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18 साल की उम्र में ही योगाचार्य बने वीरेंद्र चौबे, बच्चों को सिखा रहे योग-साधना - Yoga Sadhak Virendra Choubey Latest News

वीरेंद्र चौबे ने बताया कि वह इस समय ऋषिकेश पीजी कॉलेज से बीएससी प्रथम वर्ष बायोलॉजी से कर रहे हैं. बीएससी कंप्लीट करने के बाद वह आयुर्वेद का भी ज्ञान लेना चाहते हैं.

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18 साल की उम्र में ही योगाचार्य बने वीरेंद्र चौबे
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Published : Jun 20, 2021, 5:06 PM IST

Updated : Jun 20, 2021, 10:21 PM IST

ऋषिकेश: तीर्थ नगरी ऋषिकेश को योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि यहां से योग के असाधारण साधक और योगाचार्य निकलते हैं. आज ऐसे ही एक योग साधक वीरेंद्र चौबे से ईटीवी भारत आपको रूबरू कराने जा रहा है, जिनकी उम्र अभी महज 18 साल है.

18 साल की उम्र में ही योगाचार्य बने वीरेंद्र चौबे

ऋषिकेश के चंद्रेश्वर नगर में रहने वाले वीरेंद्र चौबे मात्र 18 साल के हैं, लेकिन अपनी योग की कलाओं को दिखाकर वह बड़े-बड़ों को भी अचंभे में डाल देते हैं. वीरेंद्र की उम्र भले ही छोटी हो, लेकिन इनकी सोच बहुत बड़ी है. बीएससी फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रहे वीरेंद्र ने स्कूली दिनों से ही योग की शिक्षा लेनी प्रारंभ कर दी थी.

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18 साल की उम्र में ही योगाचार्य बने वीरेंद्र चौबे

पढ़ें- उत्तराखंड में 29 जून तक बढ़ा कोरोना कर्फ्यू, 11 जुलाई से शुरू होगी चारधाम यात्रा

वे स्कूल में ही रहते हुए दो बार योग की प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल भी जीत चुके हैं. वीरेंद्र चौबे का कहना है कि वह चंद्रभागा व उसके आसपास के मलिन बस्तियों में रहने वाले 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को योग मुफ्त में सिखाते हैं. वे आने वाली पीढ़ियों को नशे की ओर से जाने से रोकना चाहते हैं.

Yogacharya Virendra Choubey
बच्चों को योग मुफ्त में सिखाते हैं वीरेंद्र चौबे

पढ़ें- मुख्यमंत्री तीरथ ने देवभूमि की बेटी स्नेह राणा को दी शुभकामनाएं

कोविड-19 से पहले वे लगभग 25 से 30 बच्चों को योग सिखा रहे थे. अभी फिलहाल कोरोना के कारण उनकी योग कक्षाएं बंद हैं. वीरेंद्र चौबे ने बताया कि वह इस समय ऋषिकेश पीजी कॉलेज से बीएससी प्रथम वर्ष बायोलॉजी से कर रहे हैं. बीएससी कंप्लीट करने के बाद वह आयुर्वेद का भी ज्ञान लेना चाहते हैं. वीरेंद्र का कहना है कि वह आयुर्वेद योग और साइंस की जानकारी लेकर लोगों के बीच इसका प्रचार-प्रसार करना चाहते हैं. वीरेंद्र ने बताया कि वह पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने देश में रहकर ही लोगों को योग आयुर्वेद की शिक्षा देंगे, ताकि अपने देश के लोग तरक्की कर सकें.

Yogacharya Virendra Choubey
गरीब बच्चों के साथ वीरेंद्र चौबे

पढ़ें- देहरादून स्मार्ट सिटी के कार्यों के गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल, कांग्रेस के साथ ही BJP विधायक भी निराश

वीरेंद्र आर्थिक स्थिति मजबूत तो नहीं है लेकिन उनकी सोच और दृढ़ संकल्प जरूर मजबूत है. वीरेंद्र पांच भाई बहन हैं. वीरेंद्र के पिता एक ऑटो ड्राइवर हैं. उनके सभी भाई बहन अभी पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे में इस प्रतिभा को निखारने के लिए अगर कोई हाथ बढ़ाएं तो निश्चित तौर पर यह प्रतिभा देश के काम जरूर आ सकती है.

