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CORONA: उत्तराखंड में टेस्टिंग बैकलॉग बनी समस्या, 14 हजार सैंपल को जांच का इंतजार

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 14,566 हो गई है. इसके साथ ही बैकलॉग भी 14 हजार तक पहुंच गया है.

Corona Virus
उत्तराखंड में टेस्टिंग बैकलॉग बनी समस्या
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Published : Aug 23, 2020, 6:00 PM IST

Updated : Aug 27, 2020, 12:02 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से सरकार की चिंता बढ़ गई हैं. सरकार कोरोना को रोकने का हर संभव प्रयास कर रही है. लेकिन, संसाधनों की कमी के कारण कोरोना संक्रमण फैलता ही जा रहा है. उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 14,566 पहुंच चुका है. जबकि, 10,021 मरीज स्वस्थ भी हो चुके हैं.

देश-दुनिया में कोरोना टेस्टिंग की भूमिका को सबसे अहम माना गया है. उत्तराखंड में हकीकत कुछ और ही है. राज्य में इस समय तक 13,837 सैंपल कोरोना जांच के लिए अपना नंबर आने का इंतजार कर रहे हैं. आंकड़ों पर गौर किया जाए तो बैकलॉग का आंकड़ा बढ़ता दिखाई दे रहा है.

उत्तराखंड में टेस्टिंग बैकलॉग बनी समस्या.

जिलों में बैकलॉग की स्थिति

ये हाल तब है जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी सैंपल रिपोर्ट में देरी न होने और सैंपल पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर तक के इस्तेमाल करने की बात कह चुके हैं. हालांकि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मामले में तर्क रखते हुए इसके लिए कोरोना संक्रमण को ही जिम्मेदार बताया है.

Corona Virus
जिलों में बैकलॉग की स्थिति.

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बीच में कुछ समय के लिए कोरोना वायरस के लिए प्रयोग में आने वाली किट की समस्या आई थी. इसके अलावा देहरादून और हल्द्वानी की लैब में काम करने वाले ही कोरोना संक्रमित हो गए थे. जिसके कारण लैब को भी बंद करना पड़ा. इन्हीं वजहों से बैकलॉग बढ़ता चला गया.

14 हजार सैंपल को जांच का इंतजार.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: पहाड़ी दाल और सब्जियां बढ़ाएंगी इम्यूनिटी, मार्केट में बढ़ी डिमांड

कोरोना टेस्टिंग के संसाधनों को लेकर सरकार खुद को बेहतर स्थिति में मानती है. लेकिन बैकलॉग बढ़ने के साथ ही इन दावों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. हालांकि सरकार अब टेस्टिंग की सीमा को और बढ़ाने का दावा कर रही है.

दरअसल, जांच के लिए संसाधन जितने ज्यादा होंगे. उतनी तेजी से ज्यादा से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग हो सकेगी. ऐसे में सरकार समय रहते संक्रमित मरीजों की पहचान कर लेगी और कोरोना संक्रमण चेन को तोड़ने में एक हद तक कामयाब होगी.

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से सरकार की चिंता बढ़ गई हैं. सरकार कोरोना को रोकने का हर संभव प्रयास कर रही है. लेकिन, संसाधनों की कमी के कारण कोरोना संक्रमण फैलता ही जा रहा है. उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 14,566 पहुंच चुका है. जबकि, 10,021 मरीज स्वस्थ भी हो चुके हैं.

देश-दुनिया में कोरोना टेस्टिंग की भूमिका को सबसे अहम माना गया है. उत्तराखंड में हकीकत कुछ और ही है. राज्य में इस समय तक 13,837 सैंपल कोरोना जांच के लिए अपना नंबर आने का इंतजार कर रहे हैं. आंकड़ों पर गौर किया जाए तो बैकलॉग का आंकड़ा बढ़ता दिखाई दे रहा है.

उत्तराखंड में टेस्टिंग बैकलॉग बनी समस्या.

जिलों में बैकलॉग की स्थिति

ये हाल तब है जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी सैंपल रिपोर्ट में देरी न होने और सैंपल पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर तक के इस्तेमाल करने की बात कह चुके हैं. हालांकि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मामले में तर्क रखते हुए इसके लिए कोरोना संक्रमण को ही जिम्मेदार बताया है.

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जिलों में बैकलॉग की स्थिति.

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बीच में कुछ समय के लिए कोरोना वायरस के लिए प्रयोग में आने वाली किट की समस्या आई थी. इसके अलावा देहरादून और हल्द्वानी की लैब में काम करने वाले ही कोरोना संक्रमित हो गए थे. जिसके कारण लैब को भी बंद करना पड़ा. इन्हीं वजहों से बैकलॉग बढ़ता चला गया.

14 हजार सैंपल को जांच का इंतजार.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: पहाड़ी दाल और सब्जियां बढ़ाएंगी इम्यूनिटी, मार्केट में बढ़ी डिमांड

कोरोना टेस्टिंग के संसाधनों को लेकर सरकार खुद को बेहतर स्थिति में मानती है. लेकिन बैकलॉग बढ़ने के साथ ही इन दावों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. हालांकि सरकार अब टेस्टिंग की सीमा को और बढ़ाने का दावा कर रही है.

दरअसल, जांच के लिए संसाधन जितने ज्यादा होंगे. उतनी तेजी से ज्यादा से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग हो सकेगी. ऐसे में सरकार समय रहते संक्रमित मरीजों की पहचान कर लेगी और कोरोना संक्रमण चेन को तोड़ने में एक हद तक कामयाब होगी.

Last Updated : Aug 27, 2020, 12:02 PM IST
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