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हेली कंपनियों की मनमानी, बुग्यालों के नजदीक भर रहे उड़ान, हरकत में आया वन प्रभाग - हेली कंपनियों की मनमानी

हेली कंपनियां तीर्थयात्रियों को हेलीकॉप्टर के जरिए केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के दर्शन के लिए ले जा रहे हैं. इस दौरान हेली कंपनियां बुग्याल क्षेत्र में स्थित मदमहेश्वर, रुद्रनाथ, तुंगनाथ, कल्पेश्वर के भी हवाई दर्शन करवा रहे हैं. इतना ही नहीं हेलीकॉप्टरों की उड़ान को धीमी कर मंदिरों के काफी नजदीक से उड़ाया जा रहा है. जिससे यहां रहने वाले दुर्लभ प्रजाति के जीव-जंतुओं पर खासा दुष्प्रभाव पड़ रहा है.

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Published : Jul 7, 2019, 8:08 PM IST

चमोलीः हेली कंपनियां केदारनाथ से बदरीनाथ की उड़ान के दौरान नियमों को ठेंगा दिखाकर यात्रियों को हेलीकॉप्टर से ही उच्च हिमालयी क्षेत्रो में स्थित मंदिरों के भी दर्शन करवा रहे हैं. इतना ही नहीं हेलीकॉप्टरों की उड़ान को धीमी कर बुग्यालों के नजदीक से उड़ाया जा रहा है. जिससे दुर्लभ प्रजाति के जीव-जंतुओं पर इसका असर पड़ रहा है. वहीं, मामले की शिकायत मिलने के बाद वन महकमा हरकत में आ गया है. मामले पर केदारनाथ वन प्रभाग ने कड़ा रुख अपनाते हुए हेली कंपनियों को चिह्नित कर नोटिस थमाने की तैयारी में जुट गया है.

उच्च हिमालयी क्षेत्रों (बुग्यालों) के पास गुजर रहे हेलीकॉप्टर.

बता दें कि उत्तराखंड के चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ-बदरीनाथ मंदिर स्थित है. साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रो में भी कई प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर भी स्थित हैं. जिनमें द्वितीय केदार मदमहेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, चतुर्थ केदार रुद्रनाथ और पंचम केदार कल्पेश्वर मंदिर शामिल हैं. ये मंदिर चमोली और रुद्रप्रयाग जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र और केदारनाथ वन प्रभाग के वाइल्ड सेंचुरी एरिया में स्थित है.

ये भी पढ़ेंः शिव का अद्भुत धाम है नीलकंठ, बड़ी रोचक और रहस्यमयी है इस मंदिर के पीछे की कहानी

जानकारी के मुताबिक, हेली कंपनियां तीर्थयात्रियों को हेलीकॉप्टर के जरिए केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के दर्शन के लिए ले जा रहे हैं. इस दौरान हेली कंपनियां बुग्याल क्षेत्र में स्थित मदमहेश्वर, रुद्रनाथ, तुंगनाथ, कल्पेश्वर के भी हवाई दर्शन करवा रहे हैं. इतना ही नहीं हेलीकॉप्टरों की उड़ान को धीमी कर मंदिरों के काफी नजदीक से उड़ाया जा रहा है.

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बुग्यालों के ऊपर से गुजर रहे हेलीकॉप्टर.

ऐसे में हेलीकॉप्टरों के बुग्याल क्षेत्र से गुजरने से यहां रहने वाले दुर्लभ प्रजाति के जीव-जंतुओं पर खासा दुष्प्रभाव पड़ रहा है. उधर, वन विभाग को इसकी सूचना मिलने के बाद टीम बनाकर रुद्रनाथ और तुंगनाथ क्षेत्र का दौरा करने के बाद हेली कंपनियों को चिह्नित कर एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसके बाद अब विभाग हेली कंपनियों को नोटिस देने की तैयारी में है.

ये भी पढ़ेंः जल शक्ति अभियान को कृषि मंत्री ने दिखाई हरी झंडी, नचिकेता ताल से हटाया मलबा

वहीं, केदारनाथ क्षेत्र के वन उप संरक्षक अमित कंवर का कहना है कि बुग्याल क्षेत्रो में स्थित रुद्रनाथ, तुंगनाथ, मदमहेश्वर मंदिरों के दर्शन के लिए हेली कंपनियां के द्वारा हेलीकॉप्टर की गति धीमा कर मंदिर के काफी करीब से गुजारने की शिकायत मिली थी.

