चंपावत: टनकपुर शारदा नदी के डाउन स्ट्रीम क्षेत्र में खनन निकासी का काम एक नवंबर से ही शुरू हो गया है. बावजूद इसके अभी तक नदी के किनारों पर फावड़ें और बेल्चों की आवाज नहीं सुनाई दे रही है. जिसका सीधा असर वाहन स्वामियों पर साफ तौर पपर दिखाई दे रहा है.
दरअसल, हल्द्वानी वन प्रभाग के अंतर्गत इस बार मृदा एवं जल आयोग की टीम ने इस बार एक लाख घनमीटर की निकासी का लक्ष्य रखा है. खनन शुरू होने के बाद इसकी मात्रा और बढ़ा दी जाएगी. इसके लिए वन निगम में ट्रैक्टर, शक्तिमान व डंपर वाहनों के रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं. जबकि अभी अप-स्ट्रीम में सीमांकन का कार्य चल रहा है. वहीं नदी के डाउन-स्ट्रीम में खनन निकासी को खोल दिया गया है. इसके साथ ही यहां कर्मचारियों की भी तैनाती कर दी गई है लेकिन खनन खुलने के 30 दिन बीतने के बाद भी यहां न तो कोई मजदूर है और न ही कोई खनन स्वामी. जिसके कारण वाहन स्वामियों के माथे पर बल पड़ने लगे है. खनन न होने के कारण वाहन स्वामियों के वाहनों के चक्के रुके हुए हैं.
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इस बार शारदा नदी से शक्तिमान वाहन के अलावा डंपर व ट्रैक्टर ट्रालियां भी निकासी कार्य में जुटेंगी. जिसमें 756 वाहनों के रजिस्ट्रेशन हुए हैं. टनकपुर खनन प्रभारी हरीश पाल ने बताया कि शारदा नदी में प्रशासन व वन विभाग की ओर से खनन की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं. डाउन स्ट्रीम में खनन कार्य शुरू कर दिया गया है.