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चीन सीमा को जोड़ने वाला नीती बॉर्डर हाईवे चौथे दिन भी बंद

नीती बॉर्डर हाईवे बंद होने से दर्जनों गांव में निवास करने वाले लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उनके पास राशन नहीं पहुंच पा रहे है. हालांकि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और तहसील प्रशासन की टीम मौके पर है और घाटी के लोगों के आवागमन हेतु वैकल्पिक मार्ग तलाशने में जुटी है.

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Published : Aug 18, 2021, 8:56 PM IST

चमोली
चमोली

चमोली: भारत को चीन सीमा से जोड़ने वाला नीती बार्डर हाईवे चौथे दिन भी नहीं खुल पाया है. नीती बॉर्डर हाईवे पर तमक मरखूडा में ऊंची खड़ी पहाड़ी से भारी बोल्डर और पत्थर गिरने का सिलसिला अभी भी जारी है. इसी वजह से हाईवे अवरुद्ध हो रखा है.

नीती बार्डर हाईवे बंद होने से दर्जनों गांव में निवास करने वाले लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उनके पास राशन नहीं पहुंच पा रहे है. हालांकि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और तहसील प्रशासन की टीम मौके पर है और घाटी के लोगों के आवागमन हेतु वैकल्पिक मार्ग तलाशने में जुटी है.

पढ़ें- मां की ममता: रेलवे ट्रैक पार कर रहा था बच्चा, ट्रेन आती देख बचाने कूदी हथिनी, दोनों की मौत

एसडीएम कुमकुम जोशी ने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ घाटी में फंसे ग्रामीणों को निकालने के लिए दो रास्तों पर विचार किया जा रहा है. इसमें एक मार्ग नदी का है और दूसरा पहाड़ी के पीछे पैदल मार्ग है, जहां से आवगमन हो सकता है.

इसके अलावा सुरक्षित आवगमन के अन्य माध्यमों पर भी मंथन किया जा रहा है. क्षेत्र में खाद्यान्न की स्थिति के बारे में जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि मलारी क्षेत्र में सभी राशन की दुकानों तक पहले ही अगस्त माह तक का पूरा खाद्यान्न पहुंचाया जा चुका है. इसके अलावा वहां पर अवस्थित अन्य दुकानों और बीआरओ के पास भी अभी पर्याप्त राशन उपलब्ध है. अभी कही पर भी खाद्यान्न का संकट नहीं है.

पढ़ें- हिमालयी क्षेत्रों में निर्माण से शोधकर्ता चिंतित, केदार-बदरीनाथ पुनर्निर्माण पर सरकार को चेताया

घाटी क्षेत्र के गांवों में स्वास्थ्य सुविधा के लिए जिला प्रशासन द्वारा वैकल्पिक मार्ग से मेडिकल टीम भेजने की भी संभावनाएं तलाशी जा रही है. नीती बार्डर हाईवे पर ऊंची पहाड़ी बोल्डर और पत्थर लगातार गिर रहे है, जिस कारण से बीआरओ की मशीनें यहां पर सड़क खोलने का काम नहीं कर पा रही है.

चमोली: भारत को चीन सीमा से जोड़ने वाला नीती बार्डर हाईवे चौथे दिन भी नहीं खुल पाया है. नीती बॉर्डर हाईवे पर तमक मरखूडा में ऊंची खड़ी पहाड़ी से भारी बोल्डर और पत्थर गिरने का सिलसिला अभी भी जारी है. इसी वजह से हाईवे अवरुद्ध हो रखा है.

नीती बार्डर हाईवे बंद होने से दर्जनों गांव में निवास करने वाले लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उनके पास राशन नहीं पहुंच पा रहे है. हालांकि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और तहसील प्रशासन की टीम मौके पर है और घाटी के लोगों के आवागमन हेतु वैकल्पिक मार्ग तलाशने में जुटी है.

पढ़ें- मां की ममता: रेलवे ट्रैक पार कर रहा था बच्चा, ट्रेन आती देख बचाने कूदी हथिनी, दोनों की मौत

एसडीएम कुमकुम जोशी ने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ घाटी में फंसे ग्रामीणों को निकालने के लिए दो रास्तों पर विचार किया जा रहा है. इसमें एक मार्ग नदी का है और दूसरा पहाड़ी के पीछे पैदल मार्ग है, जहां से आवगमन हो सकता है.

इसके अलावा सुरक्षित आवगमन के अन्य माध्यमों पर भी मंथन किया जा रहा है. क्षेत्र में खाद्यान्न की स्थिति के बारे में जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि मलारी क्षेत्र में सभी राशन की दुकानों तक पहले ही अगस्त माह तक का पूरा खाद्यान्न पहुंचाया जा चुका है. इसके अलावा वहां पर अवस्थित अन्य दुकानों और बीआरओ के पास भी अभी पर्याप्त राशन उपलब्ध है. अभी कही पर भी खाद्यान्न का संकट नहीं है.

पढ़ें- हिमालयी क्षेत्रों में निर्माण से शोधकर्ता चिंतित, केदार-बदरीनाथ पुनर्निर्माण पर सरकार को चेताया

घाटी क्षेत्र के गांवों में स्वास्थ्य सुविधा के लिए जिला प्रशासन द्वारा वैकल्पिक मार्ग से मेडिकल टीम भेजने की भी संभावनाएं तलाशी जा रही है. नीती बार्डर हाईवे पर ऊंची पहाड़ी बोल्डर और पत्थर लगातार गिर रहे है, जिस कारण से बीआरओ की मशीनें यहां पर सड़क खोलने का काम नहीं कर पा रही है.

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