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गड्ढे और कीचड़ बने ग्वालदम सड़क की पहचान, लोग MLA से नाराज

थराली के ग्वालदम और चिड़िंगा गांव के ग्रामीणों ने विधायक मुन्नी देवी शाह पर गांव के विकास को लेकर अनदेखी का आरोप लगाया है. ग्रामीण यहां की खस्ताहाल सड़क को लेकर बेहद नाराज हैं.

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Published : Jul 17, 2021, 2:03 PM IST

Updated : Jul 17, 2021, 4:55 PM IST

थराली: ग्वालदम और चिड़िंगा गांव के ग्रामीणों ने विधायक मुन्नी देवी शाह पर गांव के विकास को लेकर अनदेखी का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का कहना है अगर किसी भी गांव का विकास देखना हो तो सबसे पहले उस गांव तक जाने वाली सड़क की स्थिति देखनी चाहिए. जिसे देख आप गांव के विकास का अंदाजा लगा सकते हैं.

बता दें कि, थराली विधानसभा क्षेत्र को पर्यटन नगरी के नाम से भी जाना जाता है. लेकिन ग्वालदम-खम्पाधार-चिड़िंगा मोटरमार्ग की स्थिति देखी जाए तो आम जनता इससे काफी परेशान है. इस मार्ग से गुजरने वालों को हमेशा कोई न कोई दुर्घटना होने का डर लगा रहता है.

खराब सड़क से लोग परेशान

थराली लोक निर्माण विभाग, जनप्रतिनिधियों से लेकर शासन-प्रशासन इस मार्ग की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. मॉनसून का सीजन चल रहा है. यहां हो रही बारिश के चलते इस मार्ग में सड़क की जगह कीचड़ पटा पड़ा है. ग्रामीणों को ग्वालदम-खम्पाधार-चिड़िंगा मोटरमार्ग में आवाजाही करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि वे ग्वालदम-खम्पाधार-चिड़िंगा मोटरमार्ग के सुधार को लेकर कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं. साथ ही 2022 के विधानसभा चुनाव बहिष्कार का भी मन बना चुके हैं.

पढ़ें: AIIMS में कोरोना की तीसरी लहर के लिए मजबूत तैयारी, लगेगा PSA ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट

बता दें कि, 2013 में लोक निर्माण विभाग द्वारा ग्वालदम से चिड़िंगा तक 7 किमी की सड़क काटी गई. इस बीच की दूरी पर पड़ने वाले 7 गांवों के ग्रामीणों को सड़क मार्ग से जोड़ा गया था. इसके साथ ही देवाल, थराली मुख्यालय तक का सबसे सुगम मार्ग भी इसी रूट से बनाया गया. 2014 में सड़क की कटिंग का कार्य खत्म हुआ. लेकिन 7 साल बाद भी शासन ने इस मार्ग का डामरीकरण नहीं किया. वहीं, मार्ग में दीवारें, नाले और पुश्ते तक नहीं बनाए. ग्रामीणों द्वारा लगातार इस मोटरमार्ग पर डामरीकरण करने की मांग की जा रही है, ताकि इस सड़क पर हादसे कम हों. लेकिन थराली लोक निर्माण विभाग ने मार्ग को सुधारने की बजाय सड़क के दोनों प्रवेश द्वारों पर साइन बोर्ड लगाकर इतिश्री कर दी और मार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया.

लोक निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता राजदीप बिष्ट का कहना है कि मोटरमार्ग पर सड़क कटिंग का कार्य पूरा होने समय से ही आवाजाही प्रतिबंधित है और जो लोग भी यहां से आवाजाही कर रहे हैं उनके लिए खतरा बना हुआ है. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा ये साइन बोर्ड 2020 यानी सड़क कटिंग के 6 साल बाद लगाया गया है.

पढ़ें: रुद्रप्रयाग: सालों से डंडी-कंडी के सहारे जिंदगी, ग्रामीणों ने बदरीनाथ हाईवे किया जाम

ग्रामीणों का कहना है कि इस मार्ग पर पहले भी दुर्घटनाएं हुई हैं. 2020 में हुई एक दुर्घटना में एक व्यक्ति की जान चली गई थी. इसके बावजूद विभाग और विधायक इसे अनदेखा कर रहे हैं.

