देहरादून/चमोली: जोशीमठ शहर में हो रहे भू-धंसाव को लेकर लोग दहशत में हैं. वहीं, उन्हें अपना आशियाना छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. सरकार लगातार स्थिति पर नजर बनाई हुई है. सीएम पुष्कर धामी ने आज प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और स्थानीय लोगों का हालचाल जाना. वहीं, दूसरी ओर जोशीमठ में आपदा की स्थिति बनने के पीछे एनटीपीसी द्वारा विष्णुगाड में बनाई गई सुरंग को माना जा रहा हैं, जिसको लेकर एनटीपीसी ने अपनी सफाई दी है और इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.
जोशीमठ में लगातार हो रहे भू-धंसाव से आपाद की स्थिति बनी हुई है. स्थानीय लोग दहशत के साए में जी रहे हैं. इस कड़कड़ाती ठंड में लोग अपने घरों को छोड़ने को मजबूर हैं. केंद्र और राज्य सरकार लगातार स्थिति की मॉनिटरिंग कर रही है. वहीं, जोशीमठ के इस हालात के लिए अंधाधुंध निर्माण कार्य, पहाड़ों में सुरंग खोदने को बताया जा रहा है. लोगों का आरोप है कि एनटीपीसी द्वारा विष्णुगाड में एक टनल निर्माण किया गया है, जिसकी वजह से जोशीमठ शहर में दरारें पड़ रही हैं. हालांकि, स्थिति को देखते हुए सरकार ने सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है. वहीं, एनटीपीसी ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों को लेकर सफाई दी है.
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एनटीपीसी के उप महाप्रबंधक राकेश कुमार सिंघल ने पत्र जारी कर इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. सिंघल ने लिखा है कि जोशीमठ नगर में हो रहे भू-धंसाव के लिए कथित रूप से एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की सुरंग को भी जिम्मेदार माना जा रहा है. इस संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि एनटीपीसी द्वारा बनाई गई सुरंग जोशीमठ शहर के नीचे से नहीं जा रही है.
उन्होंने कहा कि इस सुरंग का निर्माण टनल बोरिंग मशीन द्वारा किया गया है. साथ ही यह भी सूचित किया जाता है कि वर्तमान में कोई भी ब्लास्टिंग का कार्य नहीं किया जा रहा है. एनटीपीसी पूरी जिम्मेदारी से यह अवगत कराना चाहती है कि जोशीमठ शहर में हो रहे भू-धंसाव के लिए इस सुरंग का कोई भी संबंध नहीं है. ऐसी विषम परिस्थिति में एनटीपीसी नगर वासियों से अपनी सहानुभूति और संवेदनशीलता प्रकट करती है.