देहरादून: उत्तराखंड जेल प्रशासन कैदियों को नया जीवन देने जा रहा है. जेल प्रशासन पहले चरण में 4 जेलों में लगभग 200 कैदियों को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से जोड़ने जा रहा है, जिससे सजा पूरी होने के बाद कैदी अपराध का रास्ता छोड़कर एक आम नागरिक की तरह जी सकें.
पहले चरण में देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर की जेलों में 200 उन कैदियों को प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेंट स्कीम से जोड़ा जाएगा, जो लंबे समय से जेल में सजा काट रहे हैं. यह इसलिए सजा काटकर जेल से निकलने के बाद कैदियों को पहले ही स्वरोजगार से जोड़ा जाए.
इस केंद्रीय योजना के लिए जेल प्रशासन ने 'आर्ट ऑफ लिविंग' संस्था से एमओयू साइन किया है. यह संस्था प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेंट योजना के तहत कैदियों को स्वरोजगार से जुड़े अलग-अलग कार्य सिखाएगी. पहले चरण में राज्य के 4 जेलों और फिर धीरे धीरे प्रदेश की सभी 11 जेलों में कैदियों को प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा.
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उत्तराखंड जेल आईजी एपी अंशुमान ने बताया कि इसका मुख्य मकसद जेलों में बंद शातिर अपराधी जो लंबे समय से जेलों में सजा काट रहे हैं, उनको भी एक नई राह दिखाना है. ताकि वह सजा पूरी करने के बाद अपराध के रास्ते को छोड़कर समाज के जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपना स्वरोजगार शुरू कर परिवार चला सकें.
उन्होंने बताया कि स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत जेल में कैदियों को अलग-अलग ट्रेड से जुड़े स्किल्स सिखाए जाएंगे. इसमें गार्डनिंग, स्विमिंग मास्टर, इंटीरियर डिजाइनर, कारपेंटर व फार्मिंग सहित अलग-अलग तरह के स्वरोजगार चलाने वाले कार्यक्रम चलाए जाएंगे.