थराली लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता सतबीर सिंह यादव ने बताया कि शासन को 4 करोड़ का इस्टीमेट बनाकर भेजा गया है. स्वीकृति मिलने के बाद ही इस सड़क में कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

थराली: ग्वालदम और चिड़िंगा गांव के ग्रामीणों ने विधायक मुन्नी देवी शाह पर गांव के विकास को लेकर अनदेखी का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का कहना है अगर किसी भी गांव का विकास देखना हो तो सबसे पहले उस गांव तक जाने वाली सड़क की स्थिति देखनी चाहिए. जिसे देख आप गांव के विकास का अंदाजा लगा सकते हैं.

बता दें कि, थराली विधानसभा क्षेत्र को पर्यटन नगरी के नाम से भी जाना जाता है. लेकिन ग्वालदम-खम्पाधार-चिड़िंगा मोटरमार्ग की स्थिति देखी जाए तो आम जनता इससे काफी परेशान है. इस मार्ग से गुजरने वालों को हमेशा कोई न कोई दुर्घटना होने का डर लगा रहता है.

खराब सड़क से लोग परेशान

थराली लोक निर्माण विभाग, जनप्रतिनिधियों से लेकर शासन-प्रशासन इस मार्ग की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. मॉनसून का सीजन चल रहा है. यहां हो रही बारिश के चलते इस मार्ग में सड़क की जगह कीचड़ पटा पड़ा है. ग्रामीणों को ग्वालदम-खम्पाधार-चिड़िंगा मोटरमार्ग में आवाजाही करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि वे ग्वालदम-खम्पाधार-चिड़िंगा मोटरमार्ग के सुधार को लेकर कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं. साथ ही 2022 के विधानसभा चुनाव बहिष्कार का भी मन बना चुके हैं.

पढ़ें: AIIMS में कोरोना की तीसरी लहर के लिए मजबूत तैयारी, लगेगा PSA ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट

बता दें कि, 2013 में लोक निर्माण विभाग द्वारा ग्वालदम से चिड़िंगा तक 7 किमी की सड़क काटी गई. इस बीच की दूरी पर पड़ने वाले 7 गांवों के ग्रामीणों को सड़क मार्ग से जोड़ा गया था. इसके साथ ही देवाल, थराली मुख्यालय तक का सबसे सुगम मार्ग भी इसी रूट से बनाया गया. 2014 में सड़क की कटिंग का कार्य खत्म हुआ. लेकिन 7 साल बाद भी शासन ने इस मार्ग का डामरीकरण नहीं किया. वहीं, मार्ग में दीवारें, नाले और पुश्ते तक नहीं बनाए. ग्रामीणों द्वारा लगातार इस मोटरमार्ग पर डामरीकरण करने की मांग की जा रही है, ताकि इस सड़क पर हादसे कम हों. लेकिन थराली लोक निर्माण विभाग ने मार्ग को सुधारने की बजाय सड़क के दोनों प्रवेश द्वारों पर साइन बोर्ड लगाकर इतिश्री कर दी और मार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया.

लोक निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता राजदीप बिष्ट का कहना है कि मोटरमार्ग पर सड़क कटिंग का कार्य पूरा होने समय से ही आवाजाही प्रतिबंधित है और जो लोग भी यहां से आवाजाही कर रहे हैं उनके लिए खतरा बना हुआ है. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा ये साइन बोर्ड 2020 यानी सड़क कटिंग के 6 साल बाद लगाया गया है.

पढ़ें: रुद्रप्रयाग: सालों से डंडी-कंडी के सहारे जिंदगी, ग्रामीणों ने बदरीनाथ हाईवे किया जाम

ग्रामीणों का कहना है कि इस मार्ग पर पहले भी दुर्घटनाएं हुई हैं. 2020 में हुई एक दुर्घटना में एक व्यक्ति की जान चली गई थी. इसके बावजूद विभाग और विधायक इसे अनदेखा कर रहे हैं.

थराली लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता सतबीर सिंह यादव ने बताया कि शासन को 4 करोड़ का इस्टीमेट बनाकर भेजा गया है. स्वीकृति मिलने के बाद ही इस सड़क में कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

Last Updated : Jul 17, 2021, 4:55 PM IST
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