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राज्य स्तरीय गंगा समिति की 14वीं बैठक, सीएस ने दिए STP का सोशल ऑडिट करने के निर्देश

देहरादून में राज्य स्तरीय गंगा समिति की 14वीं बैठक हुई. बैठक में मुख्य सचिव ने सभी एसटीपी का सोशल ऑडिट किए जाने के भी निर्देश दिए. इसके साथ ही विभिन्न स्थानों में जमा पुराने कूड़े (लीगेसी वेस्ट) को प्रोसेस कर उसके निस्तारण की व्यवस्था भी जल्द सुनिश्चित करने को कहा.

Uttarakhand State Level Ganga Committee
देहरादून में गंगा समिति की बैठक
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Published : Dec 29, 2022, 7:30 PM IST

देहरादूनः मुख्य सचिव एसएस संधू की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य स्तरीय गंगा समिति की 14वीं बैठक आयोजित हुई. इस दौरान मुख्य सचिव ने गंगा के किनारे बसे शहरों में भी सेप्टेज मैनेजमेंट की तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि गंगा में ड्रेनेज का अशोधित जल न जाए, यह सुनिश्चित किया जाए.

मुख्य सचिव एसएस संधू (Chief Secretary SS Sandhu) ने सभी एसटीपी का सोशल ऑडिट किए जाने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सोशल ऑडिट में स्थानीय लोगों से भी उनके विचार लिए जाएं. उन्होंने प्रदेश के विभिन्न स्थानों में जमा पुराने कूड़े (लीगेसी वेस्ट) को प्रोसेस कर उसके निस्तारण की व्यवस्था भी जल्द करने के निर्देश संबंधित नगर निकायों को दिए. साथ ही सभी जिला विकास समितियों को एनजीटी की गाइडलाइन के अनुरूप कार्रवाई करने को कहा.

वहीं, मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड में भूजल के स्तर (Ground water in Uttarakhand) को बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि पूरे प्रदेश में छोटे चेक डैम बनाए जाएं. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने जनपदों में चेक डैम के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने वन विभाग को भी सभी फ्लड प्लेन जोन में वृक्षारोपण करने को कहा.

इसके अलावा उन्होंने साफ लहजे में कहा कि नदियों के किनारे पूर्व में दिए गए दिशा निर्देशों के अनुसार नए निर्माण कार्यों को अनुमति न दी जाए. साथ ही जो पूर्व में निर्मित हो चुके हैं. नष्ट करने के लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि नए निर्माण न हों, इसके लिए हर महीने ड्रोन आदि से वीडियोग्राफी की जाए, ताकि नए निर्माण का पता चल सके. वीडियोग्राफी के डाटा को भी संकलित किया जाए.
ये भी पढ़ेंः जलीय जीवों ने कराया नमामि गंगे प्रोजेक्ट की सफलता का एहसास, PM की समीक्षा से पहले बड़ी खुशखबरी

वहीं, बैठक में बताया गया कि मनरेगा के तहत 6,89,735 ग्रामीण परिवारों को 120182.07 लाख रुपए का प्रत्यक्ष मजदूरी व रोजगार प्रदान किया गया है. व्यक्तिगत स्वरोजगार, कृषि और कृषि संबद्ध क्षेत्र और स्वयं सहायता समूहों से संबंधित वृद्धि गतिविधियों पर 110201.65 करोड़ रुपए खर्च किए गए. कृषि गतिविधियों के तहत जैविक खेती (Organic farming in Uttarakhand) के अंतर्गत 1,182 गांव के 74,522 किसान जैविक खेती में लगे हुए हैं.

इसके अलावा बताया गया कि गंगा के किनारे ऋषिकेश में पर्यटन सर्किट के विकास के लिए व्यापक योजना तैयार की गई है. हरकी पैड़ी हरिद्वार में गंगा आरती के लिए ऑडियो व वीडियो सुविधा विकसित की जा रही है. ग्रामीणों को अपने घरों को होम स्टे के रूप में पंजीकृत करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है. पर्यटन वेबसाइट और अन्य लोकप्रिय ओटीए पर प्रसारित किया जाता है. नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट और हरिद्वार में चंडी घाट पर एक संग्रहालय स्थापित किया गया है.

देहरादूनः मुख्य सचिव एसएस संधू की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य स्तरीय गंगा समिति की 14वीं बैठक आयोजित हुई. इस दौरान मुख्य सचिव ने गंगा के किनारे बसे शहरों में भी सेप्टेज मैनेजमेंट की तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि गंगा में ड्रेनेज का अशोधित जल न जाए, यह सुनिश्चित किया जाए.

मुख्य सचिव एसएस संधू (Chief Secretary SS Sandhu) ने सभी एसटीपी का सोशल ऑडिट किए जाने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सोशल ऑडिट में स्थानीय लोगों से भी उनके विचार लिए जाएं. उन्होंने प्रदेश के विभिन्न स्थानों में जमा पुराने कूड़े (लीगेसी वेस्ट) को प्रोसेस कर उसके निस्तारण की व्यवस्था भी जल्द करने के निर्देश संबंधित नगर निकायों को दिए. साथ ही सभी जिला विकास समितियों को एनजीटी की गाइडलाइन के अनुरूप कार्रवाई करने को कहा.

वहीं, मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड में भूजल के स्तर (Ground water in Uttarakhand) को बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि पूरे प्रदेश में छोटे चेक डैम बनाए जाएं. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने जनपदों में चेक डैम के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने वन विभाग को भी सभी फ्लड प्लेन जोन में वृक्षारोपण करने को कहा.

इसके अलावा उन्होंने साफ लहजे में कहा कि नदियों के किनारे पूर्व में दिए गए दिशा निर्देशों के अनुसार नए निर्माण कार्यों को अनुमति न दी जाए. साथ ही जो पूर्व में निर्मित हो चुके हैं. नष्ट करने के लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि नए निर्माण न हों, इसके लिए हर महीने ड्रोन आदि से वीडियोग्राफी की जाए, ताकि नए निर्माण का पता चल सके. वीडियोग्राफी के डाटा को भी संकलित किया जाए.
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वहीं, बैठक में बताया गया कि मनरेगा के तहत 6,89,735 ग्रामीण परिवारों को 120182.07 लाख रुपए का प्रत्यक्ष मजदूरी व रोजगार प्रदान किया गया है. व्यक्तिगत स्वरोजगार, कृषि और कृषि संबद्ध क्षेत्र और स्वयं सहायता समूहों से संबंधित वृद्धि गतिविधियों पर 110201.65 करोड़ रुपए खर्च किए गए. कृषि गतिविधियों के तहत जैविक खेती (Organic farming in Uttarakhand) के अंतर्गत 1,182 गांव के 74,522 किसान जैविक खेती में लगे हुए हैं.

इसके अलावा बताया गया कि गंगा के किनारे ऋषिकेश में पर्यटन सर्किट के विकास के लिए व्यापक योजना तैयार की गई है. हरकी पैड़ी हरिद्वार में गंगा आरती के लिए ऑडियो व वीडियो सुविधा विकसित की जा रही है. ग्रामीणों को अपने घरों को होम स्टे के रूप में पंजीकृत करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है. पर्यटन वेबसाइट और अन्य लोकप्रिय ओटीए पर प्रसारित किया जाता है. नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट और हरिद्वार में चंडी घाट पर एक संग्रहालय स्थापित किया गया है.

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