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बुग्याल.

हेलीकॉप्टर के जमीन के नजदीक आने से उसकी तेज आवाज के कारण ऊंचाई क्षेत्रो में रहने वाले दुर्लभ प्रजाति के जंगली जानवरों को खतरा बना रहता है. शिकायत मिलने के बाद क्षेत्र में जांच के लिए एक टीम गठित कर भेजी गई थी. टीम की रिपोर्ट के आधार पर हेली कंपनियों को चिह्नित कर नोटिस भेजा जाएगा. जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

चमोलीः हेली कंपनियां केदारनाथ से बदरीनाथ की उड़ान के दौरान नियमों को ठेंगा दिखाकर यात्रियों को हेलीकॉप्टर से ही उच्च हिमालयी क्षेत्रो में स्थित मंदिरों के भी दर्शन करवा रहे हैं. इतना ही नहीं हेलीकॉप्टरों की उड़ान को धीमी कर बुग्यालों के नजदीक से उड़ाया जा रहा है. जिससे दुर्लभ प्रजाति के जीव-जंतुओं पर इसका असर पड़ रहा है. वहीं, मामले की शिकायत मिलने के बाद वन महकमा हरकत में आ गया है. मामले पर केदारनाथ वन प्रभाग ने कड़ा रुख अपनाते हुए हेली कंपनियों को चिह्नित कर नोटिस थमाने की तैयारी में जुट गया है.

उच्च हिमालयी क्षेत्रों (बुग्यालों) के पास गुजर रहे हेलीकॉप्टर.

बता दें कि उत्तराखंड के चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ-बदरीनाथ मंदिर स्थित है. साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रो में भी कई प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर भी स्थित हैं. जिनमें द्वितीय केदार मदमहेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, चतुर्थ केदार रुद्रनाथ और पंचम केदार कल्पेश्वर मंदिर शामिल हैं. ये मंदिर चमोली और रुद्रप्रयाग जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र और केदारनाथ वन प्रभाग के वाइल्ड सेंचुरी एरिया में स्थित है.

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जानकारी के मुताबिक, हेली कंपनियां तीर्थयात्रियों को हेलीकॉप्टर के जरिए केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के दर्शन के लिए ले जा रहे हैं. इस दौरान हेली कंपनियां बुग्याल क्षेत्र में स्थित मदमहेश्वर, रुद्रनाथ, तुंगनाथ, कल्पेश्वर के भी हवाई दर्शन करवा रहे हैं. इतना ही नहीं हेलीकॉप्टरों की उड़ान को धीमी कर मंदिरों के काफी नजदीक से उड़ाया जा रहा है.

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बुग्यालों के ऊपर से गुजर रहे हेलीकॉप्टर.

ऐसे में हेलीकॉप्टरों के बुग्याल क्षेत्र से गुजरने से यहां रहने वाले दुर्लभ प्रजाति के जीव-जंतुओं पर खासा दुष्प्रभाव पड़ रहा है. उधर, वन विभाग को इसकी सूचना मिलने के बाद टीम बनाकर रुद्रनाथ और तुंगनाथ क्षेत्र का दौरा करने के बाद हेली कंपनियों को चिह्नित कर एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसके बाद अब विभाग हेली कंपनियों को नोटिस देने की तैयारी में है.

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वहीं, केदारनाथ क्षेत्र के वन उप संरक्षक अमित कंवर का कहना है कि बुग्याल क्षेत्रो में स्थित रुद्रनाथ, तुंगनाथ, मदमहेश्वर मंदिरों के दर्शन के लिए हेली कंपनियां के द्वारा हेलीकॉप्टर की गति धीमा कर मंदिर के काफी करीब से गुजारने की शिकायत मिली थी.

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बुग्याल.

