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लिलियम के पैदावार से खिले काश्तकारों के चेहरे, बाजार में भारी डिमांड - चंपावत हिंदी समाचार

चंपावत के देवीधुरा क्षेत्र में लिलियम के फूलों की अच्छी पैदावार हुई है, जिससे किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं. वहीं, बाजार में लिली फ्लावर की भारी मांग के चलते किसानों को भी अच्छी आमदनी होने का अनुमान है.

लिलियम के पैदावार से किसानों में खुशी
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Published : Nov 21, 2019, 10:11 PM IST

चंपावत: देवीधुरा क्षेत्र में चार हजार वर्ग मीटर में इन दिनों लिलियम के फूल लहलहाते हुए देखे जा सकते हैं. जिससे किसानों को अच्छी आय होने की संभावना हैं. ऐसे में इन लिली फ्लावर को देखकर किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं.

लिलियम के पैदावार से किसानों में खुशी.

जानकारी के मुताबिक, किसान राजीव ने तीन हजार स्क्वायर मीटर में 60 हजार लिलियम के बल्ब, गोकुलानंद ने 100 वर्ग मीटर में तीन हजार बल्ब और जीवानंद जोशी ने 22 हजार वर्ग मीटर के पाॅलीहाउस में 22 हजार लिलियम के बल्ब लगाए थे, जो अब पूरी तरह तैयार हैं. किसानों ने बताया कि इन फूलों को दिल्ली की गाजीपुर मंडी में निर्यात किया जाएगा. क्योंकि गाजीपुर मंडी लिली फ्लावर की काफी मांग है, एक फूल की कीमत 40 से 50 रुपये तक है.

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वहीं, जिला उद्यान अधिकारी एनके आर्या ने बताया कि विभाग की ओर से पॉलीहाउस में लिलियम की खेती के लिए 50 से 80 प्रतिशत अनुदान मिल रहा है. साथ ही लिलियम के बल्ब को खरीदने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत का अनुदान भी दिया जा रहा है. आर्या ने कहा कि देवीधुरा को लिलियम क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा.

चंपावत: देवीधुरा क्षेत्र में चार हजार वर्ग मीटर में इन दिनों लिलियम के फूल लहलहाते हुए देखे जा सकते हैं. जिससे किसानों को अच्छी आय होने की संभावना हैं. ऐसे में इन लिली फ्लावर को देखकर किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं.

लिलियम के पैदावार से किसानों में खुशी.

जानकारी के मुताबिक, किसान राजीव ने तीन हजार स्क्वायर मीटर में 60 हजार लिलियम के बल्ब, गोकुलानंद ने 100 वर्ग मीटर में तीन हजार बल्ब और जीवानंद जोशी ने 22 हजार वर्ग मीटर के पाॅलीहाउस में 22 हजार लिलियम के बल्ब लगाए थे, जो अब पूरी तरह तैयार हैं. किसानों ने बताया कि इन फूलों को दिल्ली की गाजीपुर मंडी में निर्यात किया जाएगा. क्योंकि गाजीपुर मंडी लिली फ्लावर की काफी मांग है, एक फूल की कीमत 40 से 50 रुपये तक है.

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वहीं, जिला उद्यान अधिकारी एनके आर्या ने बताया कि विभाग की ओर से पॉलीहाउस में लिलियम की खेती के लिए 50 से 80 प्रतिशत अनुदान मिल रहा है. साथ ही लिलियम के बल्ब को खरीदने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत का अनुदान भी दिया जा रहा है. आर्या ने कहा कि देवीधुरा को लिलियम क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा.

Intro:स्लग-लिलियम फूल
-लिलियम क्लस्टर के रूप में विकसित होगा देवीधुरा क्षेत्र
चम्पावत। देवीधुरा क्षेत्र में 4 हजार वर्ग मीटर में लिलियम के फूल लहलहा रहे हैं। वालिक, देविधुरा, ढरौंज में पाॅलिहाउस में राजीव कुमार, गोकुलानंद, जीवानंद जोशी पाॅलिहाउस में लिलियम की खेती कर अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं। लिलियम के फूल दिल्ली की गाजीपुर मंडी में बिक रहे हैं। लिलियम की अत्यधिक मांग के चलते उद्यान विभाग अब देवीधुरा क्षेत्र को लिलियम के क्लस्टर के रूप में बढावा देने की सोच रहा है।


Body:राजीव ने 3 हजार स्कवायर मीटर में 60 हजार लिलियम के बल्ब गोकुलानंद ने 100 वर्ग मीटर में 3 हजार बल्ब जीवानंद जोशी ने 22 हजार वर्ग मीटर के पाॅलिहाउस में 22 हजार लिलियम के बल्ब लगाए थे जो अब पूरी तरह तैयार हैं। एक स्टीक की कीमत 40 से 50 रूपये कास्तकारों को आसानी मिल रही है।
लिलियम ठंडी आबोहवा का बेहद खूबसूरत फूल है तथा इसकी बाजार में अत्यधिक मांग है। हाॅलेण्ड से इसके बल्ब को मंगाया जाता है। देवीधुरा उद्यान सचल केन्द्र प्रभारी प्रदीप पचैली ने बताया कि स्थानीय किसानों में लिलियम की खेती को लेकर काफी उत्साह है। लिलियम की खेती करने वाले किसानों को हर संभव मदद विभाग की ओर से की जा रही है।

Conclusion:जिला उद्यान अधिकारी एनके आर्या ने बताया कि लिलियम की खेती के लिए पाॅलिहाउस लगाने के लिए विभाग की और से 80 से 50 प्रतिशत अनुदान मिल रहा है तथा लिलियम के बल्ब को खरीदने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है देवीधुरा को लिलियम क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा।
बाइट 1- एनके आर्या जिला उद्यान अधिकारी
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