चमोली: जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. जोशीमठ में जिन जिन होटलों में भू धंसाव के चलते दरारें आई हैं, उन होटलों में पर्यटकों के रुकने पर चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत रोक लगा दी है. बता दें कि इन दिनों जोशीमठ के कई घर और होटल भू धंसाव की चपेट में हैं.
भू धंसाव से एक दूसरे से सटे होटल: चमोली के जोशीमठ में पिछ्ले एक साल से तेजी से भू धंसाव हो रहा है. जिसकी चपेट में जोशीमठ नगर के 9 वार्ड के 500 से अधिक घर और होटल आ गए हैं. बीते दिन जोशीमठ के दो बड़े होटल भू धंसाव की चपेट में आने से आपस में झुक गए थे. डीएम ने स्वयं मौके पर जाकर निरीक्षण किया था. जिसके बाद डीएम के द्वारा उन होटलों में पर्यटकों के ठहरने पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत रोक लगा दी गई है, जिन पर भू धंसाव के चलते दरारें आई हैं.
जोशीमठ में हो रहा है भू धंसाव: चमोली जिले का जोशीमठ शहर भू-धंसाव के चलते लंबे समय से खतरे की जद में है. स्थिति यह है कि शहर के सैकड़ों घरों में पड़ी दरारें लोगों के लिए खतरा बनती जा रही है. ऐसे में सरकार ने अब इन सैकड़ों परिवारों के विस्थापन के लिए जमीन की तलाश शुरू कर दी है. वहीं, ऐतिहासिक शहर जोशीमठ अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. शहर में हो रहे भू-धंसाव के कारण जहां घरों में दरारें पड़ने लगी है. वहीं अब इस शहर के भविष्य को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
जोशीमठ में सैकड़ों घरों में आई दरार: आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जोशीमठ शहर के करीब 500 घरों में दरारें आई हैं. प्रशासन भी इन हालातों से बेहद चिंतित है. इससे जुड़ी पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है, लेकिन फिलहाल इन स्थितियों से पार पाने के लिए सरकार के पास भी कुछ खास प्लान नजर नहीं आ रहा. जोशीमठ में ऐसे भी कई घर हैं, जहां बेहद बड़ी दरारों के कारण अब इन घरों में लोगों का रहना खतरे से खाली नहीं है. लिहाजा ऐसे परिवारों को विस्थापित किए जाने का प्लान भी तैयार किया जा रहा है.
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वैज्ञानिकों ने किया भूगर्भीय सर्वेक्षण: आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने मौजूदा स्थितियों को गंभीर मानते हुए प्रभावित परिवारों को विस्थापित करने के लिए जमीन ढूंढने की बात कही है. यही नहीं स्थानीय लोगों से भी मुफीद जमीन चिन्हित करने और सुझाव देने के लिए कहा गया है. बता दें कि आपदा प्रबंधन विभाग ने साल 2022 में वैज्ञानिकों की टीम गठित कर जोशीमठ शहर का भूगर्भीय सर्वेक्षण कराया था. राज्य सरकार के पास जो रिपोर्ट भेजी गई, उसमें घरों में दरारें पड़ने का कारण भू-धंसाव माना गया.