गैरसैंण: उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भी नजारा पहले दिन जैसा ही रहा. जहां कांग्रेस का जबरदस्त हंगामा देखने को मिला, वहीं सदन के भीतर कांग्रेस के विधायकों ने कागज के गोले उछाले. दिनभर में सदन की कार्यवाही सात बार स्थगित करने के बाद जैसे-तैसे चली कार्यवाही में विपक्षी दल के हंगामे के बीच एक अध्यादेश को सदन के पटल पर रखा गया, 6 विधेयक को पुनर्स्थापित किया गया, साथ ही साल 2022 में अधिनियम बने 12 विधेयकों की जानकारी दी गई. यही नहीं, आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2022-23 के साथ ही तमाम प्रतिवेदनों को भी सदन के पटल पर रखा गया. इसके बाद सदन की कार्यवाही को बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
विधानसभा सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही काफी हंगामेदार रही. जहां एक ओर सुबह विपक्षी दल कांग्रेस ने गन्ना समर्थन मूल्य को लेकर विधानसभा की सीढ़ियों पर अपना विरोध प्रदर्शन किया तो वहीं सदन के भीतर भी विपक्षी दल ने गन्ना समर्थन मूल्य के मुद्दे को उठाया. सुबह 11 बजे शुरू हुई सदन की कार्यवाही में प्रश्न काल के दौरान पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज न सिर्फ विपक्ष के सवालों पर बल्कि सत्ता पक्ष के विधायकों के सवाल पर भी घिरते नजर आए.
प्रश्न काल के बाद विपक्ष ने विशेषाधिकार हनन का मामला उठाया. हालांकि, इस मामले पर विपक्ष असंतुष्ट होकर वेल में हंगामा करने लग गए. यही नहीं, विपक्ष ने कागज के गोले बनाकर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की ओर फेंका, जिससे नाराज होकर स्पीकर ने विपक्षी दल को पूरे दिन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया. बावजूद इसके विपक्ष सदन से बाहर जाने को तैयार नहीं हुआ और जसपुर विधायक आदेश चौहान के मामले में विशेषाधिकार हनन को लेकर विपक्ष ने उधमसिंह नगर के एसएसपी को हटाने की मांग करते हुए अपने प्रदर्शन को जारी रखा. सदन की कार्यवाही दोपहर 3 बजे फिर शुरू होने के बाद भी कांग्रेस का हंगामा जारी रहा. इसी बीच कांग्रेस के विधायक मदन बिष्ट ने सदन का माइक भी तोड़ दिया. जैसे-तैसे हंगामे के बीच सदम की कार्यवाही को चलाया गया.
सदन के पटल पर पुनर्स्थापित किए गए छह विधेयक-
- उत्तराखंड राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबन्धन (संशोधन) विधेयक, 2023
- यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी रुड़की (संशोधन) विधेयक, 2023
- उत्तराखंड सेवा का अधिकार (संशोधन) विधेयक, 2023
- उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) विधेयक, 2023
- सरकारी अनुदान अधिनियम, 1895 (उत्तराखंड संशोधन) विधेयक, 2023
- उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2023
ये 12 विधेयक 2022 में बने अधिनियम-
- उत्तराखंड लोक सेवा (महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक, 2022 उत्तराखंड का वर्ष 2023 का प्रथम अधिनियम बना.
- भारतीय स्टाम्प (उत्तराखंड संशोधन) विधेयक, 2022 उत्तराखंड का वर्ष 2023 का द्वितीय अधिनियम बना.
- उत्तराखंड विनियोग (2022- 2023 का अनुपूरक) विधेयक, 2022 उत्तराखंड का साल 2022 का बारहवां अधिनियम बना.
- उत्तराखंड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) (संशोधन) विधेयक, 2022 उत्तराखंड का साल 2022 का ग्यारहवां अधिनियम बना.
- उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 उत्तराखंड का साल 2022 का तेरहवां अधिनियम बना.
- उत्तराखंड पंचायतीराज (संशोधन) विधेयक, 2022 उत्तराखंड का साल 2022 का चौदहवां अधिनियम बना.
- उत्तराखंड कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक, 2022 उत्तराखंड का साल 2022 का पंद्रहवां अधिनियम बना.
- उत्तराखंड जिला योजना समिति (संशोधन) विधेयक, 2022 उत्तराखंड का साल 2022 का सोलहवां अधिनियम बना.
- उत्तराखंड विशेष क्षेत्र (पर्यटन का नियोजित विकास और उन्नयन) (संशोधन) विधेयक, 2022 उत्तराखंड का साल 2022 का सत्रहवां अधिनियम बना.
- उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास (संशोधन) विधेयक, 2022 उत्तराखंड का साल 2022 का अठारहवां अधिनियम बना.
- पेट्रोलियम एवं ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2022 उत्तराखंड का वर्ष 2022 का उन्नीसवां अधिनियम बना.
- उत्तराखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2022 उत्तराखंड का वर्ष 2022 का बीसवां अधिनियम बना.
इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के बाद सर्वसम्मित से अभिभाषण को पास किया गया. राज्यपाल के अभिभाषण को सर्वसम्मति से पास होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने सदन के दूसरे दिन की कार्यवाही को बुधवार की सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
मुख्यमंत्री ने क्या कहा: उधर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि अब तक राज्य के विभिन्न जिलों में उनकी सरकार द्वारा 600 से अधिक सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की नियुक्ति की जा चुकी है. सीएम धामी ने कहा कि हम समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए काम करने के लिए संकल्पित हैं. हमने वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 1500 रुपये कर दिया है और पात्र पति-पत्नी दोनों को इसका लाभ मिला है.