नैनीताल: हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने एक प्रस्ताव पास कर मुख्य न्यायाधीश से जोशीमठ की आपदा का संज्ञान लेने का आग्रह किया है. एसोसिएशन की ओर से बार एसोसिएशन सभागार में आयोजित बैठक में प्रस्ताव पास कर कहा गया कि जोशीमठ में लगातार भू धंसाव हो रहा है. घरों व भवनों में दरारें आ रही हैं. इससे यहां के लोग दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं.
जानकारी के अनुसार अभी तक शहर के 600 से ज्यादा घरों की दीवारों पर दरारें चिन्हित की गई हैं. ये दरारें बढ़ती जा रही हैं. परन्तु प्रशासन ने कुछ चुनिंदा लोगों को ही शिफ्ट किया है. प्रशासन द्वारा जनता की समस्या को नजरंदाज किया जा रहा है. उनके पुनर्वास के लिये रणनीति तैयार नहीं की गयी है. किसी भी समय जोशीमठ का यह इलाका तबाह हो सकता है.
एसोसिएशन के महासचिव विकास बहुगुणा की ओर से कहा गया कि बैठक में मुख्य न्यायाधीश से इस मामले का मानवता के आधार स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह किया गया है. उनके द्वारा यह भी कहा गया कि जोशीमठ क्षेत्र में हाइड्रो प्रोजेक्ट बनाये जा रहे हैं. जिसकी वजह से यह क्षेत्र और भी अति सवेदनशील हो गया है. ऐसे प्रोजेक्ट पर रोक लगाई जाए.
जोशीमठ में कई सुरंगें बनाई जा रही हैं. आये दिन इनको बनाने के लिए निर्माणरत कम्पनी के द्वारा 3 सौ से 4 सौ के बीच विस्फोट किये जा रहे हैं. इसकी वजह से यह क्षेत्र कमजोर हो गया है. भूमिगत पानी के स्रोत बंद होने से पानी जमीन पर बहने लगा है. इस समस्या के निराकरण के लिए सरकार को शीघ्र आदेश दिए जाएं. बैठक की अध्यक्षता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभाकर जोशी की ओर से की गयी. संचालन बहुगुणा ने किया.
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बैठक में उपाध्यक्ष महेन्द्र बिष्ट, प्रशांत जोशी, चरणजीत कौर, संयुक्त सचिव मुकेश कपरवाण, नवीन सिंह बिष्ट, कोषाध्यक्ष सिद्धार्थ जैन, पुुस्तकालध्यक्ष योगेश कुमार शर्मा के अलावा वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य शिवांगी गंगवार, भुवनेश जोशी, रमेश चंद्र जोशी, संजीव सिंह चौहान, तनुज सेमवाल व कनिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य नीति राणा, रजनी सुपयाल, कांति राम शर्मा व प्रेम प्रकाश भट्ट मौजूद रहे.