चमोली: उत्तराखंड के पडाड़ों पर स्वास्थ्य सेवाओं और सड़कों का हाल किसी से छुपा नहीं है. पहाड़ के दूर-दराज के गांवों में सड़कें नहीं होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मरीज को कंधे पर लाद कर अस्पताल ले जाना पड़ता है. इसी बीच जोशीमठ ब्लॉक के सीमांत क्षेत्र द्रोणागिरी गांव में भी आज यही देखने को मिला है.
दरअसल, द्रोणागिरी गांव में 80 साल के एक बुजुर्ग की अचानक तबीयत खराब हो गई. पैदल का रास्ता होने और संसाधन न होने के कारण बुजुर्ग को एक दिन गांव में ही रोकना पड़ा. क्षेत्र में संचार की सुविधा न होने के कारण कुछ लोगों को रात के 11 बजे तपोवन पहुंच कर बुजुर्ग के सगे संबंधियों को फोन किया गया.
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जिसके बाद बुजुर्ग के लड़कों ने गांव के अन्य लोगों की मदद से कंधे पर लादकर 9 किमी पैदल द्रोणागिरी से जुम्मा बॉर्डर रोड तक पहुंचाया गया. जंहा से बुजुर्ग को वाहन के द्वारा जोशीमठ अस्पताल तक उपचार के लिए पहुंचाया गया.