देहरादून: पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने पंचायत जनप्रतिनिधियों के कामों की समीक्षा की. साथ ही 15वें वित्त आयोग में पैसा खर्च ना होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की. विभागीय मंत्री ने ब्लॉक, जिला पंचायत और ग्राम पंचायत के अधिकारियों को विकास कार्यों में तेजी लाने और गुणवत्ता सुधारने के लिए सख्त चेतावनी दी है. इस दौरान समीक्षा बैठक में सामने आया कि पंचायतों में 15वें वित्त आयोग का बेहद कम पैसा खर्च किया गया है.
देहरादून आईटी पार्क स्थित पंचायत निदेशालय में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने पंचायतों में हो रहे विकास कार्यों की समीक्षा की. बैठक में देहरादून पंचायतों के कई जनप्रतिनिधि और प्रदेश भर से पंचायतों में कार्यरत अधिकारियों को भी वर्चुअल जोड़ा गया था. इस दौरान समीक्षा बैठक में सामने आया कि पंचायतों में 15वें वित्त आयोग का बेहद कम पैसा खर्च किया गया है. इस पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने चिंता व्यक्त की. साथ ही विकासखंड, जिला पंचायत के अलावा ग्राम पंचायत अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि वो पंचायतों में ज्यादा से ज्यादा विकास कार्यों में अपना योगदान करें.
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उन्होंने गुणवत्ता सुधारने के भी सख्त निर्देश दिए. उन्होंने वर्चुअल जुड़े पूरे प्रदेश के सभी पंचायत अधिकारियों को ही नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधियों को भी हिदायत दी कि जो 15वें वित्त आयोग की धनराशि को खर्च नहीं कर पाएगा, उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. वहीं जो विकास कार्यों में अच्छा पैसा खर्च करेगा उसे सम्मानित भी किया जाएगा. महाराज ने कहा कि कई बार बोलने के बाद भी कुछ पंचायतों में जनप्रतिनिधि और अधिकारी काम करने को राजी नहीं. लिहाजा अब इस मामले में सख्त कार्रवाई भी की जाएगी. उन्होंने कहा कि अब यह अनिवार्य है कि विकास कार्यों में 100 फीसदी पैसा खर्च होना है. ताकि सरकार को पंचायत विभाग यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट दिखाकर अन्य विकास कार्यों के लिए पैसा मांग सके.
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बता दें कि जिला पंचायत नैनीताल, जिला पंचायत रुद्रप्रयाग के अलावा अल्मोड़ा, नैनीताल, पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी के ब्लॉक के अलावा चंपावत के ग्राम पंचायतों में भी पैसा खर्च नहीं हो पाया है. इस वजह से ये रेड जोन में आ गए हैं. विभागीय मंत्री ने इसको लेकर पंचायत अधिकारियों को फटकार लगाई है. उन्होंने पंचायतों में तैनात अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों को कहा कि आबद्ध अनुदान का बचा हुआ 238 करोड़ और मूल अनुदान का बचा हुआ 129 करोड़ का बजट अगर तय समय अवधि के भीतर खर्च नहीं किया गया तो कार्रवाई की जाएगी.