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गलवान घाटी में जवानों की शहादत पर लोगों में आक्रोश, चीनी सामान का किया बहिष्कार

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Published : Jun 19, 2020, 10:00 AM IST

Updated : Jun 19, 2020, 7:20 PM IST

भारत चीन सीमा के गलवान घाटी में दोनों देश के सेना के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए. वहीं, सेना की शहादत को लेकर देशभर में चीन के खिलाफ आक्रोश दिख रहा है. सेना के शहीद होने पर लोगों ने चीन के खिलाफ जमकर विरोध किया. साथ ही चीनी सामान का बहिष्कार किया.

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चीनी सामान का किया बहिष्कार

देहरादूर: भारत-चीन सीमा पर दोनों देश के सेना में गलवान घाटी में हिसंक झड़प हुई, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. वहीं, इन जवानों की शहादत पर देशभर में चीन के प्रति आक्रोश दिख रहा है. इसी क्रम में आज उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में लोगों में चीन के प्रति आक्रोश देखने को मिला. सेना की शहादत पर लोगों ने चीन के खिलाफ जमकर नारे लगाए. साथ ही चीनी सामान का बहिष्कार किया.

गलवान घाटी में जवानों की शहादत पर लोगों में आक्रोश.

चमोली स्थित भारत-चीन सीमा नीतिपास से लगे नीति गांव के ग्रामीणों में चीन के खिलाफ खासा आक्रोश देखने को मिला. आपकों बता दें कि यह गांव भारत-चीन सीमा पर स्थित भारत का अंतिम गांव है. इस गांव में रहने वाले लोगों को सेना का द्वितीय रक्षा पंक्ति भी कहा जाता है. लद्दाख में चीन के द्वारा भारतीय सैनिकों पर हमले के बाद यहां के ग्रामीणों ने चीन का विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही चीन निर्मित सभी सामानों का बायकॉट करने का फैसला किया.

वहीं, नीति गांव के ग्रामीणों का कहना है कि चीन भारत को कमजोर ना समझे. यह 1962 का भारत नहीं है, अगर युद्ध होता है तो चाइना को मुंह की खानी पड़ेगी. हम लोग भी देश और सेना का हर समय साथ देने को तैयार हैं.

ये भी पढ़े: चीन सीमा को जोड़ने वाली मिलम रोड का कार्य युद्ध स्तर पर, हेलीकॉप्टर से पहुंचाई जा रही मशीनें

उधम सिंह नगर में गलावन में शहीद हुए जवानों को लोगों ने कैंडल मार्च निकाल कर श्रद्धाजंलि दी. साथ ही चीनी सेना द्वारा भारतीय सैनिकों पर किए गए हमले की निंदा की. इस दौरान लोगों चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही चाइनीज सामान का बहिष्कार किया.

सोमेश्वर के मनान ज्ञानदीप पुस्तकालय में सामाजिक कार्यर्ताओं समेत कई लोगों ने लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय सेना के जवानों पर चीनी सेना द्वारा किये गए हमले की निंदा की. साथ ही सीमा पर शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान लोगों ने चीन निर्मित सामान का बहिष्कार किया. वहीं, शहीदों की आत्मा की शांति के लिए कैंडल मार्च निकाला.

उधर, श्रीनगर गढ़वाल में भी गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय सेना को लेकर लोगों में चीन के प्रति आक्रोश देखने को मिला. इस दौरान लोगों चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग का पुतला भी जलाया. साथ ही चाइनीज सामानों का बहिष्कार किया. इस दौरान बड़ी संख्या में भक्तयाना के लोगों ने भी चीन का विरोध किया.

साथ ही लक्सर में भी बालावाली तिराहे पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए चीन का पुतला फूंका और लद्दाख के पूर्वी गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि चीन ने कायरता का परिचय देते हुए भारतीय जवानों पर धोखे से वार किया है.

देहरादूर: भारत-चीन सीमा पर दोनों देश के सेना में गलवान घाटी में हिसंक झड़प हुई, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. वहीं, इन जवानों की शहादत पर देशभर में चीन के प्रति आक्रोश दिख रहा है. इसी क्रम में आज उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में लोगों में चीन के प्रति आक्रोश देखने को मिला. सेना की शहादत पर लोगों ने चीन के खिलाफ जमकर नारे लगाए. साथ ही चीनी सामान का बहिष्कार किया.

गलवान घाटी में जवानों की शहादत पर लोगों में आक्रोश.

चमोली स्थित भारत-चीन सीमा नीतिपास से लगे नीति गांव के ग्रामीणों में चीन के खिलाफ खासा आक्रोश देखने को मिला. आपकों बता दें कि यह गांव भारत-चीन सीमा पर स्थित भारत का अंतिम गांव है. इस गांव में रहने वाले लोगों को सेना का द्वितीय रक्षा पंक्ति भी कहा जाता है. लद्दाख में चीन के द्वारा भारतीय सैनिकों पर हमले के बाद यहां के ग्रामीणों ने चीन का विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही चीन निर्मित सभी सामानों का बायकॉट करने का फैसला किया.

वहीं, नीति गांव के ग्रामीणों का कहना है कि चीन भारत को कमजोर ना समझे. यह 1962 का भारत नहीं है, अगर युद्ध होता है तो चाइना को मुंह की खानी पड़ेगी. हम लोग भी देश और सेना का हर समय साथ देने को तैयार हैं.

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उधम सिंह नगर में गलावन में शहीद हुए जवानों को लोगों ने कैंडल मार्च निकाल कर श्रद्धाजंलि दी. साथ ही चीनी सेना द्वारा भारतीय सैनिकों पर किए गए हमले की निंदा की. इस दौरान लोगों चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही चाइनीज सामान का बहिष्कार किया.

सोमेश्वर के मनान ज्ञानदीप पुस्तकालय में सामाजिक कार्यर्ताओं समेत कई लोगों ने लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय सेना के जवानों पर चीनी सेना द्वारा किये गए हमले की निंदा की. साथ ही सीमा पर शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान लोगों ने चीन निर्मित सामान का बहिष्कार किया. वहीं, शहीदों की आत्मा की शांति के लिए कैंडल मार्च निकाला.

उधर, श्रीनगर गढ़वाल में भी गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय सेना को लेकर लोगों में चीन के प्रति आक्रोश देखने को मिला. इस दौरान लोगों चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग का पुतला भी जलाया. साथ ही चाइनीज सामानों का बहिष्कार किया. इस दौरान बड़ी संख्या में भक्तयाना के लोगों ने भी चीन का विरोध किया.

साथ ही लक्सर में भी बालावाली तिराहे पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए चीन का पुतला फूंका और लद्दाख के पूर्वी गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि चीन ने कायरता का परिचय देते हुए भारतीय जवानों पर धोखे से वार किया है.

Last Updated : Jun 19, 2020, 7:20 PM IST
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