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30 किलोमीटर पैदल चले ग्रामीण, भारी बर्फबारी के बीच बीमार महिला को पहुंचाया अस्पताल - District Hospital Gopeshwar

चमोली जिले में जोशीमठ विकासखंड के डुमक गांव में एक महिला की तबीयत अचानक खराब हो गयी. ग्रामीणों ने भारी बारिश व बर्फबारी के बीच महिला को कंधों के सहारे डंडी-कंडी पर बैठाकर 30 किलोमीटर चलकर हेलंग तक पहुंचाया. जिसके बाद महिला को ग्रामीणों ने टैक्सी के सहारे जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में भर्ती करवाया.

Gopeshwar hospital
बीमार महिला को पहुंचाया अस्पताल
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Published : Dec 12, 2020, 2:27 PM IST

Updated : Dec 12, 2020, 3:21 PM IST

चमोली: पहाड़ों पर हो रही बारिश और बर्फबारी तब लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन जाती है जब सड़क विहीन गांव में किसी की तबीयत बिगड़ जाए और उसे अस्पताल ले जाना पड़े. ऐसा ही एक मामला जोशीमठ विकासखंड के डुमक गांव में देखने को मिला.

भारी बर्फबारी के बीच बीमार महिला को पहुंचाया अस्पताल

अचानक तबीयत खराब होने के कारण गांव की विनीता देवी को ग्रामीणों ने बर्फबारी के बीच कंधों के सहारे डंडी-कंडी पर बैठाकर किसी तरह हेलंग तक पहुंचाया. यहां तक पहुंचने के लिये ग्रामीणों को पहले 30 किलोमीटर पैदल पगडंडियों पर चलना पड़ा. हेलंग पहुंचने पर विनीता देवी को टैक्सी के जरिये जिला चिकित्सालय गोपेश्वर भेजा गया, जहां विनीता का उपचार चल रहा है.

दरअसल, उर्गम गांव से डुमुक गांव की दूरी करीब 18 किलोमीटर पैदल है. अक्सर गांव में बीमार होने पर लोगों को डंडी-कंडी के सहारे पैदल अस्पताल पहुंचाया जाता है. डुमुक गांव की विनीता देवी को पहले तो ग्रामीण डंडी-कंडी के सहारे बर्फबारी के बीच इस आस में उर्गम तक लाए कि वहां से गाड़ी मिल जाएगी. लेकिन बारिश का मौसम होने और सड़क पर बर्फ जमी होने के कारण गाड़ी नहीं मिल सकी. जिसके बाद ग्रामीणों ने विनीता देवी को डंडी-कंडी पर बैठाकर फिर 12 किलोमीटर का पैदल सफर तय किया और बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित हेलंग तक पहुंचाया.

ये भी पढ़ें : बदरीनाथ में हुई जमकर बर्फबारी, हनुमान चट्टी से आगे का रास्ता बंद

उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड राज्य को बने हुए आज 20 साल का समय बीत गया है. लेकिन मूलभूत सुविधाओं की स्थिति आज भी जस की तस है. खासकर पहाड़ों पर लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यहां न तो गांवों तक सड़क हैं और न ही स्वास्थ्य सेवाएं. प्रदेश की सत्ता पर सरकारें किसी की भी रही हों, लेकिन आज भी पहाड़ के कई गांवों में लोग पैदल सफर करने मजबूर हैं.

चमोली: पहाड़ों पर हो रही बारिश और बर्फबारी तब लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन जाती है जब सड़क विहीन गांव में किसी की तबीयत बिगड़ जाए और उसे अस्पताल ले जाना पड़े. ऐसा ही एक मामला जोशीमठ विकासखंड के डुमक गांव में देखने को मिला.

भारी बर्फबारी के बीच बीमार महिला को पहुंचाया अस्पताल

अचानक तबीयत खराब होने के कारण गांव की विनीता देवी को ग्रामीणों ने बर्फबारी के बीच कंधों के सहारे डंडी-कंडी पर बैठाकर किसी तरह हेलंग तक पहुंचाया. यहां तक पहुंचने के लिये ग्रामीणों को पहले 30 किलोमीटर पैदल पगडंडियों पर चलना पड़ा. हेलंग पहुंचने पर विनीता देवी को टैक्सी के जरिये जिला चिकित्सालय गोपेश्वर भेजा गया, जहां विनीता का उपचार चल रहा है.

दरअसल, उर्गम गांव से डुमुक गांव की दूरी करीब 18 किलोमीटर पैदल है. अक्सर गांव में बीमार होने पर लोगों को डंडी-कंडी के सहारे पैदल अस्पताल पहुंचाया जाता है. डुमुक गांव की विनीता देवी को पहले तो ग्रामीण डंडी-कंडी के सहारे बर्फबारी के बीच इस आस में उर्गम तक लाए कि वहां से गाड़ी मिल जाएगी. लेकिन बारिश का मौसम होने और सड़क पर बर्फ जमी होने के कारण गाड़ी नहीं मिल सकी. जिसके बाद ग्रामीणों ने विनीता देवी को डंडी-कंडी पर बैठाकर फिर 12 किलोमीटर का पैदल सफर तय किया और बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित हेलंग तक पहुंचाया.

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उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड राज्य को बने हुए आज 20 साल का समय बीत गया है. लेकिन मूलभूत सुविधाओं की स्थिति आज भी जस की तस है. खासकर पहाड़ों पर लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यहां न तो गांवों तक सड़क हैं और न ही स्वास्थ्य सेवाएं. प्रदेश की सत्ता पर सरकारें किसी की भी रही हों, लेकिन आज भी पहाड़ के कई गांवों में लोग पैदल सफर करने मजबूर हैं.

Last Updated : Dec 12, 2020, 3:21 PM IST
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