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चार साल में नहीं बन पाई 10KM सड़क, बारिश से हुई दलदल में तब्दील

थराली में 10 किलोमीटर की सड़क पिछले चार साल में बनकर नहीं तैयार हो गई. जिससे ग्रामीणों में खासा आक्रोश है.

tharali
सड़क रो रही अपनी दास्तां
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Published : Feb 3, 2020, 12:48 PM IST

Updated : Feb 3, 2020, 5:09 PM IST

थराली: गांव को सड़क से जोड़ने के लिए साल 2000 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरूआत की गई थी. वहीं, इस योजना का अब तक कई गांव लाभ उठा चुके हैं, लेकिन सीमांत जिले चमोली में अधिकारी खुद इस योजना को शर्मसार करने में लगे हुए हैं. विभाग की देखरेख में बनी इन सड़कों की वर्तमान स्थिति ऐसी है कि इन पर वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल है.

सड़क नहीं बनने से ग्रामीण नाराज.

थराली विकासखण्ड के तलवाड़ी गुडम स्टेट से विजयपुर चेपड़ो को जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क कटिंग का कार्य 2016 से शुरू हुआ था. इस मार्ग की कुल लंबाई लगभग 10 किमी के आसपास है. सड़क कटिंग का कार्य 2018 में पूरा भी हो चुका है. साल 2018 से अब तक सड़क के अनुरक्षण का समय भी पूरा हो गया है. सड़क पर सेकेंड फेज का कार्य शुरू करने की कवायद भी शुरू हो गई है. सड़क कटिंग की कुल लागत 6 करोड़ से ऊपर और दो वर्ष अनुरक्षण अनुबंध की लागत 24 लाख के आसपास है. इसके बाद भी सड़क की हालत ऐसी है कि उस पर चलना मुश्किल है.

वहीं, लोगों का आरोप है कि इस सड़क के जरिए सरकारी खजाने को ठिकाने लगाया गया है. सड़क पर दूसरे चरण का कार्य तब शुरू होगा जब विभाग प्रथम चरण का कार्य धरातल पर दिखाई देगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो ग्रामीण प्रदर्शन करेंग.

ये भी पढ़ें: पिथौरागढ़: DM के आश्वासन पर नवें दिन समाप्त हुआ अनशन, अनशनकारियों को पिलाया जूस

ग्रामीणों ने बताया कि जब से सड़क कटिंग का कार्य शुरू हुआ है. तब से एक बार भी ठेकेदार साइट पर नहीं आया. साथ ही सड़क पर न तो प्रथम फेज में बनने वाली सुरक्षा दीवारें बन सकी हैं और न ही सड़क मानकों के अनुसार चौड़ी काटी गई हैं.

आपको बता दें कि पिछले दिनों हुई हल्की बारिश से ही सड़क पर कीचड़ हो गया था, जिसके चलते वाहन तो दूर इस सड़क से ग्रामीणों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. बारिश के दिनों में सड़क पर मलबा आने की वजह से सड़क बंद ही रहती है.

थराली: गांव को सड़क से जोड़ने के लिए साल 2000 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरूआत की गई थी. वहीं, इस योजना का अब तक कई गांव लाभ उठा चुके हैं, लेकिन सीमांत जिले चमोली में अधिकारी खुद इस योजना को शर्मसार करने में लगे हुए हैं. विभाग की देखरेख में बनी इन सड़कों की वर्तमान स्थिति ऐसी है कि इन पर वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल है.

सड़क नहीं बनने से ग्रामीण नाराज.

थराली विकासखण्ड के तलवाड़ी गुडम स्टेट से विजयपुर चेपड़ो को जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क कटिंग का कार्य 2016 से शुरू हुआ था. इस मार्ग की कुल लंबाई लगभग 10 किमी के आसपास है. सड़क कटिंग का कार्य 2018 में पूरा भी हो चुका है. साल 2018 से अब तक सड़क के अनुरक्षण का समय भी पूरा हो गया है. सड़क पर सेकेंड फेज का कार्य शुरू करने की कवायद भी शुरू हो गई है. सड़क कटिंग की कुल लागत 6 करोड़ से ऊपर और दो वर्ष अनुरक्षण अनुबंध की लागत 24 लाख के आसपास है. इसके बाद भी सड़क की हालत ऐसी है कि उस पर चलना मुश्किल है.

