चंपावत: उत्तराखंड में बीते दो दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है. जिसमें उत्तराखंडवासियों की मुश्किलें बढ़ा दी है. कई जगहों पर बाढ़ के हालत बन गए है. चम्पावत जिले में भारत-नेपाल सीमा पर बहने वाली शारदा नदी अपने उफान पर है. मंगलवार सुबह बनबसा बैराज से उत्तर प्रदेश की ओर लगभग 1 लाख 27 क्यूसेक प्रति सेकेंड की रफ्तार से पानी छोड़ा गया. साथ ही बनबसा शारदा बैराज पर रेड अर्लट घोषित कर दिया. प्रशासन ने शारदा नदी से लगे घाट और भवनों को खाली करने के निर्देश दे दिए हैं.
हर साल मॉनसून सीजन में पहाड़ों पर होने वाली मूसलाधार बारिश से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है. इस बार भी कुछ ऐसे ही हालत देखने को मिल रहे हैं. बनबसा में भारत-नेपाल सीमा को जोड़ने वाले बिट्रिश कालीन शारदा बैराज से काफी मात्रा में पानी छोड़ा है. इसी वजह से बैराज प्रबंधन ने यूपी के बरेली और लखनऊ से संचालित बैराज पर हाई अर्लट घोषित कर दिया है.
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जलस्तर को देखते हुए बैराज से लगभग 1 लाख 27 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड आगे पास किया जा रहा है जो अब सीधे उत्तर प्रदेश के सीमांत नगरों का रुख करेगा. बढ़ते जलस्तर को देखते हुए भारत-नेपाल को जोड़ने वाले बैराज पुल पर भारी वाहनों का आवागमन भी रोक दिया जाता है.
टनकपुर शहर का आधा हिस्सा जलमग्न
पहाड़ों में हुई मूसलाधार बारिश का असर मैदानी इलाकों में देखने को मिल रहा है. टनकपुर शहर का आधा हिस्सा जलमग्न हो गया. ज्ञानखेड़ा, बोरागोठ, आमबाग, बिचई व छीनीगोठ गांव के साथ शहर से लगे हिस्से पानी से लबालब भर गये. जल भराव होने से कई घरों में पानी घुस गया.
ककरालीगेट-पूणागिरि मार्ग बंद
एनएच पर पिथौरागढ़ चुंगी और पीलीभीत चुंगी के पास भी जल भराव के कारण बाढ़ जैसे हालत बने हुए है. उधर बारिश के कारण किरोड़ा नाला उफान पर आ गया. जिससे कई गांवों को संपर्क टनकपुर शहर से कट गया. बाटनागाड़ में पानी के साथ बड़े बोल्डर और मलबा जमा हो गया. जिससे ककरालीगेट-पूणागिरि मार्ग बंद हो गया था. बारिश बंद होने के करीब पांच घंटे बाद मार्ग यातायात के लिए सुचारू हो पाया.
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चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी ने भी क्षेत्र का दौरा किया और स्थानीय लोगों की समस्या सुनी. विधायक ने मौके पर दो जेसीबी मशीनें मंगवाकर पानी को अवरूद्ध करने वाले अतिक्रमण को हटाया. लोगों की शिकायत पर विधायक ने एसडीएम को एनएच के किनारे किए गये अतिक्रमण को हटाने व हाईवे की देखरेख कर रही संस्था एनएच को सड़क के दोनों और जल निकास नालियां बनवाने के लिए निर्देश देने को कहा.