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पंचतत्व में विलीन हुये शहीद राहुल रैंसवाल, कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने दी श्रद्धांजलि

पुलवामा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए चंपावत के राहुल रैंसवाल का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव पहुंचा. उनके चाचा और बड़े भाई राजेंद्र रैंसवाल ने शहीद के शव को मुखाग्नि दी.

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राहुल रैंसवाल का पार्थिव शरीर
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Published : Jan 23, 2020, 11:05 AM IST

Updated : Jan 23, 2020, 2:02 PM IST

चंपावत: दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए उत्तराखंड के जवान राहुल रैंसवाल का पार्थिव शव आज चंपावत स्थित कनल गांव में पहुंचा. जहां उनके दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. अंतिम यात्रा के बाद शाम तक डिप्टेश्वर घाट पर सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. चाचा और बड़े भाई राजेंद्र रैंसवाल ने शहीद के शव को मुखाग्नि दी.

राहुल रैंसवाल का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव

वहीं, पार्थिव शरीर के पहुंचते ही शहीद की मां रहू देवी और पत्नी पिंकी बेसुध हो गईं. वहीं, स्थानीय लोगों ने चंपावत डिग्री कॉलेज को शहीद के नाम पर रखे जाने की मांग की है. शहीद राहुल रैंसवाल का अंतिम संस्कार डिप्टेश्वर धाम में किया गया.

इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि बनकर पहुंचे कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने शहीद को श्रद्धांजलि दी. चंपावत के पूर्व विधायक महेश खर्कवाल ने कहा कि शहीद राहुल रैंसवाल की शहादत को हमेशा उत्तराखंड याद करेगा.

ये भी पढ़ें: नम आंखों से बोले शहीद राहुल के पिता- बेटे के साथ होता तो 4 आतंकियों को अकेले कर देता ढेर

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में राहुल रैंसवाल शहीद हो गए थे. आज शहीद का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा. वहीं, स्थानीय लोगों ने शहीद के नाम पर राजकीय महाविद्यालय का नाम रखने की मांग की है.

वहीं बेटे के शहीद होने की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया. बेटे की शहादत पर पिता को गर्व है. शहीद के पिता विरेंदर रैंसवाल ने कहा कि 'अगर मैं राहुल के साथ होता तो चार दुश्मनों को मैं भी फाड़ देता. शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा है.

चंपावत: दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए उत्तराखंड के जवान राहुल रैंसवाल का पार्थिव शव आज चंपावत स्थित कनल गांव में पहुंचा. जहां उनके दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. अंतिम यात्रा के बाद शाम तक डिप्टेश्वर घाट पर सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. चाचा और बड़े भाई राजेंद्र रैंसवाल ने शहीद के शव को मुखाग्नि दी.

राहुल रैंसवाल का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव

वहीं, पार्थिव शरीर के पहुंचते ही शहीद की मां रहू देवी और पत्नी पिंकी बेसुध हो गईं. वहीं, स्थानीय लोगों ने चंपावत डिग्री कॉलेज को शहीद के नाम पर रखे जाने की मांग की है. शहीद राहुल रैंसवाल का अंतिम संस्कार डिप्टेश्वर धाम में किया गया.

इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि बनकर पहुंचे कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने शहीद को श्रद्धांजलि दी. चंपावत के पूर्व विधायक महेश खर्कवाल ने कहा कि शहीद राहुल रैंसवाल की शहादत को हमेशा उत्तराखंड याद करेगा.

ये भी पढ़ें: नम आंखों से बोले शहीद राहुल के पिता- बेटे के साथ होता तो 4 आतंकियों को अकेले कर देता ढेर

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में राहुल रैंसवाल शहीद हो गए थे. आज शहीद का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा. वहीं, स्थानीय लोगों ने शहीद के नाम पर राजकीय महाविद्यालय का नाम रखने की मांग की है.

वहीं बेटे के शहीद होने की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया. बेटे की शहादत पर पिता को गर्व है. शहीद के पिता विरेंदर रैंसवाल ने कहा कि 'अगर मैं राहुल के साथ होता तो चार दुश्मनों को मैं भी फाड़ देता. शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा है.

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Last Updated : Jan 23, 2020, 2:02 PM IST
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