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प्रदेश के अलग-अलग जिलों में धूमधाम से मनाया गया विजय दिवस, शहीदों के परिजनों को किया गया सम्मानित

रुद्रप्रयाग में जम्मू कश्मीर लाईट इन्फेन्ट्री रेजीमेंट के प्रांगण में विजय दिवय का कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि ये दिन शहीदों की भूमिका और राष्ट्रीय एकता के स्मरण का दिन है. चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर में भी विजय दिवस को धूमधाम से मनाया गया.

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अलग-अलग जिलों में धूमधाम से मनाया गया विजय दिवस
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Published : Dec 16, 2019, 6:24 PM IST

Updated : Dec 16, 2019, 7:05 PM IST

रुद्रप्रयाग/चमोली: 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान ने भारतीय सेना के आगे हार मान ली थी. तब से हर साल 16 दिसंबर को वीरता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस युद्ध देश के जांबाजों ने वीरता की मिसाल पेश की थी. उत्तराखंड के 255 वीरों ने इस युद्ध में अपनी कुर्बानी दी थी. इस युद्ध में दुश्मन सेना से लोहा लेने वाले 74 जवानों को वीरता पदक से नवाजा गया था. जबकि छह जांबाजों को वीरता का दूसरा सर्वोच्च पदक, महावीर चक्र प्रदान किया गया था. इन्ही जवानों की शहादत को याद करते हुए सोमवार को प्रदेश के अलग-अलग जिलों में विजय दिवस मनाया गया.

अलग-अलग जिलों में धूमधाम से मनाया गया विजय दिव

रुद्रप्रयाग में जम्मू कश्मीर लाईट इन्फेन्ट्री रेजीमेंट के प्रांगण में विजय दिवय का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान मुख्य अतिथि जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि यह दिन शहीदों की भूमिका और राष्ट्रीय एकता के स्मरण का दिन है. उन्होंने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि यह दिन हमारे लिये प्रतीकात्मक है, क्योंकि इस दिन हमने मुक्ति वाहनी सेना के साथ मिलकर पूर्वी बांग्लादेश को मुक्त करवाया था.

पढ़ें-एसटीएफ के हत्थे चढ़ा इनामी बदमाश, काफी दिनों से थी तलाश

समारोह से पहले आर्मी कैंपस में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, सैनिक अधिकारियों, सैनिकों एवं जिलास्तरीय अधिकारियों, पूर्व सैनिकों ने शहीदों को श्रद्धांजलि एवं श्रद्धासुमन अर्पित किए. इससे पहले सुबह दस बजे जिलाधिकारी ने जिला कार्यालय में ध्वजारोहण भी किया.

पढ़ें-रुद्रप्रयाग: बर्फबारी पर्यटकों के लिए बनी मुसीबत, डीएम ने विभागीय अधिकारियों को दिए निर्देश

चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर में भी विजय दिवस को धूमधाम से मनाया गया. यहां आयोजित कार्यक्रम में 1971 में शहीद हुए सिपाही बिशन सिंह तोपाल की पत्नी सोबती देवी और युद्ध में शामिल पूर्व सैनिक अब्बल सिंह, राजेंद्र सिंह भोला सिंह ,तामवर सिंह भंडारी ,शिवराज सिंह के साथ ही वीर नारियां कमला देवी, ओखा देवी, को जिलाधिकारी ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया.

इस दौरान जिलाधिकारी और अन्य जनपद के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के द्वारा शहीदों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की. स्कूली छात्र-छात्राओं ने गोपेश्वर में प्रभातफेरी निकालने के साथ ही देशभक्ति और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए.

रुद्रप्रयाग/चमोली: 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान ने भारतीय सेना के आगे हार मान ली थी. तब से हर साल 16 दिसंबर को वीरता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस युद्ध देश के जांबाजों ने वीरता की मिसाल पेश की थी. उत्तराखंड के 255 वीरों ने इस युद्ध में अपनी कुर्बानी दी थी. इस युद्ध में दुश्मन सेना से लोहा लेने वाले 74 जवानों को वीरता पदक से नवाजा गया था. जबकि छह जांबाजों को वीरता का दूसरा सर्वोच्च पदक, महावीर चक्र प्रदान किया गया था. इन्ही जवानों की शहादत को याद करते हुए सोमवार को प्रदेश के अलग-अलग जिलों में विजय दिवस मनाया गया.

