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यहां डंडी कंडी करती है एंबुलेंस का काम, बुजुर्ग महिला को 10 किमी पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल - ईराणी गांव

Chamoli Irani Village चमोली ईराणी गांव आज भी मूलभूत सविधाओं से महरूम है. जहां आज भी लोगों को रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए मीलों का सफर तय करना पड़ता है. स्थिति तब विकट हो जाती है, जब गांव में कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है. ग्रामीणों को बीमार व्यक्ति को डंडी कंडी के सहारे हॉस्पिटल पहुंचाना पड़ता है.

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Published : Aug 14, 2023, 6:40 AM IST

चमोली: सीमांत जनपद चमोली के ग्रामीणों को सड़क और स्वास्थ्य सुविधा के लिए आज भी जूझना पड़ रहा है. जहां एक ओर देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा हैं, वहीं चमोली के दशोली ब्लॉक स्थित निजमूला घाटी में ईराणी गांव के ग्रामीणों को सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में मीलों दूरी तय करनी पड़ रही है. ईराणी गांव में मरीजों को भी डंडी कंडी के सहारे पैदल चलकर कई मुसीबतों का सामना कर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अस्पताल पहुंचाना पड़ रहा है.

बीते दिन ईराणी गांव की 60 वर्ष की बुजुर्ग महिला शांकरी देवी पत्नी नत्थी सिंह के पेट में अचानक दर्द शुरू हो गया. गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में रातभर महिला दर्द से कराहती रही. गांव से सड़क मार्ग तक पहुंचने के लिए पैदल रास्ता होने के कारण रविवार को ग्रामीणों ने कुर्सी को लकड़ी के डंडों पर बांधकर एक डोली बनाई. जिसके बाद महिला को 10 किलोमीटर पैदल चलकर सड़क तक पहुंचाया गया. गांव के पास ही भेल्ताना गदेरे के उफान पर होने के कारण ग्रामीण मरीज को जान जोखिम में डालकर नदी पार कर सड़क तक लाए.
पढ़ें-मरीज को डंडी-कंडी पर लाद 7 किमी पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल, देखिए पहाड़ में रहने का दर्द!

यहां से निजी वाहन से महिला को जिला अस्पताल गोपेश्वर में भर्ती कराया गया. जहां अस्पताल में महिला का उपचार चल रहा है.क्षेत्र पंचायत सदस्य विजय सिंह नेगी,मोहन सिंह नेगी,मनबर सिंह ने कहा कि क्षेत्र में सड़क और स्वास्थ्य सुविधाएं न होने से ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कहा कि पूर्व में पीएमजीएसवाई के द्वारा सड़क कटिंग तो कर दी गई हैं, लेकिन आज तक पुल नहीं बनाया गया है. जिस कारण बरसात के सीजन में ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी पार कर अपने जरूरी कार्यों के लिए चमोली और गोपेश्वर पहुंचते हैं.

चमोली: सीमांत जनपद चमोली के ग्रामीणों को सड़क और स्वास्थ्य सुविधा के लिए आज भी जूझना पड़ रहा है. जहां एक ओर देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा हैं, वहीं चमोली के दशोली ब्लॉक स्थित निजमूला घाटी में ईराणी गांव के ग्रामीणों को सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में मीलों दूरी तय करनी पड़ रही है. ईराणी गांव में मरीजों को भी डंडी कंडी के सहारे पैदल चलकर कई मुसीबतों का सामना कर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अस्पताल पहुंचाना पड़ रहा है.

बीते दिन ईराणी गांव की 60 वर्ष की बुजुर्ग महिला शांकरी देवी पत्नी नत्थी सिंह के पेट में अचानक दर्द शुरू हो गया. गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में रातभर महिला दर्द से कराहती रही. गांव से सड़क मार्ग तक पहुंचने के लिए पैदल रास्ता होने के कारण रविवार को ग्रामीणों ने कुर्सी को लकड़ी के डंडों पर बांधकर एक डोली बनाई. जिसके बाद महिला को 10 किलोमीटर पैदल चलकर सड़क तक पहुंचाया गया. गांव के पास ही भेल्ताना गदेरे के उफान पर होने के कारण ग्रामीण मरीज को जान जोखिम में डालकर नदी पार कर सड़क तक लाए.
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यहां से निजी वाहन से महिला को जिला अस्पताल गोपेश्वर में भर्ती कराया गया. जहां अस्पताल में महिला का उपचार चल रहा है.क्षेत्र पंचायत सदस्य विजय सिंह नेगी,मोहन सिंह नेगी,मनबर सिंह ने कहा कि क्षेत्र में सड़क और स्वास्थ्य सुविधाएं न होने से ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कहा कि पूर्व में पीएमजीएसवाई के द्वारा सड़क कटिंग तो कर दी गई हैं, लेकिन आज तक पुल नहीं बनाया गया है. जिस कारण बरसात के सीजन में ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी पार कर अपने जरूरी कार्यों के लिए चमोली और गोपेश्वर पहुंचते हैं.

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