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कर्मचारी राज्य बीमा निगम उठाएगा इलाज का खर्च, 18 लाख लोगों को मिलेगा लाभ

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Published : Oct 12, 2019, 7:45 PM IST

राज्य सरकार ने कर्मचारी बीमा निगम के करीब सात लाख कर्मचारियों को अस्पतालों में इलाज कराने के लिए किसी भी तरह की कागजी कार्रवाई नहीं करनी पड़ेगी.

कर्मचारी राज्य बीमा निगम उठाएगा इलाज का खर्च

देहरादून: नगर में राज्य सरकार के निर्देश पर कर्मचारी राज्य बीमा निगम में पंजीकृत कर्मचारियों और उनके परिजनों को अस्पतालों में इलाज कराने के लिए अब किसी भी तरह का प्रमाण नहीं मांगा जायेगा. ये निर्णय कर्मचारी राज्य बीमा निगम की बैठक में लिया गया. इसके लिए अब श्रमिकों और उनके परिजनों को अस्पताल की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए 72 घंटे का समय मिलेगा.

बता दें कि राज्य सरकार ने कर्मचारी बीमा निगम के करीब सात लाख कर्मचारियों को अस्पतालों में इलाज कराने के लिए किसी भी तरह की कागजी कार्रवाई नहीं करनी पड़ेगी. वहीं, सरकार के इस फैसले के बाद रजिस्टर्ड कर्मचारियों और उनके परिजनों को मिलाकर करीब 28 लाख लोगों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा. अगर सूचीबद्ध अस्पताल और निगम के अस्पताल नाफरमानी करते हैं, तो उनके बकाया बिलों का भुगतान रोक दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: मोटर साइकिल सवार का कटा 13 हजार का चालान, 15 वाहनों पर की गई कार्रवाई

वहीं, क्षेत्रीय परिषद की सातवीं बैठक में परिषद के अध्यक्ष श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि, इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से अनुमोदित कर दिया है. बैठक में लिए गए निर्णय के बाद इसका सीधा फायदा करीब 28 लाख लोगों को मिलेगा.

देहरादून: नगर में राज्य सरकार के निर्देश पर कर्मचारी राज्य बीमा निगम में पंजीकृत कर्मचारियों और उनके परिजनों को अस्पतालों में इलाज कराने के लिए अब किसी भी तरह का प्रमाण नहीं मांगा जायेगा. ये निर्णय कर्मचारी राज्य बीमा निगम की बैठक में लिया गया. इसके लिए अब श्रमिकों और उनके परिजनों को अस्पताल की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए 72 घंटे का समय मिलेगा.

बता दें कि राज्य सरकार ने कर्मचारी बीमा निगम के करीब सात लाख कर्मचारियों को अस्पतालों में इलाज कराने के लिए किसी भी तरह की कागजी कार्रवाई नहीं करनी पड़ेगी. वहीं, सरकार के इस फैसले के बाद रजिस्टर्ड कर्मचारियों और उनके परिजनों को मिलाकर करीब 28 लाख लोगों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा. अगर सूचीबद्ध अस्पताल और निगम के अस्पताल नाफरमानी करते हैं, तो उनके बकाया बिलों का भुगतान रोक दिया जाएगा.

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वहीं, क्षेत्रीय परिषद की सातवीं बैठक में परिषद के अध्यक्ष श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि, इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से अनुमोदित कर दिया है. बैठक में लिए गए निर्णय के बाद इसका सीधा फायदा करीब 28 लाख लोगों को मिलेगा.

Intro:कर्मचारी राज्य बीमा निगम में पंजीकृत करीब सात लाख श्रमिकों और उनके परिजनों को अस्पतालों की इमरजेंसी में इलाज से पहले कोई भी अस्पताल कागजों की डिमांड नहीं कर सकेगा। दरअसल यह निर्णय कर्मचारी राज्य बीमा निगम की बैठक में लिया गया। इसके लिए अब श्रमिकों और उनके परिजनों को अस्पताल की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए 72 घंटे का समय मिलेगा ।


Body: सरकार के इस फैसले के बाद रजिस्टर्ड श्रमिकों और उनके परिजनों को मिलाकर करीब 28 लाख लोगों को राहत प्रदान होगी। इमरजेंसी केसेस में सूचीबद्ध अस्पताल मरीजों को तत्काल इलाज देने के साथ ही मरीजों के परिजनों को कागजात संबंधी औपचारिकताएं पूरी करने को नहीं कहेंगे इसके लिए बाकायदा औपचारिकताये पूरी करने के लिए 72 घंटे का समय दिया गया है। यदि इस संबंध में सभी सूचीबद्ध अस्पताल और निगम के अस्पताल नाफ़रमानी करते हैं तो उनके बकाया बिलों का भुगतान रोक दिया जाएगा।


Conclusion:गौरतलब है कि क्षेत्रीय परिषद की सातवीं बैठक में परिषद के अध्यक्ष श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से अनुमोदित कर दिया है। बैठक में लिए गए निर्णय के बाद इसका सीधा फायदा करीब 28 लाख लोगों को मिलेगा।

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