चमोली: विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी आज शाम से पर्यटकों के लिए बंद कर दी जाएगी. इस साल दस हजार से अधिक पर्यटकों ने फूलों की घाटी का दीदार किया है. हर साल 31 अक्टूबर को फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए बंद कर दी जाती है. ऐसे में आज शाम पर्यटकों के लिए घांघरिया पड़ाव पर गेट को बंद कर दिया जाएगा.
बता दें कि कोरोना महामारी के चलते इस बार यात्रा एक महीने देर से शुरू हुई थी लेकिन यात्रा को लेकर पर्यटकों में काफी उत्साह देखने को मिला. वहीं, पर्यटकों की आवाजाही के चलते पर्यटन कारोबारियों को अच्छा खासा मुनाफा हुआ है. बताया जा रहा है कि इस साल 10 हजार से ज्यादा पर्यटकों ने फूलों की घाटी का दीदार किया.
वहीं, आज शाम को घांघरिया स्थित वन विभाग की चेकपोस्ट को पर्यटकों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया जाएगा. कोरोना संक्रमण के बावजूद इस साल दस हजार से ज्यादा पर्यटक फूलों की घाटी पहुंचे थे.
पढ़ें- फूलों की घाटी में खिला जापानी 'ब्लू पॉपी', देखने खिंचे चले आते हैं विदेशी सैलानी
ये फूल हैं घाटी की शान: नवम्बर से मई माह के मध्य घाटी सामान्यतः हिमाच्छादित रहती है. जुलाई एवं अगस्त माह के दौरान एल्पाइन जड़ी की छाल की पंखुडियों में रंग छिपे रहते हैं. यहां सामान्यतः पाये जाने वाले फूलों के पौधों में एनीमोन, जर्मेनियम, मार्श, गेंदा, प्रिभुला, पोटेन्टिला, जिउम, तारक, लिलियम, हिमालयी नीला पोस्त, बछनाग, डेलफिनियम, रानुनकुलस, कोरिडालिस, इन्डुला, सौसुरिया, कम्पानुला, पेडिक्युलरिस, मोरिना, इम्पेटिनस, बिस्टोरटा, लिगुलारिया, अनाफलिस, सैक्सिफागा, लोबिलिया, थर्मोपसिस, ट्रौलियस, एक्युलेगिया, कोडोनोपसिस, डैक्टाइलोरहिज्म, साइप्रिपेडियम, स्ट्राबेरी एवं रोडोडियोड्रान इत्यादि प्रमुख हैं.
ऐसे पहुंचें फूलों की घाटी: फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिए चमोली जिले का अन्तिम बस अड्डा गोविन्दघाट है. जोशीमठ से गोविन्दघाट की दूरी 19 किमी है. यहां से प्रवेश स्थल की दूरी लगभग 13 किमी है.