जोशीमठ: उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक शहर जोशीमठ के अस्तिव पर खतरा मंडरा रहा (threat of land subsidence of joshimath) है. जोशीमठ में जहां एक तरफ घरों में दरारें पड़ रही (cracks in house in joshimath) हैं तो वहीं जमीन के अंदर से जगह-जगह पानी के फव्वारे फूट रहे (water seepage from underground) हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद जोशीमठ जाने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं सरकार की तरफ से वैज्ञानिकों की एक टीम गठित की गई है, जो जोशीमठ जाकर जमीन धंसने और मकानों में दरार के कारणों का पता लगाएगी. वहीं जोशीमठ को बचाने के लिए आज पांच जनवरी को सुबह लोगों ने बदरीनाथ हाईवे पर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे हाईवे पर लंबा जाम लग गया.
इसके साथ ही जोशीमठ से एक नया वीडियो भी सामने आया है, ये वीडियो मारवाड़ी की जेपी कॉलोनी इलाके का बाताया जा रहा है. वीडियो में साफ दिख रहा है कि किस तरह से जमीन के अंदर से पानी की रिसाव हो रहा है. स्थानीय प्रशासन के मुताबिक जोशीमठ में करीब 561 घरों में दरारें आ गई हैं, जिससे लोग काफी डरे हुए हैं. 38 परिवारों को शिफ्ट किया गया है. स्थानांतरित लोगों को समायोजित करने के लिए, 70 कमरे, 7 हॉल और 1 सभागार की पहचान की गई.
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वहीं जोशीमठ के मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रभावित लोगों को बचाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. स्थिति का जायजा लेने और आवश्यक कार्रवाई शुरू करने के लिए वो जल्द ही जोशीमठ का दौरा करेंगे. इसके अलावा सीएम धामी ने कहा कि सभी रिपोर्टों की निगरानी की जाएगी और सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने खुद जोशीमठ नगर पालिका के अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार से बात की है.
वहीं, जोशीमठ नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पवार ने कहा कि मारवाड़ी वार्ड में जमीन के अंदर से पानी का रिसाव होने से घरों में बड़ी दरारें आ गई हैं. उन्होंने देहरादून जाकर सीएम धामी को खुद पूरे मामले की जानकारी दी. जोशीमठ कस्बे में भूस्खलन की घटनाओं के बाद लोग अपने घरों से सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं. जोशीमठ कस्बे में सर्दी का मौसम और भूस्खलन के कारण मकान गिरने का खतरा अब एक प्रमुख मुद्दा बन गया है.
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जोशीमठ शहर के नौ वार्ड भूस्खलन से व्यापक रूप से प्रभावित हुए हैं. शहर के इलाके में घरों की दीवारों और फर्श में दरारें दिन-ब-दिन गहरी होती जा रही हैं, जो लोगों के लिए खतरे की घंटी है. शैलेंद्र पवार ने बताया कि इस भू धंसाव से नगर क्षेत्र के 576 घरों के 3000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. नगर पालिका द्वारा सभी घरों का सर्वेक्षण किया जा रहा है. कई लोगों ने अपना घर भी छोड़ दिया है.
पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष माधवी सती के मकान में भी जमीन धंसने से दरारें आ गई हैं. माधवी सती ने कहा कि उनके पास मकान में रहने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है. चमोली के डीएम ने भी इलाके का दौरा किया था लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है. जोशीमठ के लोग शहर के भविष्य को लेकर चिंतित हैं. जल्द ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने के लिए जोशीमठ से एक प्रतिनिधिमंडल देहरादून के लिए रवाना होगा और प्रभावित लोगों के पुनर्वास की मांग करेगा.