चंपावतः कुमाऊं मंडल में बेमौसम बारिश ने खेतों में खड़ी फसल को तबाह कर दिया है. जिससे किसानों के माथे पर शिकन आ गई है. सबसे ज्यादा नुकसान धान की फसल को पहुंचा है. किसानों की 20 से 30 फीसदी धान की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है. वहीं, किसानों से शासन प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाई है.
टनकपुर में राजस्व विभाग ने किया नुकसान का आकलनः चंपावत जिले में बारिश ने धान की फसल (Paddy Crop Damage) को काफी नुकसान पहुंचाया है. टनकपुर और बनबसा में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. किसानों ने नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से मुआवजे की मांग की है. टनकपुर एसडीएम हिमांशु कफल्टिया (Tanakpur SDM Himanshu Kafaltia) ने बताया कि कृषि एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम को फसलों के नुकसान का सर्वे करने को कहा गया है. टीम ने शुरू कर दिया है. आपदा मानकों के तहत प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.
बारिश ने छीनी अन्नदाता के चेहरों की रौनक, सरकार से मदद की आसः कुमाऊं में धान की फसल कटने को तैयार थी, लेकिन बेमौसम बरसात ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है. उन्होंने फसल के नुकसान का मुआवजा मांगा है. संयुक्त निदेशक कृषि विभाग पीके सिंह का कहना है कि बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. फसल के नुकसान के आकलन के लिए कमेटी गठित की गई है. कमेटी डोर टू डोर जाकर नुकसान का आकलन करेगी. जिसके बाद शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी. शासन की रिपोर्ट के बाद किसानों को मुआवजा देने की कार्रवाई शुरू की जाएगी.
वहीं, प्रगतिशील किसान महेंद्र सिंह नेगी का भी कहना है कि मूसलाधार बारिश ने किसानों की चेहरे की रौनक छीन ली. फसल पक चुकी थी और काटने की तैयारियां शुरू हो चुकी थी. काफी मात्रा में धान की फसल बर्बाद हो चुकी है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि किसानों को मुआवजा देकर उनको राहत पहुंचाई जाए. कृषि विभाग की मानें तो उधम सिंह नगर और नैनीताल जिले में इस बार करीब एक लाख हेक्टेयर भूमि पर धान की बुवाई की गई है, लेकिन बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ है.
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