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पांचवें दिन भी बंद रहा चीन सीमा को जोड़ने वाला नीती बॉर्डर हाईवे, वैकल्पिक मार्ग की तलाश जारी

नीती घाटी में भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला जोशीमठ-मलारी हाईवे पिछले 5 दिनों से तमक-मरखूडा के बीच भूस्खलन होने से बंद है. इस कारण 13 गांवों का संपर्क मुख्यधारा से टूट गया है.

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Published : Aug 19, 2021, 6:01 PM IST

Updated : Aug 19, 2021, 6:24 PM IST

Chamoli
चमोली

चमोलीः नीती घाटी में भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला जोशीमठ-मलारी हाईवे पिछले 5 दिनों से तमक-मरखूडा के बीच बंद है. यहां पहाड़ियों से लगातार भूस्खलन हो रहा है. सड़क पर भारी बोल्डर और पत्थर गिर रहे हैं. इसके चलते 13 गांवों का संपर्क टूट गया है. हेलीकॉप्टर के जरिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जा रही है.

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी यहां तैनात हैं. घाटी के लोगों के आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग की तलाश की जा रही है. जिलाधिकारी ने बताया कि सड़क खोलने और यहां फंसे ग्रामीणों को निकालने के लिए जरूरी तैयारी की जा रही है.

एसडीएम कुमकुम जोशी ने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ घाटी में फंसे ग्रामीणों को निकालने के लिए दो रास्तों पर विचार किया जा रहा है. इसमें एक मार्ग नदी का है और दूसरा पहाड़ी के पीछे पैदल मार्ग है, जहां से आवगमन हो सकता है.

पांचवें दिन भी बंद रहा चीन सीमा को जोड़ने वाला नीती बॉर्डर हाईवे

ये भी पढ़ें: चीन सीमा को जोड़ने वाला नीती बॉर्डर हाईवे चौथे दिन भी बंद

इसके अलावा सुरक्षित आवागमन के अन्य माध्यमों पर भी मंथन किया जा रहा है. क्षेत्र में खाद्यान्न की स्थिति के बारे में जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि मलारी क्षेत्र में सभी राशन की दुकानों तक पहले ही अगस्त माह तक का पूरा खाद्यान्न पहुंचाया जा चुका है. इसके अलावा वहां पर स्थित अन्य दुकानों और बीआरओ के पास भी अभी पर्याप्त राशन उपलब्ध है. अभी कहीं पर भी खाद्यान्न का संकट नहीं है. बता दें कि 14-15 अगस्त की रात भूस्खलन के चलते जोशीमठ-नीती बॉर्डर रोड बंद हो गया है.

उधर, घाटी के तमक, जुमा, कागा, गरपक, रविंग, द्रोणागिरी, जेलम, भपकुंड, कोषा, मलारी, कैलासपुर, मेहरगाव, कुरगति, फरक्या गांव, बाम्पा, गमशाली और नीती गांवों में सड़क के साथ-साथ दूरसंचार, बिजली न होने से भी लोग परेशान हैं. दरसअल, भूस्खलन की चपेट में आकर बिजली के पोल उखड़ गए हैं, जिससे यहां विद्युत आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है.

गौर हो कि जोशीमठ-नीती बॉर्डर मार्ग जोशीमठ से 37 किमी नीती की ओर तमक (मरखुडा) गांव के पास लैंडस्लाइल जोन बन गया है. जिससे मार्ग बार-बार बाधित हो रहा है. वहीं, बीआरओ के द्वारा मार्ग खोलने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन लगातार हो रहे भूस्खलन और पहाड़ी से गिर रहे बोल्डरों के कारण मार्ग खोलने में दिक्कतें पेश आ रही हैं.

चमोलीः नीती घाटी में भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला जोशीमठ-मलारी हाईवे पिछले 5 दिनों से तमक-मरखूडा के बीच बंद है. यहां पहाड़ियों से लगातार भूस्खलन हो रहा है. सड़क पर भारी बोल्डर और पत्थर गिर रहे हैं. इसके चलते 13 गांवों का संपर्क टूट गया है. हेलीकॉप्टर के जरिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जा रही है.

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी यहां तैनात हैं. घाटी के लोगों के आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग की तलाश की जा रही है. जिलाधिकारी ने बताया कि सड़क खोलने और यहां फंसे ग्रामीणों को निकालने के लिए जरूरी तैयारी की जा रही है.

एसडीएम कुमकुम जोशी ने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ घाटी में फंसे ग्रामीणों को निकालने के लिए दो रास्तों पर विचार किया जा रहा है. इसमें एक मार्ग नदी का है और दूसरा पहाड़ी के पीछे पैदल मार्ग है, जहां से आवगमन हो सकता है.

पांचवें दिन भी बंद रहा चीन सीमा को जोड़ने वाला नीती बॉर्डर हाईवे

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इसके अलावा सुरक्षित आवागमन के अन्य माध्यमों पर भी मंथन किया जा रहा है. क्षेत्र में खाद्यान्न की स्थिति के बारे में जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि मलारी क्षेत्र में सभी राशन की दुकानों तक पहले ही अगस्त माह तक का पूरा खाद्यान्न पहुंचाया जा चुका है. इसके अलावा वहां पर स्थित अन्य दुकानों और बीआरओ के पास भी अभी पर्याप्त राशन उपलब्ध है. अभी कहीं पर भी खाद्यान्न का संकट नहीं है. बता दें कि 14-15 अगस्त की रात भूस्खलन के चलते जोशीमठ-नीती बॉर्डर रोड बंद हो गया है.

उधर, घाटी के तमक, जुमा, कागा, गरपक, रविंग, द्रोणागिरी, जेलम, भपकुंड, कोषा, मलारी, कैलासपुर, मेहरगाव, कुरगति, फरक्या गांव, बाम्पा, गमशाली और नीती गांवों में सड़क के साथ-साथ दूरसंचार, बिजली न होने से भी लोग परेशान हैं. दरसअल, भूस्खलन की चपेट में आकर बिजली के पोल उखड़ गए हैं, जिससे यहां विद्युत आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है.

गौर हो कि जोशीमठ-नीती बॉर्डर मार्ग जोशीमठ से 37 किमी नीती की ओर तमक (मरखुडा) गांव के पास लैंडस्लाइल जोन बन गया है. जिससे मार्ग बार-बार बाधित हो रहा है. वहीं, बीआरओ के द्वारा मार्ग खोलने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन लगातार हो रहे भूस्खलन और पहाड़ी से गिर रहे बोल्डरों के कारण मार्ग खोलने में दिक्कतें पेश आ रही हैं.

Last Updated : Aug 19, 2021, 6:24 PM IST
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