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गलवान हिंसा: चमोली में भारत-चीन सीमा पर बढ़ाई गयी सतर्कता, बड़ी संख्या में भेजे जा रहे सैनिक

बढ़ते तनाव को देखते हुए भारतीय सेना ने चमोली से लगते भारत-चीन सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी है और उन इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर रही है.

Petroling increased on Indo-China border
भारत-चीन सीमा पर बढ़ाई गई सतर्कता.
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Published : Jun 16, 2020, 6:17 PM IST

Updated : Jun 17, 2020, 10:02 AM IST

चमोली: पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारत-चीन सीमा विवाद अक्रामक रूप अख्तियार कर चुका है. भारतीय सेना ने चमोली में भारत-चीन सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी है. भारत-चीन सीमा उत्तराखंड में करीब 345 किलोमीटर लंबी है. भारत-चीन सीमा विवाद के बीच बीआरओ उत्तराखंड में उस सड़क के काम को पूरा करने के लिए तैयार हो चुका है जो भारत-चीन बॉर्डर के करीब है और रणनीतिक तौर पर भारत के लिए काफी अहमियत रखती है.

वहीं, बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना ने चमोली से लगते भारत-चीन सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी है और उन इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर रही है. वहीं, अनलॉक-1 के दौरान चमोली जिला प्रशासन ने भारत-चीन सीमा से लगे बाड़ाहोती और माणापास में स्थानीय चरवाहों को बकरियों के चुगान की अनुमति प्रदान करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दिया है.

भारत-चीन सीमा पर बढ़ाई गई सतर्कता.

ये भी पढ़ें: आपदा के 7 साल बाद कितनी बदली केदारघाटी? देखिए स्पेशल रिपोर्ट

चमोली में पिछले तीन-चार दिनों से सेना की टुकड़ियां लगातार भारत-चीन सीमा की तरफ जा रही हैं. सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बॉर्डर पोस्ट पर सैनिकों की संख्या बढ़ाते हुए सैन्य अभ्यास भी किया जाएगा. चीन कई बार चमोली जिले से लगे सीमा क्षेत्र बाड़ाहोती और माणापास में घुसपैठ की हिमाकत कर चुका है. जिसके बाद सेना और आईटीबीपी अलर्ट हो गई है.

आपको बता दें कि चमोली जिले में माणा, नीति, मलारी और बाड़ाहोती घाटी की दर्जनों फॉरवर्ड पोस्ट पर आईटीबीपी के जवान तैनात हैं. आईटीबीपी के जवान पहाड़ों पर पेट्रोलिंग करके चीन की हर हरकत पर नजर रखते हैं. माणा में सेना और आईटीबीपी की यूनिट तैनात है, जबकि माणा से आगे 40 से 50 किलोमीटर आईटीबीपी की फॉरवर्ड पोस्ट है.

बाड़ाहोती इलाके में कब-कब हुई चीन की घुसपैठ

  • 2014 में सीमा क्षेत्र के अंतिम चौकी रिमखिम के पास चीनी हेलीकॉप्टर काफी देर तक मंडराते रहे.
  • 2015 में चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसकर स्थानीय चरवाहों के सामान नष्ट कर दिए थे.
  • 2016 में सीमा के नजदीक इलाकों के निरीक्षण के दौरान चमोली जिला प्रशासन की टीम का चीनी सैनिकों से सामना हुआ था.
  • 3 जून वर्ष 2017 को बाड़ाहोती में दो चीनी हेलीकॉप्टर 3 मिनट तक मंडराते रहे.
  • 25 जुलाई वर्ष 2017 को सीमा क्षेत्र में चीनी सेना के 200 जवान भारतीय सीमा में एक किलोमीटर अंदर तक घुस आए.
  • 10 मार्च 2018 को बाड़ाहोती में चीनी सेना के तीन हेलीकॉप्टर भारतीय सीमा में 4 किलोमीटर अंदर तक घुस आए.
  • जुलाई 2018 में चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुस आए थे, तब भारतीय सेना ने उन्हें खदेड़ा था.

चमोली: पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारत-चीन सीमा विवाद अक्रामक रूप अख्तियार कर चुका है. भारतीय सेना ने चमोली में भारत-चीन सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी है. भारत-चीन सीमा उत्तराखंड में करीब 345 किलोमीटर लंबी है. भारत-चीन सीमा विवाद के बीच बीआरओ उत्तराखंड में उस सड़क के काम को पूरा करने के लिए तैयार हो चुका है जो भारत-चीन बॉर्डर के करीब है और रणनीतिक तौर पर भारत के लिए काफी अहमियत रखती है.

वहीं, बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना ने चमोली से लगते भारत-चीन सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी है और उन इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर रही है. वहीं, अनलॉक-1 के दौरान चमोली जिला प्रशासन ने भारत-चीन सीमा से लगे बाड़ाहोती और माणापास में स्थानीय चरवाहों को बकरियों के चुगान की अनुमति प्रदान करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दिया है.

भारत-चीन सीमा पर बढ़ाई गई सतर्कता.

ये भी पढ़ें: आपदा के 7 साल बाद कितनी बदली केदारघाटी? देखिए स्पेशल रिपोर्ट

चमोली में पिछले तीन-चार दिनों से सेना की टुकड़ियां लगातार भारत-चीन सीमा की तरफ जा रही हैं. सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बॉर्डर पोस्ट पर सैनिकों की संख्या बढ़ाते हुए सैन्य अभ्यास भी किया जाएगा. चीन कई बार चमोली जिले से लगे सीमा क्षेत्र बाड़ाहोती और माणापास में घुसपैठ की हिमाकत कर चुका है. जिसके बाद सेना और आईटीबीपी अलर्ट हो गई है.

आपको बता दें कि चमोली जिले में माणा, नीति, मलारी और बाड़ाहोती घाटी की दर्जनों फॉरवर्ड पोस्ट पर आईटीबीपी के जवान तैनात हैं. आईटीबीपी के जवान पहाड़ों पर पेट्रोलिंग करके चीन की हर हरकत पर नजर रखते हैं. माणा में सेना और आईटीबीपी की यूनिट तैनात है, जबकि माणा से आगे 40 से 50 किलोमीटर आईटीबीपी की फॉरवर्ड पोस्ट है.

बाड़ाहोती इलाके में कब-कब हुई चीन की घुसपैठ

  • 2014 में सीमा क्षेत्र के अंतिम चौकी रिमखिम के पास चीनी हेलीकॉप्टर काफी देर तक मंडराते रहे.
  • 2015 में चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसकर स्थानीय चरवाहों के सामान नष्ट कर दिए थे.
  • 2016 में सीमा के नजदीक इलाकों के निरीक्षण के दौरान चमोली जिला प्रशासन की टीम का चीनी सैनिकों से सामना हुआ था.
  • 3 जून वर्ष 2017 को बाड़ाहोती में दो चीनी हेलीकॉप्टर 3 मिनट तक मंडराते रहे.
  • 25 जुलाई वर्ष 2017 को सीमा क्षेत्र में चीनी सेना के 200 जवान भारतीय सीमा में एक किलोमीटर अंदर तक घुस आए.
  • 10 मार्च 2018 को बाड़ाहोती में चीनी सेना के तीन हेलीकॉप्टर भारतीय सीमा में 4 किलोमीटर अंदर तक घुस आए.
  • जुलाई 2018 में चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुस आए थे, तब भारतीय सेना ने उन्हें खदेड़ा था.
Last Updated : Jun 17, 2020, 10:02 AM IST
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