देहरादून: प्रदेश के विभिन्न शहरी क्षेत्रों की तर्ज पर राजधानी देहरादून में भी आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. ऐसे में एक तरफ नगर निगम की ओर से लगातार आवारा कुत्तों का बंध्याकरण किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर सामाजिक संस्था ह्यूमन सोसाइटी भी कैंप लगाकर आवारा पशुओं का बंध्याकरण और टीकाकरण कर रही है.
विश्व बंध्याकरण दिवस के मौके पर ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल और नगर निगम की ओर से केदारपुरम स्थित पशु जन्म नियंत्रण सेंटर पर निशुल्क कैंप लगाकर आवारा कुत्तों का बंध्याकरण और टीकाकरण किया गया. इस दौरान कैंप में करीब 120 कुत्तों का बंध्याकरण किया गया. वहीं, कुल 46 कुत्तों को रेबीज का टीका भी लगाया गया. इसमें 19 से अधिक पालतू कुत्ते भी शामिल थे. जिन्हें उनके मालिक निशुल्क टीकाकरण के लिए कैंप में लेकर पहुंचे थे.
कुत्तों के बंध्याकरण के संबंध में जानकारी देते हुए एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया के संयुक्त निदेशक डॉ. आशुतोष जोशी ने बताया कि आवारा कुत्तों या फिर पालतू कुत्तों का बंध्याकरण सिर्फ इसलिए जरूरी नहीं है कि इससे कुत्तों की संख्या कम हो सकेगी. बल्कि बंध्याकरण से डॉग बाइट्स के मामलों में भी कमी आएगी. दरअसल प्रजनन के समय अक्सर कुत्ते काफी आक्रामक हो जाते हैं. ऐसे में अगर आवारा कुत्तों का बंध्याकरण कर दिया जाए तो इससे डॉग बाइट के मामलों में भी कमी आएगी.
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गौरतलब है कि ह्यूमन सोसाइटी और नगर निगम की ओर से पिछले 4 सालों में राजधानी देहरादून में 27 हजार से ज्यादा आवारा कुत्तों का बंध्याकरण किया जा चुका है. ईटीवी भारत से बात करते हुए नगर निगम के नोडल अधिकारी और पशु चिकित्सक डॉक्टर डीसी तिवारी ने बताया कि नगर निगम देहरादून लगातार बंध्याकरण के कार्य में जुटा हुआ है. इसके साथ ही नगर निगम प्रशासन पालतू कुत्तों के पंजीकरण के लिए भी लोगों को प्रेरित कर रहा है. ऐसे में अब तक नगर निगम में पिछले 3 महीनों में शहर के तीन हजार से ज्यादा पालतू कुत्तों का पंजीकरण हो चुका है. वहीं नगर निगम का प्रयास है कि लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में अपने पालतू कुत्ते के बंध्याकरण के लिए भी आगे आएं.