थराली: चमोली जिले में नई बनी थराली नगर पंचायत फिलहाल भगवान भरोसे ही चल रही है. 2016 में थराली नगर पंचायत का गठन किया गया था. चुनाव के बाद लोगों में उम्मीद जगी थी अब इस क्षेत्र का भी विकास होगा है, लेकिन अब ये उम्मीद धीरे-धीरे टूटती हुई दिख रही है. इसका एक बड़ा कारण ये भी है कि यहां अभीतक अधिशासी अधिकारी की स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है. गठन के बाद बीते दो सालों में पांच अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत थराली का जिम्मा संभाल चुके है. जिसका सीधा असर यहां के विकास पर पड़ रहा है..
अधिशासी अधिकारी की नियुक्ति को लेकर हाल ही में थराली नगर पंचायत अध्यक्ष दीपा भारती ने चमोली जिलाधिकारी को पत्र भी लिखा था. जिसके बाद जिलाधिकारी चमोली स्वाति भदौरिया ने यहां तैनात अधिशासी अधिकारी बीना नेगी से अधिशासी अधिकारी का चार्ज हटाकर उपजिलाधिकारी थराली किशन सिंह नेगी को थराली नगर पंचायत का अधिशासी अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार दे दिया, लेकिन अब उपजिलाधिकारी थराली किशन सिंह नेगी का स्थानान्तरण हरिद्वार हो जाने के बाद नायब तहसीलदार रवि शाह को नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
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बार-बार अधिशासी अधिकारियों के बदले जाने पर सवाल उठाते हुए अपर बाजार थराली के पार्षद हरीश पंत ने कहा कि नगर पंचायत के गठन के बाद से अब तक नगर पंचायत थराली में स्थायी अधिशासी अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पाई है. ऊपर से महज 2 साल में ही 5 अधिशासी अधिकारी बदले जाने से नगर पंचायत के विकास कार्यों पर भी प्रभाव पड़ रहा है.
वहीं स्थानीय नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि थराली नई नगर पंचायत है. ऐसे में नियोजन सम्बंधित कई कार्य थराली में होने थे, लेकिन ये अब तक नहीं हो पाए हैं.
स्थानीय लोगों ने कहा कि बार-बार अधिशासी अधिकारियों को बदला जाना नगर पंचायत के चुने हुए जनप्रतिनिधियों की नाकामी को दर्शाता है. जिसका सीधा खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ता है.