देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. कोरोना के कम होते मामलों के बीच देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान (Forest Research Institute) में 11 आईएफएस (Indian Forest Service) अधिकारी कोरोना पॉजिटिव (corona infected) पाए गए हैं. उधर, IFS अधिकारियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद उत्तराखंड सरकार की चिंता बढ़ गई है. इस मामले में अब स्वास्थ्य विभाग भी अपनी निगरानी तेज कर रहा है.
सभी अधिकारी आइसोलेट: पॉजिटिव पाये गये सभी अधिकारी एफआरआई (Forest Research Institute) में मिड टर्म ट्रेनिंग के लिए आए हैं. गौर हो कि एफआरआई में ट्रेनिंग के लिए आए 48 अधिकारियों का ये दल पहले लखनऊ ट्रेनिंग पर था, उसके बाद दिल्ली पहुंचा और दिल्ली से देहरादून रवाना हुआ. देहरादून आने से पहले दिल्ली में इस दल के कोविड सैंपल लिये गए थे. इसके बाद ये दल देहरादून पहुंच गया. देहरादून पहुंचने के बाद सभी 48 अधिकारियों को आइसोलेट कर दिया गया था.
वहीं, बीते रोज (24 नवंबर) को दिल्ली में लिए गए सैंपल में आठ अधिकारी संक्रमित पाए गए, जिसके बाद देहरादून में इस दल के सभी सदस्यों का फिर से सैंपल लिया गया, जिसमें तीन और अधिकारी भी संक्रमित पाए गए. इस तरह कुल 11 अधिकारी संक्रमित हुए हैं. इसके बाद अब एफआरआई बाकी लोगों के भी सैंपल ले रही है जो भी इन लोगों के संपर्क में आए थे, जबकि इन 48 अधिकारियों को पहले ही आइसोलेट कर दिया गया था.
2 स्थान कंटेनमेंट जोन घोषित: देहरादून जिलाधिकारी डॉ आर राजेश कुमार ने बताया है कि, इंदिरा गांधी नेशनल एकेडमी ओल्ड हॉस्टल एफआरआई और जी-2 बी-19 तिब्बतन कॉलोनी डिक्लिन सहस्त्रधारा रोड कुल्हाल में कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्तियों के चिन्हित होने के बाद इन क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है. जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी सदर को इन क्षेत्रों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और प्रभावी सर्विलांस कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने मुख्य चिकित्सधिकारी को इन क्षेत्रों में सैंपलिंग कार्य कराते हुए इसकी नियमित मॉनिटरिंग कराने और जिला पूर्ति अधिकारी को इन क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं एवं खाद्यान्न की आपूर्ति करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने जनपद वासियों से मास्क का उपयोग और बाजारों एवं सार्वजनिक स्थानों पर सामाजिक दूरी का पालन करने का अनुरोध किया है.
देहरादून डीएम ने लिखा पत्र: 11 IFS अधिकारियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद जिला प्रशासन को सूचना नहीं देने पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई के लिए निदेशक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी को पत्र लिखा है.
19 नवंबर को भारतीय वन सेवा के आठ अधिकारी कोरोना संक्रमित पाए गए थे. ये सभी अधिकारी दिल्ली में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे. सभी अधिकारियों को बिना किसी सूचना के देहरादून जनपद में स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में प्रवेश दिया गया. जबकि कोरोना संक्रमण से संबंधित भारत सरकार के नियमों के तहत कोविड संक्रमित व्यक्ति को होम आइसोलेशन या फिर संस्थागत आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए था.
इसके साथ ही 8 अधिकारियों में से एक कोरोना संक्रमित अधिकारी बिना किसी सूचना के हिमाचल चले गए. 24 नवंबर को संस्थान में तीन अन्य व्यक्ति भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिसकी सूचना भी प्रशासन को नहीं दी गई है.
कोरोना संक्रमित अधिकारियों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए दिल्ली से देहरादून के जनपदीय सीमा में प्रवेश कराया गया और प्रवेश के बाद कोई भी सूचना स्थानीय जिला प्रशासन सहित चिकित्सा विभाग को नहीं दी गई, जो आपदा प्रबंधन अधिनियम और उत्तराखंड राज्य महामारी कोविड-19 का उल्लंघन है. जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने बताया की निदेशक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी को पत्र जारी किया गया कि क्यों न कार्रवाई की जाए.
पिछले साल भी FRI से ही आया था पहला मामला: प्रदेश में पिछले साल 2020 में भी कोरोना का सबसे पहले मामला एफआरआई से ही सामने आया था. तब भी यहां ट्रेनिंग कर रहे आईएफएस अफसरों में कोरोना की पुष्टि हुई थी. अब कोरोना के कम होते मामलों के बीच एक बार फिर से एफआरआई में कोरोना के मामले सामने आये हैं. जिससे सभी की चिंताएं बढ़ गई हैं.
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मार्च में सील हुआ था एफआरआई: राष्ट्रीय वन अनुसंधान संस्थान (Forest Research Institute) में प्रशिक्षु अधिकारी को विदेश की ट्रेनिंग से लौटने पर कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. वहीं, संक्रमित अफसर के संपर्क में आने वाले दो अन्य ट्रेनी अधिकारियों को भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. ऐसे में तीन केस सामने आने के बाद सरकार ने 19 मार्च 2020 में 1200 एकड़ से फैले एफआरआई परिसर को कुछ दिनों के लिए सील कर दिया था. संस्थान पूरी तरह सील होने के बाद ढाई हजार से अधिक कर्मचारी, अधिकारी और 1600 फैमिली क्वॉर्टर में रहने वाले परिवार FRI के अंदर फंस गए थे.
उत्तराखंड में कोरोना के आंकड़े: प्रदेश में अभी तक कोरोना के कुल 3,44,148 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से 3,30,401 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. रिकवरी रेट 96.01% है. प्रदेश में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 7,407 पहुंच गया है. ऐसे में डेथ रेट 2.15% है.