देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 13 जिले में 13 नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की योजना अब मंत्रीमंडल पर आकर टिक गई है. जिस पर अब निर्णय आर्दश चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद ही कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा.
उत्तराखंड में पलायन को रोकने और रोजगार बढ़ाने के लिए पर्यटन एक बड़ा जरिया बन सकता है. इसलिए उत्तराखंड में ज्यादा से ज्यादा पर्यटक आए इसके लिए सरकार ने 13 नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की योजना बनाई थी. ताकि हिमाचल, केरल और राजस्थान की तर्ज पर भी उत्तराखंड में भी नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन डेवल्प
किए जा सके.
पढ़ें- NH-74 घोटाला मामले में IAS पंकज पांडेय को मिली राहत, सरकार ने किया बहाल
जब इस बारे में सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इसके लिए डीपीआर तैयार हो चुका है. सभी जिलों को 50 लाख रुपए भी दिए जा चुके हैं. हालांकि अभी मंत्रीमंडल में प्रस्ताव आना बाकि रह गया है.
यूं तो सरकार को इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने में काफी वक्त लग गया है. लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस प्रोजेक्ट को करीब-करीब पूरा ही मान रहे हैं. मुख्यमंत्री की मानें तो इस मामले में अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है. अधिकारियों को साफ तौर पर कहा गया है कि एक अच्छी कंपनी को सेलेक्ट किया जाए जो इस प्रोजेक्ट का बेहतर तरीके से क्रियान्वित कर सके.
पढ़ें- बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन सख्त, स्कूल वाहनों में CCTV का होगा सर्वे
ईटीवी भारत ने 13 जिले 13 डेस्टिनेशन योजना को लेकर हो रही देरी की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, हालांकि अब सरकार की मानें तो आचार संहिता खत्म होते ही सरकार कैबिनेट में इस पर एक प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है. सरकार की ये योजना अगर सफल होती है तो इससे न केवल उत्तराखंड में पर्यटक बढ़ेगा बल्कि, रोजगार के अवसर भी खुलेंगे, जिससे पलायन पर रोक लग पाएगी.