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सड़कों पर भीख मांगने निकले 108 सेवा के पूर्व कर्मचारी, हाई कोर्ट जाने की तैयारी

कर्मचारी संगठन के नेता रमेश डंगवाल ने कहा कि सरकार ने टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से 717 कर्मचारियों को सड़क पर लाने का काम कर दिया. साथ ही जिन कर्मचारियों को बेरोजगार किया गया उनका दो माह का वेतन भी रोक लिया गया.

भीख मांगने निकले 108 सेवा के पूर्व कर्मचारी
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Published : May 3, 2019, 12:04 AM IST

देहरादून: पिछले कई दिनों से 108 एंबुलेंस सेवा से निकाले गए कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर परेड ग्राउंड में धरना दे रहे हैं. गुरुवार को कर्मचारियों ने परेड ग्राउंड से जिलाधिकारी कार्यालय तक पैदल रैली निकाली. इस दौरान पूर्व 108 कर्मचारियों ने सड़क पर चल रहे लोगों से भीख मांगकर राज्य सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जताया.

भीख मांगने निकले 108 सेवा के पूर्व कर्मचारी

कर्मचारी संगठन के नेता रमेश डंगवाल ने कहा कि सरकार ने टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से 717 कर्मचारियों को सड़क पर लाने का काम कर दिया. साथ ही जिन कर्मचारियों को बेरोजगार किया गया उनका दो माह का वेतन भी रोक लिया गया.

उन्होंने बताया कि वेतन रुकने से कर्मचारियों के परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. अगर सरकार नहीं जागेगी तो आगामी समय में बड़ा आंदोलन किया जाएगा. रमेश डंगवाल ने बताया कि आगामी 19 मई को निकाले गए 108 कर्मचारी हाई कोर्ट में केस दायर करने की तैयारी कर रहे हैं.

वहीं कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने आंदोलनकारियों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार ने सैकड़ों परिवारों के हाथों में भीख कटोरा थमाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि भिक्षा मांगकर आंदोलन करना इस बात का संकेत है कि नेताओं द्वारा पहले वोट की भीख मांगी जाती है और फिर सत्ता में आते ही राज्य के बेरोजगारों को भीख मांगने के लिए मजबूर कर दिया जाता है.

बता दें कि नई कंपनी में समायोजित करने की मांग को लेकर कंपनी के पूर्व 108 फील्ड कर्मचारी परेड ग्राउंड के पास धरना दे रहे हैं. सरकार का कोई फैसला ना आने तक उन्होंने आंदोलन जारी रखने की बात कही है. वहीं इस आंदोलन में प्रदेश भर के 717 कर्मचारी शामिल हैं.

देहरादून: पिछले कई दिनों से 108 एंबुलेंस सेवा से निकाले गए कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर परेड ग्राउंड में धरना दे रहे हैं. गुरुवार को कर्मचारियों ने परेड ग्राउंड से जिलाधिकारी कार्यालय तक पैदल रैली निकाली. इस दौरान पूर्व 108 कर्मचारियों ने सड़क पर चल रहे लोगों से भीख मांगकर राज्य सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जताया.

भीख मांगने निकले 108 सेवा के पूर्व कर्मचारी

कर्मचारी संगठन के नेता रमेश डंगवाल ने कहा कि सरकार ने टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से 717 कर्मचारियों को सड़क पर लाने का काम कर दिया. साथ ही जिन कर्मचारियों को बेरोजगार किया गया उनका दो माह का वेतन भी रोक लिया गया.

उन्होंने बताया कि वेतन रुकने से कर्मचारियों के परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. अगर सरकार नहीं जागेगी तो आगामी समय में बड़ा आंदोलन किया जाएगा. रमेश डंगवाल ने बताया कि आगामी 19 मई को निकाले गए 108 कर्मचारी हाई कोर्ट में केस दायर करने की तैयारी कर रहे हैं.

वहीं कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने आंदोलनकारियों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार ने सैकड़ों परिवारों के हाथों में भीख कटोरा थमाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि भिक्षा मांगकर आंदोलन करना इस बात का संकेत है कि नेताओं द्वारा पहले वोट की भीख मांगी जाती है और फिर सत्ता में आते ही राज्य के बेरोजगारों को भीख मांगने के लिए मजबूर कर दिया जाता है.

