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चंपावत में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर 345 सस्ता गल्ला विक्रेता, ये हैं मांगें

अपनी मांगों को लेकर सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने शासन-प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. खाद्य आपूर्ति गोदाम के आगे बैनर लगाकर सस्ता गल्ला विक्रेता मासिक मानदेय देने मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. मानदेय तय न होने और पुराने बिलों का भुगतान न होने से सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है.

Champawat sasta galla sellers
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Published : Oct 1, 2021, 6:49 PM IST

Updated : Oct 1, 2021, 8:03 PM IST

चंपावत: मानदेय तय न होने और पुराने बिलों का भुगतान न होने से सस्ता गल्ला विक्रेताओं में शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है. उन्होंने नाराजगी जताते हुए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं.

पर्वतीय सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं के संगठन ने शुक्रवार से क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है. खाद्य आपूर्ति गोदाम के आगे बैनर लगाकर सस्ता गल्ला विक्रेता मासिक मानदेय देने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. सस्ता गल्ला विक्रेताओं का कहना है कि उनकी मांगों को शीघ्र पूरा नहीं किया गया, तो वह सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे और अंतिम क्षणों तक संघर्ष जारी रखेंगे, जिले में 26 सितंबर से सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने जिले में राशन वितरित करना बंद कर दिया था.

बता दें, जिले में 345 सरकारी सस्ता गल्ला की दुकानें हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में सभी राशन कार्ड धारक सभी सस्ता गल्ला विक्रेताओं से ही राशन लेते हैं, जिसमें बीपीएल, एपीएल और गरीबी रेखा आदि के राशन कार्ड धारक हैं. राशन वितरित ना होने से खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों को रोजी-रोटी का संकट आ जाएगा अधिकांश परिवार सरकारी राशन पर ही निर्भर हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड में कक्षा एक से 12वीं तक के छात्रों को मिलेंगी निशुल्क किताबें, ये है तैयारी

सस्ता-गल्ला विक्रेताओं ने इस बार आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बनाया है. सरकार से मासिक मानदेय देने की प्रमुख मांग उठाई है. वहीं, जिला पूर्ति अधिकारी राजेंद्र उप्रेती ने बताया कि सस्ता गल्ला विक्रेताओं मनाने का प्रयास किया जा रहा है.

चंपावत: मानदेय तय न होने और पुराने बिलों का भुगतान न होने से सस्ता गल्ला विक्रेताओं में शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है. उन्होंने नाराजगी जताते हुए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं.

पर्वतीय सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं के संगठन ने शुक्रवार से क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है. खाद्य आपूर्ति गोदाम के आगे बैनर लगाकर सस्ता गल्ला विक्रेता मासिक मानदेय देने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. सस्ता गल्ला विक्रेताओं का कहना है कि उनकी मांगों को शीघ्र पूरा नहीं किया गया, तो वह सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे और अंतिम क्षणों तक संघर्ष जारी रखेंगे, जिले में 26 सितंबर से सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने जिले में राशन वितरित करना बंद कर दिया था.

बता दें, जिले में 345 सरकारी सस्ता गल्ला की दुकानें हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में सभी राशन कार्ड धारक सभी सस्ता गल्ला विक्रेताओं से ही राशन लेते हैं, जिसमें बीपीएल, एपीएल और गरीबी रेखा आदि के राशन कार्ड धारक हैं. राशन वितरित ना होने से खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों को रोजी-रोटी का संकट आ जाएगा अधिकांश परिवार सरकारी राशन पर ही निर्भर हैं.

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सस्ता-गल्ला विक्रेताओं ने इस बार आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बनाया है. सरकार से मासिक मानदेय देने की प्रमुख मांग उठाई है. वहीं, जिला पूर्ति अधिकारी राजेंद्र उप्रेती ने बताया कि सस्ता गल्ला विक्रेताओं मनाने का प्रयास किया जा रहा है.

Last Updated : Oct 1, 2021, 8:03 PM IST
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