चंपावत/हल्द्वानी: प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने चंपावत जिला सभागार में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में रिवर्स पलायन के लिए कृषि विभाग और उससे जुड़े सभी विभाग महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने जिले में एकीकृत खेती और परंपरागत बीजों के प्रयोग को बढ़ाने पर जोर दिया. वहीं, कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन पर उन्होंने कहा कि विपक्षी दल इस आंदोलन के जरिए अपनी जमीन तलाश रहे हैं.
चंपावत जिले के दौरे पर पहुंचे उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने आज कृषि कानून को लेकर आंदोलन किया जा रहा है. ये सिर्फ विपक्षी दलों की साजिश है. उन्होंने कहा कि देश में दो-चार घराने ऐसे हैं, जो कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों के साथ अन्याय करते हैं. लेकिन अब कृषि कानून के आ जाने से इन लोगों को नुकसान होगा.
उन्होंने कहा कि पहले कृषि कानून किसानों को अपने प्रदेश से बाहर ले जाने की अनुमति नहीं देता था. लेकिन इस कानून में किसान अपना उत्पाद मंडी में ई-एग्रीकल्चर में कहीं भी बेच सकते हैं, जो किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं. सुबोध उनियाल ने आगे बताया कि इस कानून से बिचौलियों को नुकसान होगा, जो किसानों के उत्पाद पर कब्जा जमाए बैठे हैं, वही लोग किसानों को बरगला रहे हैं. यही नहीं विपक्षी दल अपनी खोई जमीन को किसान कानून का विरोध करके पाना चाहते हैं.
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हल्द्वानी में कृषि कानून के विरोध में फूंका पीएम का पुतला
हल्द्वानी में देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल की ओर से कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 32 दिनों से आंदोलन चल रहा है. आज उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया.
मंडल के प्रदेश अध्यक्ष हुकुम सिंह कुंवर ने बताया कि इस देश में किसान ही हैं, जो देश के प्रत्येक नागरिक के लिए भोजन की व्यवस्था करता है. लेकिन आज किसान पिछले एक महीने से सड़कों पर अपनी मांगों को लेकर बैठा है. लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता दिखा रही है. किसानों का साथ देने के बजाय उन्हें पाकिस्तानी और खालिस्तानी समर्थक बताया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक ये काला कानून वापस नहीं लिया जाएगा, आंदोलन जारी रहेगा.