चमोलीः केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने चतुर्थ केदार रुद्रनाथ ट्रेक को प्लास्टिक फ्री जोन घोषित कर दिया है. इस 18 किलोमीटर के ट्रेकिंग मार्ग और बुग्यालों में प्लास्टिक फेंकने पर अब भारी जुर्माना भरना होगा. साथ ही लाउडस्पीकर से ध्वनि प्रदूषण फैलाने, वन्य जीवों के वास स्थल से छेड़छाड़, निर्धारित स्थलों के बजाय दूसरे स्थानों में टेंट स्थापित करने पर भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम-1972 के तहत संबंधित से 5 हजार रुपये का अर्थदंड वसूला जाएगा.
बता दें कि पंचकेदारों में शामिल चतुर्थ केदार रुद्रनाथ का मंदिर सुदूर बुग्यालों में स्थित है. रुद्रनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए सगर गांव से 18 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है. अब केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने रुद्रनाथ क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त करने की योजना तैयार की है.
इसके लिए रुद्रनाथ के प्रवेश द्वार सगर गांव में वन विभाग की चेक पोस्ट स्थापित कर दी गई है. यहां पर रुद्रनाथ जाने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं का पंजीकरण होगा. उनके सामान की जांच भी की जाएगी. पॉलीथिन और अन्य प्लास्टिक सामग्री को भी पंजीकरण में दर्ज करना होगा.
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वहीं, ट्रेक पर प्लास्टिक ले जाने के एवज में संबंधित श्रद्धालुओं को सौ रुपये जमा करना होगा. यात्रा पूरी कर लौटने पर प्लास्टिक की बोतलों और अन्य प्लास्टिक सामग्री को चेक पोस्ट पर दिखाने के बाद ही 100 रुपये की धनराशि लौटाई जाएगी. यदि प्लास्टिक नहीं दिखाया गया तो जमा राशि को जब्त कर ली जाएगी.
वन्य जीव प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी अमित कंवर ने बताया कि रुद्रनाथ क्षेत्र को प्लास्टिक फ्री जोन घोषित कर दिया गया है. यह क्षेत्र केदारनाथ वन्य जीव अभ्यारण्य के अंतर्गत आता है. अभ्यारण्य की सीमाओं पर अवैध गतिविधियों पर भी विशेष नजर रखी जाएगी.
तीर्थयात्रियों का भी होगा पंजीकरण
चतुर्थ केदार रुद्रनाथ की तीर्थयात्रा पर जाने वाले देश-विदेश के तीर्थयात्रियों का भी मंदिर के प्रवेश द्वार पर पंजीकरण होगा. सगर गांव में वन विभाग की ओर से स्थापित की गई चेक पोस्ट पर पंजीकरण की व्यवस्था की गई है. अभी तक कोई भी व्यक्ति बिना रोक टोक के रुद्रनाथ मंदिर जाता था. अब रुद्रनाथ ट्रेक पर आने-जाने वालों का पंजीकरण अनिवार्य होगा.