हरिद्वार: जिले में बीते दिनों आई भीषण बाढ़ के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था. वर्तमान स्थिति यह है कि अभी भी स्थितियां पूरी तरह से पटरी पर नहीं लौट पाई हैं. भीषण बाढ़ का असर बेजुबान पशुओं पर भी पड़ रहा है. शुरुआती आंकड़ों के अनुसार करीब 22,000 पशु इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. जिनके लिए तमाम व्यवस्थाओं को बेहतर करने का दावा किया जा रहा है.
दरअसल, बीते 20 दिन पहले प्रदेश में हुई भारी बारिश के चलते तमाम क्षेत्रों में आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया था. इसी क्रम में हरिद्वार जिले में सोनाली नदी का तटबंध टूटने की वजह से लक्सर क्षेत्र के कई हिस्से जलमग्न हो गए थे. जिसके चलते क्षेत्र की स्थिति बद से बदतर हो गई थी. यही नहीं, तटबंध टूटने के चलते सभी सड़कें तालाब में तब्दील हो गई थी, जिससे लोगों का जीना दूभर हो गया है.
ये भी पढ़ें: देहरादून में उफनते नाले में बहा व्यक्ति, पुलिया पार करते समय हुआ हादसा, सर्च ऑपरेशन जारी
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि अभी तक जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार करीब 22 हजार पशु बाढ़ से प्रभावित हैं. हालांकि, इसके लिए एक 5 सदस्यीय कमेटी गठित की गई है. कमेटी में प्रधान, क्षेत्रीय पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, तहसीलदार और एसडीएम शामिल हैं. साथ ही जितने भी पशुधन प्रभावित हैं, उनके लिए भूसे और हरे चारे के लिए एक कमेटी बनाई गई है और वो खुद हर हफ्ते इसकी समीक्षा कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: चीन बॉर्डर का भारत से संपर्क कटा, बदरीनाथ हाईवे का 70 मीटर हिस्सा ध्वस्त, मार्ग खुलने में लगेंगे इतने दिन, देखें वैकल्पिक रास्ता