चंपावत: जिले का सरकारी अस्पताल अक्सर विवादों में बना रहता है, ऐसा ही एक और मामला सामने आया है. जहां, एक युवक ने अस्पताल प्रबंधन पर पथरी का ऑपरेशन करने के लिए 12 हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया है. साथ ही सरकारी अस्पताल द्वारा पथरी की गलत रिपोर्ट देने की बात कही गई हैं. जबकि, इससे पूर्व में जिला अस्पताल की लापरवाही के चलते कम ऑक्सीजन वाला सिलेण्डर होने के कारण मरीज की रास्ते में ही मौत हो गई थी.
वहीं, दूसरा मामला दूधपोखरा गांव के एक युवक ने जिला अस्पताल प्रबन्धन पर पथरी के ऑपरेशन के लिए 12 हजार रूपये मांगने का आरोप लगाया था. युवक का आरोप है कि उसके पास बीपीएल कार्ड और आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद अस्पताल प्रबन्धन से उससे ऑपरेशन के लिए 12 हजार रुपये लिए मांगे. साथ ही 24 हजार रुपये आयुष्मान से भी काट लिए गए.
मामला रीठा के पीएलवी उमेश भट्ट ने जिलाधिकारी से शिकायत करते हुए गंभीर आरोप लगाया है कि जिला अस्पताल में उन्होंने अपनी 13 साल की लड़की का अल्ट्रासाउन्ड कराया, वहां रेडियोलॉजिस्ट द्वारा लड़की के पेट में 7 एमएम की पथरी होना बताया गया. जब वो रिपोर्ट को लेकर सर्जन के पास गए तो सर्जन ने उनसे पथरी के ऑपरेशन के लिए 12 हजार रुपये की मांग की.
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परिजनों द्वारा जब प्राइवेट अस्पताल में अल्ट्रासाउन्ड कराया गया तो उसमे रिपोर्ट नार्मल आई. पीएलवी भट्ट ने मामले को जिलाधिकारी एसएन पाण्डेय के सामने रखा. जिस पर जिलाधिकारी ने जांच कमेटी गठित कर दी है.