चमोली: गोपेश्वर से सटे रौली-ग्वाड़ गांव को मॉडल विलेज बनाने की कवायद तेज हो गई है. इसके लिए विभागीय योजनाओं के समन्वय से विशेष कार्ययोजना तैयार की जा रही है. खुद डीएम हिमांशु खुराना भी रौली क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं. वहीं, उन्होंने रौली-ग्वाड़ गांव में शत प्रतिशत विभागीय योजनाओं से आच्छादित करने के निर्देश दिए हैं.
गोपेश्वर से सटे रौली-ग्वाड़ गांव में प्रगतिशील किसान उद्यान विभाग के सहयोग से पॉली हाउस में सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं. साथ ही लीलियम के फूलों से बेहतर कमाई भी कर रहे हैं. वहीं, महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं भी गांव में मशरूम उत्पादन कर रही हैं. इसके अलावा लैंटाना से उपयोगी वस्तुएं एवं सजावटी सामान तैयार कर अपनी आर्थिकी को मजबूत कर रही हैं.
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रौली-ग्वाड़ गांव में स्वयं सहायता समूहों और प्रगतिशील किसानों के लिए जिला प्रशासन की ओर से विस्तृत प्लान तैयार किया जा रहा है. ताकि, रौली क्षेत्र को आदर्श विलेज के तौर पर विकसित किया जा सके. डीएम खुराना भी क्षेत्र में योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण कर मुख्य विकास अधिकारी को अहम निर्देश दे चुके हैं.
वहीं, चमोली डीएम हिमांशु खुराना ने अफसरों को सरकार की सभी जन कल्याणकारी योजनाओं को रौली-ग्वाड़ गांव तक पहुंचाने को कहा है. ताकि, रौली-ग्वाड़ आदर्श गांव के रुप में विकसित हो सके. इसके अलावा उन्होंने प्रगतिशील किसानों, काश्तकारों और स्वयं सहायता समूहों को विभागों की ओर से तकनीकी सहयोग एवं प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं. डीएम खुराना का कहना है कि जिला मुख्यालय से सटे रौली ग्वाड़ गांव को मॉडल विलेज बनाकर इसको एक्सपोजर विजिट के लिए भी तैयार किया जाएगा.