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गैरसैंण में पेयजल आपूर्ति की समस्या पर गुस्साई जनता, मंगलवार को तालाबंदी की दी चेतावनी

गैरसैंण में पेयजल आपूर्ति की समस्या से आक्रोशित ग्रामीणों ने जल संस्थान कार्यालय में तालाबंदी की चेतावनी दी है. ग्रामीणों ने युवा कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष के नेतृत्व में एसडीएम से मुलाकात कर जल्द से जल्द समस्या दूर करने की मांग की है.

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Published : May 22, 2023, 3:32 PM IST

गैरसैंण: चमोली जिले के गैरसैंण में युवा कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन भंडारी की अगुवाई में तमाम संगठनों ने एसडीएम कमलेश मेहता से मुलाकात कर नगर की पेयजल आपूर्ति बहाल करने की मांग की. मुलाकात में बताया कि जल संस्थान कर्मी व्यवस्थाओं को बनाने में पूरी तरह असफल हैं. मोहन भंडारी ने कहा कि पानी की पाइप लाइन पर बड़ी मात्रा में लीकेज की समस्या बनी है. उपभोक्ताओं को टुल्लू पंप से पानी खींचना पड़ रहा है.

एसडीएम से मुलाकात में उद्योग व्यापार मंडल के गढ़वाल प्रभारी सुरेश कुमार बिष्ट ने कहा कि गैरसैंण सहित मेहलचौरी, उजेठिया, रंगचौड़ा में भी जल समस्या बनी हुई है. उन्होंने कहा कि जल उपभोक्ताओं का एक व्हाट्सएप ग्रुप तैयार किया जाना चाहिए ताकि विभागीय कर्मचारियों को समस्या का समय से पता लग सके. साथ ही लोगों ने चेतावनी दी कि व्यवस्था नहीं सुधरने पर मंगलवार को तालाबंदी की जाएगी.

गैरसैंण नगर में पेयजल संकट बढ़ा: ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण नगर क्षेत्र में पेयजल की समस्या से आम जन परेशान हैं. लंबे समय से चले आ रहे इस विकट संकट से निजात दिलाने के तमाम सरकारी वादे शिगूफे साबित हुए हैं. दो दशक पहले निर्मित पेयजल योजना निरंतर बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा कर पाने में बौना साबित हो रही है. साल 2004 में तत्कालीन जनसंख्या के लिए 3 लाख 50 हजार लीटर क्षमता का भंडारण टैंक पर्याप्त था. परंतु इस बीच जिस तेजी से नगर की आबादी में इजाफा हुआ, उसके सापेक्ष पेयजल योजना का उच्चीकरण नहीं हो सका है.

क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी: एसडीएम गैरसैंण कमलेश मेहता ने कहा कि विभागीय स्तर पर जल संस्थान कर्मियों की शिकायत मिली है. इसकी जांच कर समस्या के समाधान के लिए विभाग से वार्ता कर नगर की पेयजल व्यवस्था को ठीक किया जाएगा. विभागीय कनिष्ठ अभियंता नीरज झिकवान का कहना है कि नगर की जल आवश्यकता 700 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) की है. जबकि तमाम स्रोतों से मात्र 250 एलपीएम पानी ही मिल पा रहा है. हालांकि गैरसैंण के लिए नई पेयजल योजना की स्वीकृति मिल चुकी है. विभाग द्वारा टेंडर लगा दिए गए हैं. आने वाले 20 सालों की पेयजल आपूर्ति के लिए प्रस्तावित इस योजना पर शीघ्र कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें: आखिर कब रुकेगा अवैध खनन का खेल?, मामले को लेकर विधायक सीएम से करेंगे मुलाकात

गैरसैंण: चमोली जिले के गैरसैंण में युवा कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन भंडारी की अगुवाई में तमाम संगठनों ने एसडीएम कमलेश मेहता से मुलाकात कर नगर की पेयजल आपूर्ति बहाल करने की मांग की. मुलाकात में बताया कि जल संस्थान कर्मी व्यवस्थाओं को बनाने में पूरी तरह असफल हैं. मोहन भंडारी ने कहा कि पानी की पाइप लाइन पर बड़ी मात्रा में लीकेज की समस्या बनी है. उपभोक्ताओं को टुल्लू पंप से पानी खींचना पड़ रहा है.

एसडीएम से मुलाकात में उद्योग व्यापार मंडल के गढ़वाल प्रभारी सुरेश कुमार बिष्ट ने कहा कि गैरसैंण सहित मेहलचौरी, उजेठिया, रंगचौड़ा में भी जल समस्या बनी हुई है. उन्होंने कहा कि जल उपभोक्ताओं का एक व्हाट्सएप ग्रुप तैयार किया जाना चाहिए ताकि विभागीय कर्मचारियों को समस्या का समय से पता लग सके. साथ ही लोगों ने चेतावनी दी कि व्यवस्था नहीं सुधरने पर मंगलवार को तालाबंदी की जाएगी.

गैरसैंण नगर में पेयजल संकट बढ़ा: ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण नगर क्षेत्र में पेयजल की समस्या से आम जन परेशान हैं. लंबे समय से चले आ रहे इस विकट संकट से निजात दिलाने के तमाम सरकारी वादे शिगूफे साबित हुए हैं. दो दशक पहले निर्मित पेयजल योजना निरंतर बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा कर पाने में बौना साबित हो रही है. साल 2004 में तत्कालीन जनसंख्या के लिए 3 लाख 50 हजार लीटर क्षमता का भंडारण टैंक पर्याप्त था. परंतु इस बीच जिस तेजी से नगर की आबादी में इजाफा हुआ, उसके सापेक्ष पेयजल योजना का उच्चीकरण नहीं हो सका है.

क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी: एसडीएम गैरसैंण कमलेश मेहता ने कहा कि विभागीय स्तर पर जल संस्थान कर्मियों की शिकायत मिली है. इसकी जांच कर समस्या के समाधान के लिए विभाग से वार्ता कर नगर की पेयजल व्यवस्था को ठीक किया जाएगा. विभागीय कनिष्ठ अभियंता नीरज झिकवान का कहना है कि नगर की जल आवश्यकता 700 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) की है. जबकि तमाम स्रोतों से मात्र 250 एलपीएम पानी ही मिल पा रहा है. हालांकि गैरसैंण के लिए नई पेयजल योजना की स्वीकृति मिल चुकी है. विभाग द्वारा टेंडर लगा दिए गए हैं. आने वाले 20 सालों की पेयजल आपूर्ति के लिए प्रस्तावित इस योजना पर शीघ्र कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
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