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अब त्रिवेंद्र कैबिनेट पर टिका 13 जिले-13 टूरिस्ट डेस्टिनेशन प्रोजेक्ट, आचार संहिता खत्म होने के बाद होगा फैसला

सरकार की ये योजना अगर सफल होती है तो इससे न केवल उत्तराखंड में पर्यटक बढ़ेगा बल्कि, रोजगार के अवसर भी खुलेंगे, जिससे पलायन पर रोक लग पाएगी.

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Published : May 4, 2019, 12:01 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 13 जिले में 13 नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की योजना अब मंत्रीमंडल पर आकर टिक गई है. जिस पर अब निर्णय आर्दश चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद ही कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा.

सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर

उत्तराखंड में पलायन को रोकने और रोजगार बढ़ाने के लिए पर्यटन एक बड़ा जरिया बन सकता है. इसलिए उत्तराखंड में ज्यादा से ज्यादा पर्यटक आए इसके लिए सरकार ने 13 नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की योजना बनाई थी. ताकि हिमाचल, केरल और राजस्थान की तर्ज पर भी उत्तराखंड में भी नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन डेवल्प
किए जा सके.

पढ़ें- NH-74 घोटाला मामले में IAS पंकज पांडेय को मिली राहत, सरकार ने किया बहाल

जब इस बारे में सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इसके लिए डीपीआर तैयार हो चुका है. सभी जिलों को 50 लाख रुपए भी दिए जा चुके हैं. हालांकि अभी मंत्रीमंडल में प्रस्ताव आना बाकि रह गया है.

यूं तो सरकार को इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने में काफी वक्त लग गया है. लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस प्रोजेक्ट को करीब-करीब पूरा ही मान रहे हैं. मुख्यमंत्री की मानें तो इस मामले में अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है. अधिकारियों को साफ तौर पर कहा गया है कि एक अच्छी कंपनी को सेलेक्ट किया जाए जो इस प्रोजेक्ट का बेहतर तरीके से क्रियान्वित कर सके.

पढ़ें- बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन सख्त, स्कूल वाहनों में CCTV का होगा सर्वे

ईटीवी भारत ने 13 जिले 13 डेस्टिनेशन योजना को लेकर हो रही देरी की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, हालांकि अब सरकार की मानें तो आचार संहिता खत्म होते ही सरकार कैबिनेट में इस पर एक प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है. सरकार की ये योजना अगर सफल होती है तो इससे न केवल उत्तराखंड में पर्यटक बढ़ेगा बल्कि, रोजगार के अवसर भी खुलेंगे, जिससे पलायन पर रोक लग पाएगी.

देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 13 जिले में 13 नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की योजना अब मंत्रीमंडल पर आकर टिक गई है. जिस पर अब निर्णय आर्दश चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद ही कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा.

सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर

उत्तराखंड में पलायन को रोकने और रोजगार बढ़ाने के लिए पर्यटन एक बड़ा जरिया बन सकता है. इसलिए उत्तराखंड में ज्यादा से ज्यादा पर्यटक आए इसके लिए सरकार ने 13 नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की योजना बनाई थी. ताकि हिमाचल, केरल और राजस्थान की तर्ज पर भी उत्तराखंड में भी नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन डेवल्प
किए जा सके.

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जब इस बारे में सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इसके लिए डीपीआर तैयार हो चुका है. सभी जिलों को 50 लाख रुपए भी दिए जा चुके हैं. हालांकि अभी मंत्रीमंडल में प्रस्ताव आना बाकि रह गया है.

यूं तो सरकार को इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने में काफी वक्त लग गया है. लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस प्रोजेक्ट को करीब-करीब पूरा ही मान रहे हैं. मुख्यमंत्री की मानें तो इस मामले में अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है. अधिकारियों को साफ तौर पर कहा गया है कि एक अच्छी कंपनी को सेलेक्ट किया जाए जो इस प्रोजेक्ट का बेहतर तरीके से क्रियान्वित कर सके.

