चंपावत: पलायन से खाली हो चुके पहाड़ के गांवों में अब लोगों के पुश्तैनी भवन भी वनाग्नि की भेंट चढ़ रहे हैं. कभी यह गांव बाखलियां से गुलजार रहा करती थी, लेकिन सुविधाओं के अभाव में लोग यहां से पलायन कर गए और पीछे मुड़कर नहीं देखा. वहीं, देखभाल के अभाव में यहां के घर खंडहर बन गए हैं. कभी होली, दीपावली, तीज त्योहारों में यह गांव की बाखलियां गुलजार रहा करती थी. आज धू धू कर जल रही हैं. वहीं, पलायन को रोकने में सरकारें पूरी तरह नाकाम साबित हुई हैं.
मंच उप तहसील के पास 12 पुश्तैनी भवनों में आग लग गई, आग इतनी भयावह थी कि पुलिस और वन विभाग ने आग बुझाने का प्रयास किया गया, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका है. आग में पान सिंह, दीवान सिंह, शीशपाल सिंह, दीपक सिंह, शंकर सिंह, चंदन सिंह, मदन सिंह, राजेंद्र सिंह, चंचल सिंह, सुंदर सिंह, फतेह सिंह के पुश्तैनी घर जलकर खाक हो गए. आग से लाखों का नुकसान होने की बात कही जा रही है. ग्रामीणों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है.
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प्रभारी थानाध्यक्ष प्रमोद सिंह ने कहा कि चार से पांच सौ मीटर की दूरी पर आग लगी थी. आशंका है कि हवा के कारण चिंगारी भवनों के पास पहुंची होगी, जिससे घरोंं में आग लग गई. वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में वन विभाग के पास आग बुझाने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं.