चमोलीः हेली कंपनियां केदारनाथ से बदरीनाथ की उड़ान के दौरान नियमों को ठेंगा दिखाकर यात्रियों को हेलीकॉप्टर से ही उच्च हिमालयी क्षेत्रो में स्थित मंदिरों के भी दर्शन करवा रहे हैं. इतना ही नहीं हेलीकॉप्टरों की उड़ान को धीमी कर बुग्यालों के नजदीक से उड़ाया जा रहा है. जिससे दुर्लभ प्रजाति के जीव-जंतुओं पर इसका असर पड़ रहा है. वहीं, मामले की शिकायत मिलने के बाद वन महकमा हरकत में आ गया है. मामले पर केदारनाथ वन प्रभाग ने कड़ा रुख अपनाते हुए हेली कंपनियों को चिह्नित कर नोटिस थमाने की तैयारी में जुट गया है.
बता दें कि उत्तराखंड के चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ-बदरीनाथ मंदिर स्थित है. साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रो में भी कई प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर भी स्थित हैं. जिनमें द्वितीय केदार मदमहेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, चतुर्थ केदार रुद्रनाथ और पंचम केदार कल्पेश्वर मंदिर शामिल हैं. ये मंदिर चमोली और रुद्रप्रयाग जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र और केदारनाथ वन प्रभाग के वाइल्ड सेंचुरी एरिया में स्थित है.
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जानकारी के मुताबिक, हेली कंपनियां तीर्थयात्रियों को हेलीकॉप्टर के जरिए केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के दर्शन के लिए ले जा रहे हैं. इस दौरान हेली कंपनियां बुग्याल क्षेत्र में स्थित मदमहेश्वर, रुद्रनाथ, तुंगनाथ, कल्पेश्वर के भी हवाई दर्शन करवा रहे हैं. इतना ही नहीं हेलीकॉप्टरों की उड़ान को धीमी कर मंदिरों के काफी नजदीक से उड़ाया जा रहा है.
ऐसे में हेलीकॉप्टरों के बुग्याल क्षेत्र से गुजरने से यहां रहने वाले दुर्लभ प्रजाति के जीव-जंतुओं पर खासा दुष्प्रभाव पड़ रहा है. उधर, वन विभाग को इसकी सूचना मिलने के बाद टीम बनाकर रुद्रनाथ और तुंगनाथ क्षेत्र का दौरा करने के बाद हेली कंपनियों को चिह्नित कर एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसके बाद अब विभाग हेली कंपनियों को नोटिस देने की तैयारी में है.
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वहीं, केदारनाथ क्षेत्र के वन उप संरक्षक अमित कंवर का कहना है कि बुग्याल क्षेत्रो में स्थित रुद्रनाथ, तुंगनाथ, मदमहेश्वर मंदिरों के दर्शन के लिए हेली कंपनियां के द्वारा हेलीकॉप्टर की गति धीमा कर मंदिर के काफी करीब से गुजारने की शिकायत मिली थी.
हेलीकॉप्टर के जमीन के नजदीक आने से उसकी तेज आवाज के कारण ऊंचाई क्षेत्रो में रहने वाले दुर्लभ प्रजाति के जंगली जानवरों को खतरा बना रहता है. शिकायत मिलने के बाद क्षेत्र में जांच के लिए एक टीम गठित कर भेजी गई थी. टीम की रिपोर्ट के आधार पर हेली कंपनियों को चिह्नित कर नोटिस भेजा जाएगा. जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.