पढ़ें- बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन सख्त, स्कूल वाहनों में CCTV का होगा सर्वे

ईटीवी भारत ने 13 जिले 13 डेस्टिनेशन योजना को लेकर हो रही देरी की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, हालांकि अब सरकार की मानें तो आचार संहिता खत्म होते ही सरकार कैबिनेट में इस पर एक प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है. सरकार की ये योजना अगर सफल होती है तो इससे न केवल उत्तराखंड में पर्यटक बढ़ेगा बल्कि, रोजगार के अवसर भी खुलेंगे, जिससे पलायन पर रोक लग पाएगी.

Intro:kuch visual aur byte ftp se bheji hai....aur baaki mojo se attach kiye gaye hain....

folder name--UK_ddn_Tourism Destination_Vis_Byte_7206766


उत्तराखंड में 13 जिले 13 डेस्टिनेशन का कांसेप्ट अब मंत्रिमंडल के निर्णय पर आकर टिक गया है दरअसल सरकार द्वारा हर जिले में एक पर्यटक स्थल डेवलप किए जाने को लेकर विजन तैयार किया गया था... लेकिन काफी वक्त बीतने के बाद भी इस पर कोई काम नहीं हो पाया ऐसे में अब तमाम प्रयासों के चलते आचार संहिता के बाद इस योजना का भविष्य अब मंत्रिमंडल पर आकर टिक गया है।



Body:उत्तराखंड में पलायन को रोकने और रोजगार बढ़ाने के लिए पर्यटन एक बड़ा जरिया बन सकता है इसी सोच के साथ उत्तराखंड सरकार ने 13 जिले 13 डेस्टिनेशन की तर्ज पर नए पर्यटन स्थल विकसित करने का कार्यक्रम तो तय किया गया, लेकिन काफी वक्त बीतने के बाद भी इस पर कोई भी काम नहीं हो पाया। आपको बता दे कि राज्य सरकार हिमाचल,केरल, राजस्थान की तर्ज पर टूरिस्ट डेस्टिनेशन को बढ़ाए जाने के प्रयास कर रही है। इसी को लेकर अब मामला मंत्रिमंडल पर आकर रुक गया है और इसके लिए अब आचार संहिता खत्म होने के बाद मंत्रिमंडल में 13 जिले 13 डेस्टिनेशन के कॉन्सेप्ट को लाए जाने की तैयारी की जा रही है। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर की माने तो इसके लिए डीपीआर तैयार हो चुकी है और जिन अधिकारियों को भी ₹50 लाख दिए जा चुके हैं जबकि आप मंत्रिमंडल में प्रस्ताव लाना ही बाकी रह गया है।

बाइट दिलीप जावलकर सचिव पर्यटन

यूं तो सरकार के इस ग्रीन प्रोजेक्ट में काफी ज्यादा वक्त लग गया है लेकिन मुख्यमंत्री फिलहाल इस प्रोजेक्ट को करीब-करीब पूरा ही मान रहे हैं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मानें तो इस मामले में अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है और अधिकारियों को साफ तौर पर यह निर्देश दिए गए हैं की एक अच्छी कंपनी को सेलेक्ट किया जाए जो डेफिनिशन के इस प्रोजेक्ट को बेहतर तरीके से क्रियान्वित कर सके।

बाइट त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री उत्तराखंड


Conclusion:ईटीवी भारत 13 जिले 13 डेस्टिनेशन योजना को लेकर हो रही देरी की खबर को प्रमुखता से दिखा चुका है इसके बाद अब सरकार ने भी इस मामले में तेजी दिखाते हुए फिलहाल आचार संहिता के चलते इस प्रोजेक्ट के पूरे नहीं होने की बात की है और आचार संहिता खत्म होने के बाद जल्द कैबिनेट में इसका प्रस्ताव लाने की तैयारी किए जाने की बात भी कही है जिससे साफ है कि यदि ऐसा होता है तो प्रदेश में न केवल पलायन रोका जा सकेगा बल्कि काफी हद तक युवाओं और स्थानीय निवासियों को रोजगार भी मिलेगा।
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