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चमोलीः ग्रामीणों ने 19 KM पैदल चलकर मरीज को अस्पताल पहुंचाया, देखें वीडियो

चमोली के डुमक गांव में एक महिला की तबीयत बिगड़ गई. महिला को 19 किमी डंडी-कंडी के सहारे मुख्य मार्ग तक लाया गया. इसके बाद महिला को वाहन के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया.

ररर
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Published : Jul 28, 2021, 9:55 PM IST

Updated : Jul 28, 2021, 10:56 PM IST

चमोलीः 21वीं शताब्दी में आज भी सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ विकासखंड के दुर्गम गांव डुमक के लोग विकास से कोसों दूर हैं. आज भी यहां के लोगों को मूलभूत सुविधाओं के अभाव में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी तब होती जब गांव का कोई शख्स बीमार पड़ जाए. गांव में कोई स्वास्थ्य सुविधा न होने के कारण बीमार को 19 किमी दूर कच्चे मार्गों से सड़क पर पहुंचाने के बाद वाहन से अस्पताल पहुंचाया जाता है.

इसी के तहत बुधवार को डुमक गांव की हरकी देवी की तबीयत अचानक खराब हो गई. गांव में कोई अस्पताल या सीएचसी केंद्र नहीं होने के कारण बीमार महिला को 19 किमी कच्चे मार्ग से डंडी-कंडी के सहारे बारिश के बीच जान जोखिम में डालकर मुख्य मार्ग तक लाया गया. इसके बाद बीमार महिला को वाहन के जरिए नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया.

ग्रामीणों 19 KM पैदल चलकर मरीज को अस्पताल पहुंचाया.

ये भी पढ़ेंः पिथौरागढ़: बारिश से चीन-नेपाल बॉर्डर रोड सहित दो दर्जन से अधिक सड़कें बंद

गौरतलब है कि डुमुक गांव आज भी सड़क व स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. आजादी के बाद सड़क की मांग कर रहे डुमक के लोगों को उत्तराखंड बनने के 20 बाद भी सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है.

चमोलीः 21वीं शताब्दी में आज भी सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ विकासखंड के दुर्गम गांव डुमक के लोग विकास से कोसों दूर हैं. आज भी यहां के लोगों को मूलभूत सुविधाओं के अभाव में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी तब होती जब गांव का कोई शख्स बीमार पड़ जाए. गांव में कोई स्वास्थ्य सुविधा न होने के कारण बीमार को 19 किमी दूर कच्चे मार्गों से सड़क पर पहुंचाने के बाद वाहन से अस्पताल पहुंचाया जाता है.

इसी के तहत बुधवार को डुमक गांव की हरकी देवी की तबीयत अचानक खराब हो गई. गांव में कोई अस्पताल या सीएचसी केंद्र नहीं होने के कारण बीमार महिला को 19 किमी कच्चे मार्ग से डंडी-कंडी के सहारे बारिश के बीच जान जोखिम में डालकर मुख्य मार्ग तक लाया गया. इसके बाद बीमार महिला को वाहन के जरिए नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया.

ग्रामीणों 19 KM पैदल चलकर मरीज को अस्पताल पहुंचाया.

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गौरतलब है कि डुमुक गांव आज भी सड़क व स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. आजादी के बाद सड़क की मांग कर रहे डुमक के लोगों को उत्तराखंड बनने के 20 बाद भी सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है.

Last Updated : Jul 28, 2021, 10:56 PM IST
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