थराली: नए साल को लेकर उत्तराखंड में देश-विदेश के पर्यटक पहुंच रहे हैं. वहीं अगर बात करें थराली की तो यहां नए साल पर लोगों ने कुछ अलग अंदाज में जश्न मनाया. यहां साल के पहले दिन बधाण गढ़ी में भक्तों का तांता लगा रहा. नए साल पर लोगों ने मंदिर पहुंच कर पूजा अर्चना की और भगवान से मन्नते मांगी. जानिए क्यों भक्तों की है यहां अटूट आस्था.
यहां विराजमान हैं बधाण की कुलदेवी
बधाण की कुलदेवी मां भगवती बधाण गढ़ी में विराजमान रहती है. बधाण गढ़ी , जिसकी दूरी तय करने के लिये सड़क से लगभग डेढ़ किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई भक्तों को चढ़नी पड़ती है. लेकिन साल के पहले दिन मां के दर्शन करने पहुंचे भक्तों ने सुबह से ही मां के दरबार में पूजा अर्चना कर मन्नतें मांगी. गढ़वाल और कुमाऊं के बीच में बसा यह मंदिर आस्था का प्रतीक है.
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कुलदेवी मां के दर्शन करने से होती है संतान की प्राप्ति
कुलदेवी मां हर भक्तों की मुराद सुनती हैं और यहां आने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है. जिन दम्पतियों को संतान नहीं होती है, वो दम्पति मां बधाण गढ़ी में आकर संतान के लिये मां से मन्नत मांगते हैं. मां उन दम्पतियों की मनोकामना पूर्ण करती है.
मां पर भक्तों का अटूट विश्वास
मां बधाण गढ़ी पर भक्तों का अटूट विश्वास और आस्था देखने को मिलता है. यही वजह है कि यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में भक्तों का तांता लगा रहता है. भक्तों का कहना है कि मां उनकी हर मुराद पूरी करती हैं.