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बारिश और कड़ाके की ठंड के बाद भी होली रंग महोत्सव की धूम, दिखी कुमाउंनी खड़ी होली की झलक

ठंड और बारिश के बावजूद चंपावत के लोहाघाट में दूसरे दिन भी होली रंग महोत्सव कार्यक्रम की धूम देखने को मिली. इस दौरान कुमाउंनी खड़ी होली को देखने दूर-दराज से लोग होली रंग महोत्सव को देखने पहुंचे.

CHAMPAWAT
होली रंग महोत्सव
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Published : Mar 6, 2020, 6:03 PM IST

Updated : Mar 6, 2020, 7:33 PM IST

चंपावत: बारिश और कड़ाके की ठंड के बावजूद भी चंपावत में होली रंग महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. लोहाघाट रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित 8वें होली रंग महोत्सव के दूसरे दिन भी बारिश के बावजूद भी सुई, फोरती, बिषजुला की होली कमेटियों ने जमकर होली गायन किया और महोत्सव का आनंद उठाया. इस दौरान कुमाउंनी खड़ी होली को देखने के लिए कई क्षेत्रों से लोग महोत्सव में पहुंचे.

पिछले आठ सालों से रामलीला कमेटी लोहाघाट में होली गायन का आयोजन कर रही है. जिसमें होली कमेटियों को सम्मानित भी किया जाता है. कुमाउंनी खड़ी होली देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है. लोहाघाट में आयोजित खड़ी होली कार्यक्रम को देखने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से लोग पहुंचते हैं.

होली रंग महोत्सव

ये भी पढ़े: हल्द्वानी के हर्बल कलर देश विदेश में बने पहली पसंद, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करती हैं तैयार

कुमाऊं में शिवरात्रि के दिन से ही खड़ी होली का आयोजन शुरू हो जाता है. जो मंदिरों से शुरू होकर गांव-गांव तक पहुंच जाती है. आजकल हर गांव की अपनी एक होली कमेटी होती है, जो होली मैदान में होली गायन करते हैं. नगरीय क्षेत्रों में भी अब होली कमेटियों का गठन हो गया है. कुमाउंनी होली राग-फाग में गाई जाती है. खड़ी होली में वेद रामायण, महाभारत और प्रेमरस गाया जाता है. छलेडी के दिन होली अपने चरम पर होती है. टीके की होली के साथ इसका समापन होता है.

चंपावत: बारिश और कड़ाके की ठंड के बावजूद भी चंपावत में होली रंग महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. लोहाघाट रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित 8वें होली रंग महोत्सव के दूसरे दिन भी बारिश के बावजूद भी सुई, फोरती, बिषजुला की होली कमेटियों ने जमकर होली गायन किया और महोत्सव का आनंद उठाया. इस दौरान कुमाउंनी खड़ी होली को देखने के लिए कई क्षेत्रों से लोग महोत्सव में पहुंचे.

पिछले आठ सालों से रामलीला कमेटी लोहाघाट में होली गायन का आयोजन कर रही है. जिसमें होली कमेटियों को सम्मानित भी किया जाता है. कुमाउंनी खड़ी होली देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है. लोहाघाट में आयोजित खड़ी होली कार्यक्रम को देखने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से लोग पहुंचते हैं.

होली रंग महोत्सव

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कुमाऊं में शिवरात्रि के दिन से ही खड़ी होली का आयोजन शुरू हो जाता है. जो मंदिरों से शुरू होकर गांव-गांव तक पहुंच जाती है. आजकल हर गांव की अपनी एक होली कमेटी होती है, जो होली मैदान में होली गायन करते हैं. नगरीय क्षेत्रों में भी अब होली कमेटियों का गठन हो गया है. कुमाउंनी होली राग-फाग में गाई जाती है. खड़ी होली में वेद रामायण, महाभारत और प्रेमरस गाया जाता है. छलेडी के दिन होली अपने चरम पर होती है. टीके की होली के साथ इसका समापन होता है.

Last Updated : Mar 6, 2020, 7:33 PM IST
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