वहीं, लोगों का आरोप है कि इस सड़क के जरिए सरकारी खजाने को ठिकाने लगाया गया है. सड़क पर दूसरे चरण का कार्य तब शुरू होगा जब विभाग प्रथम चरण का कार्य धरातल पर दिखाई देगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो ग्रामीण प्रदर्शन करेंग.

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ग्रामीणों ने बताया कि जब से सड़क कटिंग का कार्य शुरू हुआ है. तब से एक बार भी ठेकेदार साइट पर नहीं आया. साथ ही सड़क पर न तो प्रथम फेज में बनने वाली सुरक्षा दीवारें बन सकी हैं और न ही सड़क मानकों के अनुसार चौड़ी काटी गई हैं.

आपको बता दें कि पिछले दिनों हुई हल्की बारिश से ही सड़क पर कीचड़ हो गया था, जिसके चलते वाहन तो दूर इस सड़क से ग्रामीणों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. बारिश के दिनों में सड़क पर मलबा आने की वजह से सड़क बंद ही रहती है.

Intro:गांव गांव सड़क से जोड़ने के लिए सन 2000 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की गई थी, सन 2000 से अब तक लगभग अधिकांश गांव सड़क मार्ग से जुड़कर इस योजना का लाभ उठा चुके हैं, लेकिन सीमांत जनपद चमोली में pmgsy विभाग ही खुद इस योजना को शर्मसार करने पर तुला हुआ है,विभाग की देखरेख में कटी इन सड़कों की वर्तमान स्थिति ऐसी है कि इन पर वाहन तो दूर पैदल चलना भी दूभर हो चला है ,क्या है पूरा मामला देखिए इस रिपोर्ट मेंBody:स्थान / थराली
रिपोर्ट / गिरीश चंदोला

स्लग / सड़क बनी जी का जंजाल

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एंकर-गांव गांव सड़क से जोड़ने के लिए सन 2000 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की गई थी, सन 2000 से अब तक लगभग अधिकांश गांव सड़क मार्ग से जुड़कर इस योजना का लाभ उठा चुके हैं, लेकिन सीमांत जनपद चमोली में pmgsy विभाग ही खुद इस योजना को शर्मसार करने पर तुला हुआ है,विभाग की देखरेख में कटी इन सड़कों की वर्तमान स्थिति ऐसी है कि इन पर वाहन तो दूर पैदल चलना भी दूभर हो चला है ,क्या है पूरा मामला देखिए इस रिपोर्ट में


Vo-थराली विकासखण्ड के तलवाड़ी गुडम स्टेट से विजयपुर चेपड़ो को जोड़ने के pmgsy के तहत सड़क कटिंग का कार्य 2016 से शुरू हुआ था इस मार्ग की कुल लंबाई लगभग 10 किमी के आसपास है,सड़क कटिंग का कार्य 2018 मे पूरा भी हो चुका है ,2018 से 2020 तक सड़क के अनुरक्षण का समय भी पूरा हो चला है और सड़क पर सेकण्ड फेज का कार्य शुरू करने की कवायद भी शुरू हो गई है सड़क कटिंग की कुल लागत 6 करोड़ से ऊपर ओर दो वर्ष अनुरक्षण अनुबंध की लागत 24 लाख के आसपास है ,लेकिन ये तस्वीरें बताती हैं कि सड़क पर क्या वाकई विभाग इतना खर्च कर चुका है अगर कर ही चुका है तो क्यो यहां बसने वाली हजारो की आबादी अब भी कह रही है कि इस सड़क पर बस सरकारी खजाने को ठिकाने लगाया गया है,क्यो यहां के ग्रामीण कह रहे हैं कि सड़क पर सेकेंड स्टेज का कार्य तब शुरू होगा जब विभाग हमे प्रथम स्टेज का कार्य धरातल पर दिखायेगा ,वरना ग्रामीणों ने विभाग का विरोध करने की भी ठान ली है , इस सड़क से लाभान्वित होने वाले ग्रामीण इस सड़क पर प्रथम फेज के कार्य से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है


