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गैरसैंण: ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने से खुश पहाड़ की महिलाएं, कहा- चार मार्च उनके लिए ऐतिहासिक दिन

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Published : Mar 5, 2020, 5:06 PM IST

Updated : Mar 5, 2020, 5:16 PM IST

गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने से पहाड़ की महिलाएं काफी खुश हैं .

गैरसैंण
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गैरसैंण: उत्तराखंड राज्य गठन में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है. उत्तराखंड राज्य बनाये जाने की मांग को लेकर हुए आंदोलन में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. यही कारण है कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के फैसले से पहाड़ की महिलाएं काफी उत्साहित नजर आ रही हैं.

ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने से खुश पहाड़ की महिलाएं

सरकार के इस फैसले को लेकर महिलाओं की क्या राय है इसको लेकर ईटीवी भारत ने गैरसैंण में कुछ महिलाओं से बात की. महिलाओं ने कहा कि चार मार्च उनके लिए ऐतिहासिक दिन है. क्योंकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा जो की है.

पढ़ें- गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने पर जश्न का माहौल, विधायक नेगी बोले जल्द बनेगा मिनी सचिवालय

उत्तराखंड राज्य आंदोलन में महिलाओं का एक बहुत बड़ा योगदान रहा है. पृथक उत्तराखंड के लिए पहाड़ की महिलाओं ने पुरुषों के साथ डंडे और गोलियां खायी हैं. इसके लिए उन्हें कई बार दिल्ली के चक्कर काटने पड़े. कुछ महिलाओं को जेल भी जाना पड़ा. लेकिन आज उन्हें लंबे संघर्ष का फल मिला है. आज आंदोलनकारी महिलाओं का सपना पूरा हुआ है.

महिलाओं ने कहा कि आंदोलनकारी महिलाओं की शुरू से ही मांग रही है कि पहाड़ की राजधानी पहाड़ में ही होनी चाहिए. जिसके लिए कई महिलाओं ने संघर्ष किया था. गैरसैंण उन्हीं के संघर्ष का परिणाम है.

गैरसैंण: उत्तराखंड राज्य गठन में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है. उत्तराखंड राज्य बनाये जाने की मांग को लेकर हुए आंदोलन में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. यही कारण है कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के फैसले से पहाड़ की महिलाएं काफी उत्साहित नजर आ रही हैं.

ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने से खुश पहाड़ की महिलाएं

सरकार के इस फैसले को लेकर महिलाओं की क्या राय है इसको लेकर ईटीवी भारत ने गैरसैंण में कुछ महिलाओं से बात की. महिलाओं ने कहा कि चार मार्च उनके लिए ऐतिहासिक दिन है. क्योंकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा जो की है.

पढ़ें- गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने पर जश्न का माहौल, विधायक नेगी बोले जल्द बनेगा मिनी सचिवालय

उत्तराखंड राज्य आंदोलन में महिलाओं का एक बहुत बड़ा योगदान रहा है. पृथक उत्तराखंड के लिए पहाड़ की महिलाओं ने पुरुषों के साथ डंडे और गोलियां खायी हैं. इसके लिए उन्हें कई बार दिल्ली के चक्कर काटने पड़े. कुछ महिलाओं को जेल भी जाना पड़ा. लेकिन आज उन्हें लंबे संघर्ष का फल मिला है. आज आंदोलनकारी महिलाओं का सपना पूरा हुआ है.

महिलाओं ने कहा कि आंदोलनकारी महिलाओं की शुरू से ही मांग रही है कि पहाड़ की राजधानी पहाड़ में ही होनी चाहिए. जिसके लिए कई महिलाओं ने संघर्ष किया था. गैरसैंण उन्हीं के संघर्ष का परिणाम है.

Last Updated : Mar 5, 2020, 5:16 PM IST
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