हेलीकॉप्टर के जमीन के नजदीक आने से उसकी तेज आवाज के कारण ऊंचाई क्षेत्रो में रहने वाले दुर्लभ प्रजाति के जंगली जानवरों को खतरा बना रहता है. शिकायत मिलने के बाद क्षेत्र में जांच के लिए एक टीम गठित कर भेजी गई थी. टीम की रिपोर्ट के आधार पर हेली कंपनियों को चिह्नित कर नोटिस भेजा जाएगा. जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

Intro:भगवान केदारनाथ के दर्शनों के बाद तीर्थयात्रियो को हेलीकाप्टर से भगवान बदरीनाथ के दर्शन करवाने वाली हेलिकम्पनियो पर केदारनाथ वन प्रभाग ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए इन कंपनियों को नोटिस देने की पूरी तैयारी कर दी है ।हेली कंपनियों के द्वारा केदारनाथ से बदरीनाथ की उड़ान के दौरान रास्तो में यात्रियों की को हेलीकप्टर से ही उच्च हिमालयी क्षेत्रो में स्थित मंदिरों के भी दर्शन करवाये जा रहे है ,जिसके लिए हेलीकॉप्टरों की उड़ान को धीमी कर मंदिरों के पास से ही हेलीकॉप्टरों को गुजारा जा रहा है ।जैसे ही केदारनाथ वन प्रभाग को हेलिकम्पनियो द्वारा नियमो को ताक में रखकर उड़ान भरने की जानकारी मिली तो विभाग अब हेलीकाप्टर कंपनियों को चिन्हित कर नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है ।

विस्वल-फोटो मेल से भेजी है ।



Body:उत्तराखण्ड को देवभूमि का दर्जा दिया जाता है ,चमोली और रुद्रप्रयाग जनपद में केदारनाथ और बदरीनाथ मंदिर के साथ साथ उच्च हिमालयी क्षेत्रो में भी कई प्रशिद्ध और प्राचीन मंदिर भी स्थित है ।द्वितीय केदार मदमहेश्वर,तृतीय केदार तुंगनाथ,और चतुर्थ केदार रुद्रनाथ ,पंचम केदार कल्पेश्वर भी चमोली और रुद्रप्रयाग जनपद के उच्च हिमालयी क्षेत्रो और केदारनाथ वन प्रभाग के वाइल्ड सेंचुरी एरिया में स्थित है ।

बताया जा रहा है रहा है कि हेलिकम्पनियो के द्वारा तीर्थयात्रियो को हेलीकाप्टर से केदारनाथ के दर्शनो के बाद बदरीनाथ धाम के दर्शनों के लिए ले जाते वक्त बुग्याल क्षेत्र में स्थित मदमहेश्वर, रुद्रनाथ,तुंगनाथ,कल्पेश्वर के भी हवाई दर्शन करवा रहे है।इस दौरान हेलीकॉप्टरों की उड़ान को धीमी कर मंदिरो के काफी नजदीक से हेलीकाप्टर ले जाया जा रहा है,ताकि हेलीकॉप्टर में सवार मंदिरों के दर्शन नजदीक से कर सके ,लेकिन बुग्याल क्षेत्र में हेलीकाप्टरो की आवाज से यंहा रहने वाले दुर्लभ प्रजाति के जीव जंतुओं पर खासा दुष्प्रभाव पड़ रहा है।वन विभाग को सूचना मिली तो उनके द्वारा टीम बनाकर रुद्रनाथ क्षेत्र और तुंगनाथ क्षेत्र का दौरा कर हेलिकम्पनियो को चिन्हित करने के बाद एक रिपोर्ट बनाई गई है,अब विभाग के द्वारा हेलिकम्पनियो को नोटिस देने की तैयारी की जा रही है।


Conclusion:केदारनाथ क्षेत्र के वन उप संरक्षक अमित कंवर ने बताया कि बुग्याल क्षेत्रो में स्थित मंदिरों के तीर्थयात्रियो को दर्शन करवाने के लिए हेलीकाप्टर कंपनियों के द्वारा रुद्रनाथ,तुंगनाथ,मदमहेश्वर,मंदिरों से हेलीकॉप्टरों की गति को धीमा कर मंदिर के काफी करीब से हेलीकॉप्टरों के गुजरने की शिकायत मिली थी।हेलीकाप्टर के जमीन के नजदीक आने से उसकी तेज आवाज के कारण ऊंचाई क्षेत्रो में रहने वाले दुर्लभ प्रजाति के जंगली जानवरों को खतरा बना रहता है।शिकायत मिलने के बाद क्षेत्र में जांच के लिए एक टीम गठित कर भेजी गई थी।टीम की रिपोर्ट के आधार पर हेलिकम्पनियो को चिन्हित कर नोटिस भेजा जाएगा।जिसके बाद अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।

बाईट-अमित कंवर-डीएफओ केदारनाथ।
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