Yogacharya Virendra Choubey
बच्चों को योग सिखाते वीरेंद्र चौबे

ऋषिकेश: तीर्थ नगरी ऋषिकेश को योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि यहां से योग के असाधारण साधक और योगाचार्य निकलते हैं. आज ऐसे ही एक योग साधक वीरेंद्र चौबे से ईटीवी भारत आपको रूबरू कराने जा रहा है, जिनकी उम्र अभी महज 18 साल है.

18 साल की उम्र में ही योगाचार्य बने वीरेंद्र चौबे

ऋषिकेश के चंद्रेश्वर नगर में रहने वाले वीरेंद्र चौबे मात्र 18 साल के हैं, लेकिन अपनी योग की कलाओं को दिखाकर वह बड़े-बड़ों को भी अचंभे में डाल देते हैं. वीरेंद्र की उम्र भले ही छोटी हो, लेकिन इनकी सोच बहुत बड़ी है. बीएससी फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रहे वीरेंद्र ने स्कूली दिनों से ही योग की शिक्षा लेनी प्रारंभ कर दी थी.

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18 साल की उम्र में ही योगाचार्य बने वीरेंद्र चौबे

पढ़ें- उत्तराखंड में 29 जून तक बढ़ा कोरोना कर्फ्यू, 11 जुलाई से शुरू होगी चारधाम यात्रा

वे स्कूल में ही रहते हुए दो बार योग की प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल भी जीत चुके हैं. वीरेंद्र चौबे का कहना है कि वह चंद्रभागा व उसके आसपास के मलिन बस्तियों में रहने वाले 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को योग मुफ्त में सिखाते हैं. वे आने वाली पीढ़ियों को नशे की ओर से जाने से रोकना चाहते हैं.

Yogacharya Virendra Choubey
बच्चों को योग मुफ्त में सिखाते हैं वीरेंद्र चौबे

पढ़ें- मुख्यमंत्री तीरथ ने देवभूमि की बेटी स्नेह राणा को दी शुभकामनाएं

कोविड-19 से पहले वे लगभग 25 से 30 बच्चों को योग सिखा रहे थे. अभी फिलहाल कोरोना के कारण उनकी योग कक्षाएं बंद हैं. वीरेंद्र चौबे ने बताया कि वह इस समय ऋषिकेश पीजी कॉलेज से बीएससी प्रथम वर्ष बायोलॉजी से कर रहे हैं. बीएससी कंप्लीट करने के बाद वह आयुर्वेद का भी ज्ञान लेना चाहते हैं. वीरेंद्र का कहना है कि वह आयुर्वेद योग और साइंस की जानकारी लेकर लोगों के बीच इसका प्रचार-प्रसार करना चाहते हैं. वीरेंद्र ने बताया कि वह पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने देश में रहकर ही लोगों को योग आयुर्वेद की शिक्षा देंगे, ताकि अपने देश के लोग तरक्की कर सकें.

Yogacharya Virendra Choubey
गरीब बच्चों के साथ वीरेंद्र चौबे

पढ़ें- देहरादून स्मार्ट सिटी के कार्यों के गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल, कांग्रेस के साथ ही BJP विधायक भी निराश

वीरेंद्र आर्थिक स्थिति मजबूत तो नहीं है लेकिन उनकी सोच और दृढ़ संकल्प जरूर मजबूत है. वीरेंद्र पांच भाई बहन हैं. वीरेंद्र के पिता एक ऑटो ड्राइवर हैं. उनके सभी भाई बहन अभी पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे में इस प्रतिभा को निखारने के लिए अगर कोई हाथ बढ़ाएं तो निश्चित तौर पर यह प्रतिभा देश के काम जरूर आ सकती है.

Yogacharya Virendra Choubey
बच्चों को योग सिखाते वीरेंद्र चौबे
Last Updated : Jun 20, 2021, 10:21 PM IST
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