ग्रामीणों का कहना है कि जब से सड़क कटिंग का कार्य शुरू हुआ तब से एक बार भी ठेकेदार साइट पर नही आया ,और सड़क पर न तो प्रथम फेज में बनने वाली सुरक्षा दीवारें बन सकी हैं न ही सड़क मानकों के अनुसार चौड़ी काटी गई है ,ग्रामीणों का कहना है कि सड़क पर पानी की निकासी के लिए बनाए गए कई कलमट कॉज वे का सही स्थान निर्धारण नही हुआ है साथ ही जो कलमट बनाये गए हैं वो वर्तमान में बंद चल रहे हैं ,ठेकेदार पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि पूर्व में दी गयी अधिकांश दीवारें वर्तमान में क्षतिग्रस्त हो गई हैं, सड़क कटिंग का अधिकांश मलबा अभी भी सड़क किनारे इधर उधर बिखरा पड़ा है जिससे बरसात में भूस्खलन का खतरा बना हुआ है साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि सड़क कटिंग के दौरान काटे गए खेतों में अब तक सड़क किनारे ज्यादातर जगहों पर सुरक्षा दीवारें नही लगी हैं ठेकेदार द्वारा बनाये गए कलमटो और दीवारों पर अनियमितता बरती गयी है ,आपको बता दे कि पिछले दिनों हुई हल्की फुल्की बारिश से ही सड़क पर कीचड़ का सैलाब सा बन गया था जिसके चलते वाहन तो दूर इस सड़क से ग्रामीणों का पैदल चलना भी मुश्किल हो चला है,बरसात के दिनों में तो अक्सर सड़क पर मलबा आने की वजह से सड़क बन्द ही रहती है, ऐसे में ग्रामीण सड़क के प्रथम फेज में हुए कार्य की जांच की मांग न करें तो भला क्या करें

Byte1 -कुंवर रौथाण ग्राम प्रधान तलवाड़ी खालसा

Byte 2 राम सिंह बिष्ट स्थानीय

Byte 3 ग्रामीणConclusion:ग्रामीणों का कहना है कि जब से सड़क कटिंग का कार्य शुरू हुआ तब से एक बार भी ठेकेदार साइट पर नही आया ,और सड़क पर न तो प्रथम फेज में बनने वाली सुरक्षा दीवारें बन सकी हैं न ही सड़क मानकों के अनुसार चौड़ी काटी गई है ,ग्रामीणों का कहना है कि सड़क पर पानी की निकासी के लिए बनाए गए कई कलमट कॉज वे का सही स्थान निर्धारण नही हुआ है साथ ही जो कलमट बनाये गए हैं वो वर्तमान में बंद चल रहे हैं ,ठेकेदार पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि पूर्व में दी गयी अधिकांश दीवारें वर्तमान में क्षतिग्रस्त हो गई हैं, सड़क कटिंग का अधिकांश मलबा अभी भी सड़क किनारे इधर उधर बिखरा पड़ा है जिससे बरसात में भूस्खलन का खतरा बना हुआ है साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि सड़क कटिंग के दौरान काटे गए खेतों में अब तक सड़क किनारे ज्यादातर जगहों पर सुरक्षा दीवारें नही लगी हैं ठेकेदार द्वारा बनाये गए कलमटो और दीवारों पर अनियमितता बरती गयी है ,आपको बता दे कि पिछले दिनों हुई हल्की फुल्की बारिश से ही सड़क पर कीचड़ का सैलाब सा बन गया था जिसके चलते वाहन तो दूर इस सड़क से ग्रामीणों का पैदल चलना भी मुश्किल हो चला है,बरसात के दिनों में तो अक्सर सड़क पर मलबा आने की वजह से सड़क बन्द ही रहती है, ऐसे में ग्रामीण सड़क के प्रथम फेज में हुए कार्य की जांच की मांग न करें तो भला क्या करें

Byte1 -कुंवर रौथाण ग्राम प्रधान तलवाड़ी खालसा

Byte 2 राम सिंह बिष्ट स्थानीय

Byte 3 ग्रामीण
Last Updated : Feb 3, 2020, 5:09 PM IST
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