बता दें कि नई कंपनी में समायोजित करने की मांग को लेकर कंपनी के पूर्व 108 फील्ड कर्मचारी परेड ग्राउंड के पास धरना दे रहे हैं. सरकार का कोई फैसला ना आने तक उन्होंने आंदोलन जारी रखने की बात कही है. वहीं इस आंदोलन में प्रदेश भर के 717 कर्मचारी शामिल हैं.

Intro: 108 सेवा का संचालन करने वाली कंपनी जीवीके इएमआरआई के पूर्व कर्मचारियों ने रैली निकालकर राहगीरों से भिक्षा माँगकर राज्य सरकार के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया। नई कंपनी में समायोजित करने की मांग को लेकर सैकड़ों 108 सेवा के पूर्व फील्ड कर्मचारीयो ने कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्य कांत धस्माना के नेतृत्व में परेड ग्राउंड स्तिथ धरना स्थल से डीएम कार्यालय तक पैदल रैली निकाली। इस दौरान 108 कर्मियों ने सड़क पर चल रहे लोगों से भिक्षा मांग कर राज्य सरकार के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया



Body:108 कर्मचारी संगठन के नेता रमेश डंगवाल ने कहा कि सरकार ने टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से 717 कर्मचारियों को सड़क पर लाने का काम कर दिया लेकिन 2 माह का वेतन भी नहीं दिया कर्मचारियों का वेतन और उनकी सेवा समाप्ति यह दर्शाती है कि पूर्ण बहुमत वाली सरकार किस तरह बेरोजगारों के साथ खिलवाड़ करने में लगी हुई है। वेतन रुकने से आंदोलनरत कर्मचारियों से जुड़े परिवारों के सामने अपने बच्चों के स्कूल फीस अदा करने की विकट समस्या खड़ी हो गई है और सरकार उनका 2 माह का वेतन रोक कर बैठी हुई है। जिस राज्य को बचाने के लिए यहां के युवाओं ने अपनी अहम भूमिका निभाई थी, उस राज्य के युवाओं को आंदोलन करना पड़ रहा है, सरकार से सभी कर्मचारी एक स्वर मे मांग करते कि सरकार नींद से जाग जाए यदि सरकार नहीं जागेगी तो आगामी समय में आंदोलन को और बृहद रूप दिया जाएगा। वैसे भी आगामी 19 तारीख को 108 कर्मी हाई कोर्ट में केस दायर करने की तैयारी कर रहे हैं यदि मौका मिलेगा तो सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया जाएगा क्योंकि सरकार हाईकोर्ट के फैसलों पर ही चल रही है

बाईट- रमेश डंगवाल, कर्मचारी नेता ,108 फील्ड कर्मचारी संघ।

वहीं सूर्यकांत धस्माना ने आंदोलनकारियों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार ने तमाम सैकड़ों परिवारों के हाथों में भीख कटोरा थमाने का काम किया है। भिक्षा मांग कर आंदोलन करना इस बात का संकेत है कि तुम वोट की भीख मांगते हो और उसके बदले में इस राज्य के बेरोजगारों को भीख मांगने के लिए मजबूर कर देते हो। भिक्षा मांगकर पूरे प्रदेश के अंदर यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि जो सरकार बेरोजगारों के हाथों में भीख का कटोरा पकड़ाती है, ऐसी सरकार को सबक सिखाने का संकल्प यहां के बेरोजगारों ने ले लिया है।

बाईट-सूर्यकान्त धस्माना, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष


Conclusion:दरअसल एम्बुलेंस सेवा 108 का संचालन करने वाली कंपनी जीवीके के पूर्व कर्मचारियों को बीती 1 मई को भिक्षा मांगने की अनुमति नहीं मिली। लेकिन आज प्रशासन ने आंदोलनरत कर्मचारियों को शांतिपूर्ण रैली करने की अनुमति प्रदान की थी। गौरतलब है कि नई कंपनी में समायोजित करने की मांग को लेकर कंपनी के पूर्व 108 फील्ड कर्मी परेड ग्राउंड के पास धरना दे रहे हैं सरकार का कोई फैसला ना आने तक उन्होंने आंदोलन जारी रखने की बात कही है वहीं इस आंदोलन में प्रदेश भर के 717 कर्मचारी हिस्सा ले रहे हैं।
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