी जा रही है. लेकिन इसके बावजूद महिला अपराध से जुड़े मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं, जोकि चिंता का विषय बनते जा रहे हैं.