चंपावत: जिले की नेपाल सीमा से लगे पांच नदियों का संगम स्थल पंचेश्वर में उत्तरायणी महोत्सव का समापन हो गया. पिथौरागढ़, चंपावत और नेपाल की सीमा से लगे इस क्षेत्र को धार्मिक आस्था का केंद्र माना जाता है. पंचेश्वर में मकर संक्रांति पर उत्तरायणी महोत्सव का आयोजन किया गया. वहीं, महोत्सव के समापन के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और मेले में बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की.
महोत्सव के समापन अवसर पर पहुंची पिथौरागढ़ विधायक चन्द्रा पंत ने बताया कि पंचेश्वर सीमान्त क्षेत्र में आस्था का केंद्र होने के साथ ही पर्यटन का मुख्य केंद्र बिंदु भी है. इसके साथ ही इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के जनप्रिय नेता स्वर्गीय प्रकाश पन्त जी द्वारा पूर्व में यहां की विभिन्न समस्याओं को पूरा किया गया, जो भी अन्य समस्याएं हैं उन्हें भी वह दूर करने का प्रयास करेंगी, जिससे इस महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल सके.
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वहीं, पिथौरागढ़ की जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा बोहरा ने बताया कि पंचेश्वर क्षेत्र में अभी भी विभिन्न समस्याएं हैं, जिसे चंपावत और पिथौरागढ़ जिला पंचायत ही मिलकर हल कर सकती है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास की हर संभव कोशिश की जाएगी, जिससे इस सीमान्त क्षेत्र का समग्र विकास हो सके.