चमोली/अल्मोड़ा/रुद्रप्रयाग/सितारगंज: पूरे प्रेदश में तीसरे और आखिरी चरण का मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ. इस आखिरी चरण के चुनाव में महिला मतदाओं में काफी उत्साह दिखा. चमोली में 62.14 फीसदी मतदान हुआ. वहीं अल्मोड़ा में कुल 55.91 प्रतिशत मतदान रहा. वहीं रुद्रप्रयाग में 65 प्रतिशत मतदान देखने को मिला. जिसके बाद अब 21 अक्टूबर को पंचयात चुनाव के नतीजे घोषित होंगे.
चमोली
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतिम चरण का मतदान बीते बुधवार संपन्न हो गया. जिसमें चमोली जिले के तीन विकासखंड थराली, नारायणबगड और देवाल में करीब 62.14 फीसदी मतदान हुआ. आखिरी चरण में 7 जिला पंचायत सदस्य, 66 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 138 ग्राम प्रधानों का भाग्य मतपेटियों में बंद हो गया है. अब 21 अक्टूबर को ब्लॉक कार्यलयों के सभागार में भारी सुरक्षा के बीच मतगणना होगी.
अल्मोड़ा
अल्मोड़ा जिले में त्रिस्तरीय पंचायत के तीसरे और अंतिम चरण का मतदान तीन विकासखंडों सल्ट, भिकियासैंण और स्याल्दे में सम्पन्न हुआ. वहीं लमगड़ा विकासखंड के जाख तिवाड़ी बूथ में दोबारा मतदान करवाया गया. आखिरी चरण में कुल 55.91 प्रतिशत मतदान हुआ. जिसमें सल्ट में 60.12 प्रतिशत, स्याल्दे में 55.95 प्रतिशत, भिकियासैंण में 48.49 प्रतिशत मतदान रहा. वहीं लमगड़ा विकासखंड के जाख तिवाड़ी बूथ में 48.37 प्रतिशत मतदान हुआ.
तीनों विकासखंडों में चुनाव लड़ रहे कुल 926 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतपेटियों में बंद हो गया है. बता दें कि लमगड़ा विकासखंड के जाख तिवाड़ी में प्रथम चरण के मतदान में बूथ बदल जाने के कारण राज्य चुनाव आयोग के निर्देश के बाद तीसरे चरण में दोबारा मतदान हुआ. आखिरी चरण में कुल 73,429 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. जिसमें 39,747 महिलाएं और 33,682 पुरुष मतदाता शामिल हुए.
सितारगंज
सितारगंज त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कुल मतदान प्रतिशत 85.21 रहा. जिसमें 60,507 महिला मतदाताओं की संख्या में से कुल 52, 626 महिलाओं ने वोट दिया. वहीं 63, 867 मतदाता पुरुषों की संख्या में से केवल 53, 356 पुरुषों ने मतदान किया.
रुद्रप्रयाग
रुद्रप्रयाग जिले के सबसे बड़े विकासखण्ड अगस्त्यमुनि में मतदान शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हो गया. पूरे ब्लॉक में कुल 65 प्रतिशत मतदान रहा. पूरे ब्लाक में कुल 90 हजार 238 मतदाता पंजीकृत थे, जिनमें से 45, 222 महिलाएं और 45, 016 पुरुष शामिल हुए. प्रसिद्ध पर्यावरविद् जगत सिंह जंगली ने कहा कि मतदान को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिला. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव पांच साल की जगह तीन साल में होने चाहिए. ऐसे में प्रवासी लोग गांव में आते रहेंगे और गांव का माहौल भी बना रहेगा.