थरालीः चमोली की थराली देवसारी जल विद्युत परियोजना का निर्माण कर रही सतलुज जल विद्युत निगम पर क्षेत्र के युवकों ने रोजगार छीनने का आरोप लगाया है. युवकों ने कंपनी प्रबंधक से मिलकर दोबारा नौकरी पर रखने की मांग की है. जबकि कंपनी प्रबंधक का कहना है कि जिन लोगों को हटाया गया है वे सभी उपनल के जरिए लगे थे, जिनका अनुबंध खत्म हो गया है.
पिछले 10-12 सालों से विभिन्न पदों पर कार्यरत प्रभावित क्षेत्र के युवकों को सतलुज कंपनी ने पिछले कुछ महीने में बिना कोई कारण बताते हुए नौकरी से हटा दिया. युवकों का आरोप है कि वे पिछले 12 सालों से सतलुज कंपनी के दफ्तर में कार्यरत थे. लेकिन कुछ समय पहले कंपनी ने बिना कारण बताए 18 लोगों को नौकरी से हटा दिया. हालांकि, 10 लोगों को बाद में दोबारा बहाल कर दिया. जबकि बाकी 8 लोगों को फिलहाल बाहर ही रखा गया है.
ये भी पढ़ेंः मंत्री रेखा आर्य ने बांटे महालक्ष्मी किट, कार्यक्रम में कोरोना गाइडलाइन की उड़ी धज्जियां
ऐसे में प्रभावित क्षेत्र के इन युवाओं ने सतलुज कंपनी पर आरोप लगाया है कि सतलुज जल विद्युत निगम उनके गांवों को डुबाने का काम कर रहा है. दूसरी तरफ प्रभावित क्षेत्र के युवाओं को बेरोजगार भी कर रहा है. नौकरी से हटाए गए युवकों ने सतलुज कंपनी के विरुद्ध अपना आक्रोश जताते हुए परियोजना पर सवाल खड़े किए हैं.
वहीं इस मामले पर कंपनी के प्रबंधक आशुतोष बहुगुणा का कहना है कि जिन लोगों को हटाया गया है, वे सभी उपनल के माध्यम से सलतुज कंपनी के साथ जुड़े थे. अब उनका उपनल के साथ अनुबंध खत्म हो गया है. उन्होंने कहा कि परियोजना का निर्माण कार्य शुरू होने पर प्रभावित क्षेत्र ही नहीं, बल्कि स्थानीय स्तर पर भी परियोजना के माध्यम से लोगों को रोजगार से जोड़ने का काम किया जाएगा. वहीं नौकरी से हटाए गए युवाओं का कहना कि बिना कारण बताए उन्हें नौकरी से हटाने के बाद उनके ऊपर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.