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दर्द-ए-उत्तराखंड: 80 साल के बुजुर्ग को कंधे पर लादकर सड़क तक पहुंचने के लिए किया 9 KM का 'सफर' - Joshimath Block

जोशीमठ ब्लॉक के सीमांत क्षेत्र द्रोणागिरी गांव में सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गांव के लोगों ने 80 साल के बुजुर्ग को कंधे पर लाद कर अस्पताल पहुंचाया.

Chamoli Hindi News
चमोली हिंदी न्यूज
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Published : May 25, 2020, 9:33 PM IST

चमोली: उत्तराखंड के पडाड़ों पर स्वास्थ्य सेवाओं और सड़कों का हाल किसी से छुपा नहीं है. पहाड़ के दूर-दराज के गांवों में सड़कें नहीं होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मरीज को कंधे पर लाद कर अस्पताल ले जाना पड़ता है. इसी बीच जोशीमठ ब्लॉक के सीमांत क्षेत्र द्रोणागिरी गांव में भी आज यही देखने को मिला है.

दरअसल, द्रोणागिरी गांव में 80 साल के एक बुजुर्ग की अचानक तबीयत खराब हो गई. पैदल का रास्ता होने और संसाधन न होने के कारण बुजुर्ग को एक दिन गांव में ही रोकना पड़ा. क्षेत्र में संचार की सुविधा न होने के कारण कुछ लोगों को रात के 11 बजे तपोवन पहुंच कर बुजुर्ग के सगे संबंधियों को फोन किया गया.

80 साल के बुजुर्ग को कंधे पर लादकर पहुंचाया अस्पताल.

पढ़ें- प्रवासियों को पेड क्वारंटाइन की सुविधा, लिस्ट के जरिए कर सकेंगे होटलों का चयन

जिसके बाद बुजुर्ग के लड़कों ने गांव के अन्य लोगों की मदद से कंधे पर लादकर 9 किमी पैदल द्रोणागिरी से जुम्मा बॉर्डर रोड तक पहुंचाया गया. जंहा से बुजुर्ग को वाहन के द्वारा जोशीमठ अस्पताल तक उपचार के लिए पहुंचाया गया.

चमोली: उत्तराखंड के पडाड़ों पर स्वास्थ्य सेवाओं और सड़कों का हाल किसी से छुपा नहीं है. पहाड़ के दूर-दराज के गांवों में सड़कें नहीं होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मरीज को कंधे पर लाद कर अस्पताल ले जाना पड़ता है. इसी बीच जोशीमठ ब्लॉक के सीमांत क्षेत्र द्रोणागिरी गांव में भी आज यही देखने को मिला है.

दरअसल, द्रोणागिरी गांव में 80 साल के एक बुजुर्ग की अचानक तबीयत खराब हो गई. पैदल का रास्ता होने और संसाधन न होने के कारण बुजुर्ग को एक दिन गांव में ही रोकना पड़ा. क्षेत्र में संचार की सुविधा न होने के कारण कुछ लोगों को रात के 11 बजे तपोवन पहुंच कर बुजुर्ग के सगे संबंधियों को फोन किया गया.

80 साल के बुजुर्ग को कंधे पर लादकर पहुंचाया अस्पताल.

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जिसके बाद बुजुर्ग के लड़कों ने गांव के अन्य लोगों की मदद से कंधे पर लादकर 9 किमी पैदल द्रोणागिरी से जुम्मा बॉर्डर रोड तक पहुंचाया गया. जंहा से बुजुर्ग को वाहन के द्वारा जोशीमठ अस्पताल तक उपचार के लिए पहुंचाया गया.

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