अलग-अलग जिलों में धूमधाम से मनाया गया विजय दिव

रुद्रप्रयाग में जम्मू कश्मीर लाईट इन्फेन्ट्री रेजीमेंट के प्रांगण में विजय दिवय का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान मुख्य अतिथि जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि यह दिन शहीदों की भूमिका और राष्ट्रीय एकता के स्मरण का दिन है. उन्होंने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि यह दिन हमारे लिये प्रतीकात्मक है, क्योंकि इस दिन हमने मुक्ति वाहनी सेना के साथ मिलकर पूर्वी बांग्लादेश को मुक्त करवाया था.

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समारोह से पहले आर्मी कैंपस में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, सैनिक अधिकारियों, सैनिकों एवं जिलास्तरीय अधिकारियों, पूर्व सैनिकों ने शहीदों को श्रद्धांजलि एवं श्रद्धासुमन अर्पित किए. इससे पहले सुबह दस बजे जिलाधिकारी ने जिला कार्यालय में ध्वजारोहण भी किया.

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चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर में भी विजय दिवस को धूमधाम से मनाया गया. यहां आयोजित कार्यक्रम में 1971 में शहीद हुए सिपाही बिशन सिंह तोपाल की पत्नी सोबती देवी और युद्ध में शामिल पूर्व सैनिक अब्बल सिंह, राजेंद्र सिंह भोला सिंह ,तामवर सिंह भंडारी ,शिवराज सिंह के साथ ही वीर नारियां कमला देवी, ओखा देवी, को जिलाधिकारी ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया.

इस दौरान जिलाधिकारी और अन्य जनपद के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के द्वारा शहीदों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की. स्कूली छात्र-छात्राओं ने गोपेश्वर में प्रभातफेरी निकालने के साथ ही देशभक्ति और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए.

Intro:सैनिकों की स्मृति में मनाया जाता है विजय दिवस: मंगेश
आर्मी कैंप में शहीदों को स्मरण कर उन्हें दी गई श्रद्धांजलि
रुद्रप्रयाग। जिले में विजय दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शहीदों का स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि एवं श्रद्धासुमन अर्पित किये गए। इस अवसर पर 10 जैकलाई के सीओ विवेक जामदार व जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने शहीद सैनिक दरवान सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती कांता देवी, राइफलमैन दयाल सिंह रौतेला को गिफ्ट पैक व शाॅल भेंट कर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही जीआईसी, जीजीआईसी, अनूप नेगी मेमोरियल, एसजीआरआर रुद्रप्रयाग की छात्राओं ने देश भक्ति के गीतों व नृत्य की सुन्दर प्रस्तुति दी। वहीं बाल विकास विभाग के कार्मिकों ने बेटी-बचाओं बेटी पढाओं पर नुक्कड़ नाटक का मंचन किया। Body:10 जम्मू कश्मीर लाईट इन्फेन्ट्री रेजीमंेट के प्रांगण में विजय दिवय के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की समृति में विजय दिवस मनाया जाता है। कहा कि यह दिन शहीदों की भूमिका और राष्ट्रीय एकता के स्मरण का दिवस है। उन्होंने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि यह दिन हमारे लिये प्रतीकात्मक है, क्योंकि इस दिन हमने मुक्ति वाहनी सेना के साथ मिलकर पूर्वी बंगला देश को मुक्त कराया था। कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच माह दिसम्बर, 1971 में (पूर्व पाकिस्तान बंगलादेश) लडाई लडी थी। भारतीय फौज ने 14 दिनों के भीषण युद्ध के दौरान पाकिस्तानी फौज को परास्त किया। पूर्वी पाकिस्तान को पाकिस्तानी फौज के चंगुल से मुक्त कराया, जो वर्तमान में बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। इस युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों ने अपने अदम्य साहस का प्रर्दशन किया। इस अभियान में वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी। भारतीय सेना के अदम्य साहस एवं वीरता के लिए पूरे देश के साथ-साथ उत्तराखण्ड राज्य में भी प्रत्येक वर्ष विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। समारोह से पूर्व आर्मी कैम्पस में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, सैनिक अधिकारियों, सैनिकों एवं जिला स्तरीय अधिकारियों, पूर्व सैनिकों ने शहीदों को श्रद्धांजलि एवं श्रद्धासुमन अर्पित किए। इससे पूर्व प्रातः दस बजे जिलाधिकारी ने जिला कार्यालय में ध्वजारोहण भी किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए सहायक जिला सैनिक कल्याण अधिकारी रविन्द्र सिंह रावत ने जिला सैनिक कल्याण एवं 10 जम्मू-कश्मीर लाईट इन्फेन्ट्री रेजीमंेट की तरफ से उपस्थित सभी लोगों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया। Conclusion:
Last Updated : Dec 16, 2019, 7:05 PM IST
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