चंपावत: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र जिला चंपावत में इन दिनों मां पूर्णागिरि धाम में भव्य मेले का आयोजन चल रहा है. इस मेले में उत्तर भारत के विभिन्न स्थानों से लेकर मित्र देश नेपाल से भी भक्तगण माता के दर्शन करने के लिये आ रहे हैं. लेकिन इन सबके बीच होटल स्वामी व धर्मशाला स्वामियों के द्वारा सेलागाड़ (पहाड़ी नालों) से दूषित पानी अवैध तरीके से मोटर के द्वारा खींच कर तीर्थ यात्रियों की आवभगत में इस्तेमाल किया जा रहा है. दरअसल इन्हीं नालों में होटलों का गंदा पानी प्रवाहित किया जाता है.
सूचना मिलने पर किया मुआयना: मीडिया द्वारा श्रद्धालुओं की सेहत से खिलवाड़ किए जाने की सूचना मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन की नींद टूटी. जिसके बाद टनकपुर के उप जिलाधिकारी सुंदर सिंह द्वारा पूर्णागिरि तहसीलदार पिंकी आर्या को मौका मुआयना करने हेतु आदेशित किया गया. तहसीलदार पिंकी आर्या व थाना अध्यक्ष हरीश प्रसाद द्वारा भैरव मंदिर सेलागाड़ का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण में देखा गया कि वहां पर होटल स्वामियों व धर्मशाला स्वामियों द्वारा सेलागाड़ से गंदा पानी मोटरों द्वारा खींच कर धर्मशाला व होटलों में तीर्थयात्रियों की आवभगत हेतु धड़ल्ले से उपयोग में लिया जा रहा है.
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होटल स्वामियों के खिलाफ नोटिस जारी किया गया: तहसीलदार पिंकी आर्या द्वारा जांच के उपरांत जांच रिपोर्ट उप जिलाधिकारी सुंदर सिंह को सौंप दी गई है. वहीं उप जिलाधिकारी सुंदर सिंह ने बताया कि उनके द्वारा पूर्णागिरि तहसीलदार पिंकी आर्या को यथास्थिति देखने के लिये आदेशित किया गया था. पिंकी आर्या व एसओ पूर्णागिरि द्वारा संयुक्त रूप से भैरव मंदिर के सेलागाड़ में निरीक्षण किया गया. पाया गया कि होटल व धर्मशाला द्वारा ही सीवरेज का गंदा पानी सेलागाड़ में आता है और उसी पानी को वह लोग मोटरों के द्वारा खींच कर होटल व धर्मशाला में उपयोग में ले रहे हैं. इसी को लेकर 12 धर्मशालाओं और होटलों के विरुद्ध प्रशासन द्वारा नोटिस जारी किया गया है.